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टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरा, कहा: देश में बड़े उद्योगपतियों की सरकार

नाहन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. टिकैत ने कहा कि अगर यहां किसानों के हितों को ध्यान में रखकर काम नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा.

राकेश टिकैत
राकेश टिकैत
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Published : Aug 11, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 10:28 PM IST

नाहन: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत एक दिवसीय दौरे पर नाहन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर घेरा. टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार(Modi government) पर जमकर निशाना साधा. वहीं, प्रदेश की जयराम सरकार(Jairam Sarkar) को भी किसानों के मुद्दों पर घेरा. उन्होंने ऐलान किया कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों को लेकर उचित कदम नहीं उठाया, तो यहां भी किसान प्रदेश सरकार को सबक सिखाने के लिए आंदोलन करेंगे.

किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल तीन जोन में बंटा हुआ है, जहां पर धान की खेती होती है. गेहूं के साथ-साथ सब्जियों का भी यहां उत्पादन होता है. लिहाजा इन फसलों के क्रय केंद्र में बहुत दिक्कतें हैं. प्रधानमंत्री मोदी(PM Modi) कहते हैं कि एक बाजार कर दिया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले कुछ सुविधाएं ठीक थी, लेकिन नए कृषि कानून(new agricultural laws) के आने के बाद परेशानियां बढ़ गई.

वीडियो

टिकैत ने जयराम सरकार से मांग करते हुए कहा कि जहां पर धान की फसल होती है, वहां पर क्रय केंद्र खोला जाए. टिकैत ने कहा कि हिमाचल के बहुत से हिस्सों में सब्जियां होती हैं. यदि सिक्किम आर्गेनिक स्टेट(Sikkim Organic State) हो सकता है, तो हिमाचल(Himachal) क्यों नहीं. इस दिशा में भी यहां की सरकार को काम करना चाहिए. टिकैत ने कहा कि यहां पर सरकार काम नहीं कर रही, यदि किसानों के लिए काम नहीं किया तो यहां पर भी आंदोलन होंगे.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur)के गृह जिले में प्रस्तावित एयरपोर्ट के मामले में किसान नेता ने कहा कि मंडी की एक तलहटी में एयरपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित है. एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करनी है, तो उसका रेट भी तय होना चाहिए. फोरलेन में भी जिन किसानों की जमीनें गई, उन्हें भी उचित मुआवजा नहीं दिया गया. यहां का किसान अगर आंदोलन हल्का कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसान को लूटने का काम किया जाएगा.

सेब सहित फलदार पौधे ओलावृष्टि से बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने उसका मुआवजा भी तय नहीं किया. टिकैत ने कहा कि यदि इन सभी मुद्दों पर सरकार काम करेगी, तो ठीक है, वरना अन्य राज्यों की तर्ज पर आंदोलन किया जाएगा. टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक देश का किसान राजधानी दिल्ली को नहीं छोड़ेगा. हिमाचल के किसान भी इस आंदोलन में शामिल होकर आवाज बुलंद करेंगे. देश में बड़े उद्योगपतियों की सरकार चल रही है. जब तक इनकी सरकार रहेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

वहीं, जब राकेश टिकैत से यह सवाल किया गया कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को तिरंगा न लहराने की धमकी दी गई, तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बीजेपी का एक आईटी सेल है, उसमें यही काम होता है कि कैसे झूठी अफवाह फैलाई जाए.

ये भी पढ़ें:किन्नौर हादसा: राहत-बचाव कार्य के लिए हरियाणा और उत्तराखंड से आ रहे चॉपर

नाहन: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत एक दिवसीय दौरे पर नाहन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर घेरा. टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार(Modi government) पर जमकर निशाना साधा. वहीं, प्रदेश की जयराम सरकार(Jairam Sarkar) को भी किसानों के मुद्दों पर घेरा. उन्होंने ऐलान किया कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों को लेकर उचित कदम नहीं उठाया, तो यहां भी किसान प्रदेश सरकार को सबक सिखाने के लिए आंदोलन करेंगे.

किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल तीन जोन में बंटा हुआ है, जहां पर धान की खेती होती है. गेहूं के साथ-साथ सब्जियों का भी यहां उत्पादन होता है. लिहाजा इन फसलों के क्रय केंद्र में बहुत दिक्कतें हैं. प्रधानमंत्री मोदी(PM Modi) कहते हैं कि एक बाजार कर दिया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले कुछ सुविधाएं ठीक थी, लेकिन नए कृषि कानून(new agricultural laws) के आने के बाद परेशानियां बढ़ गई.

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टिकैत ने जयराम सरकार से मांग करते हुए कहा कि जहां पर धान की फसल होती है, वहां पर क्रय केंद्र खोला जाए. टिकैत ने कहा कि हिमाचल के बहुत से हिस्सों में सब्जियां होती हैं. यदि सिक्किम आर्गेनिक स्टेट(Sikkim Organic State) हो सकता है, तो हिमाचल(Himachal) क्यों नहीं. इस दिशा में भी यहां की सरकार को काम करना चाहिए. टिकैत ने कहा कि यहां पर सरकार काम नहीं कर रही, यदि किसानों के लिए काम नहीं किया तो यहां पर भी आंदोलन होंगे.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur)के गृह जिले में प्रस्तावित एयरपोर्ट के मामले में किसान नेता ने कहा कि मंडी की एक तलहटी में एयरपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित है. एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करनी है, तो उसका रेट भी तय होना चाहिए. फोरलेन में भी जिन किसानों की जमीनें गई, उन्हें भी उचित मुआवजा नहीं दिया गया. यहां का किसान अगर आंदोलन हल्का कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसान को लूटने का काम किया जाएगा.

सेब सहित फलदार पौधे ओलावृष्टि से बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने उसका मुआवजा भी तय नहीं किया. टिकैत ने कहा कि यदि इन सभी मुद्दों पर सरकार काम करेगी, तो ठीक है, वरना अन्य राज्यों की तर्ज पर आंदोलन किया जाएगा. टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक देश का किसान राजधानी दिल्ली को नहीं छोड़ेगा. हिमाचल के किसान भी इस आंदोलन में शामिल होकर आवाज बुलंद करेंगे. देश में बड़े उद्योगपतियों की सरकार चल रही है. जब तक इनकी सरकार रहेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

वहीं, जब राकेश टिकैत से यह सवाल किया गया कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को तिरंगा न लहराने की धमकी दी गई, तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बीजेपी का एक आईटी सेल है, उसमें यही काम होता है कि कैसे झूठी अफवाह फैलाई जाए.

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Last Updated : Aug 11, 2021, 10:28 PM IST
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