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स्कूली बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए मोगीनंद स्कूल ने निकाला फार्मूला, शुरू किया ये प्रोजेक्ट - हिमाचल की लेटेस्ट खबरें

मोबाइल के लगातार प्रयोग से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. लिहाजा बच्चों को सोशल मीडिया सहित मोबाइल की लत से बचाने के लिए नाहन विकासखंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मोगीनंद ने इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है, जिसके तहत मुस्कान प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है.

Muskaan project nahan
मुस्कान प्रोजेक्ट नाहन
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Published : Nov 8, 2020, 7:31 PM IST

नाहन: कोरोना के चलते पिछले कई महीनों से ऑनलाइन शिक्षा चल रही है और अधिकतर बच्चे मोबाइल के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई के अलावा बच्चे मोबाइल का भी काफी अधिक प्रयोग कर रहे हैं. यहां तक की सोशल मीडिया और विभिन्न तरह की गेम में भी व्यस्त दिखाई पड़ते हैं.

मोबाइल के लगातार प्रयोग से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. लिहाजा बच्चों को सोशल मीडिया सहित मोबाइल की लत से बचाने के लिए नाहन विकासखंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मोगीनंद ने इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है, जिसके तहत मुस्कान प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है.

वीडियो रिपोर्ट

इस प्रोजेक्ट के तहत कोरोना काल में मोगीनंद क्षेत्र के आसपास के 8 ग्रामीण क्षेत्रों में 8 पुस्तकालय मुस्कान नाम से खोले गए हैं. यह आठों पुस्तकालय मोगीनंद स्कूल के बच्चों द्वारा संचालित हैं, जिनमें कॉमिक्स, ज्ञानवर्धक पुस्तकों के अलावा सांप सीढ़ी, लूडो जैसी सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई है. स्कूल के विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री ने बताया कि बच्चों को मोबाइल की लत से बचाने के उद्देश्य से स्कूल ने मुस्कान प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसके तहत लघु पुस्तकालय खोले जा रहे हैं.

मोगीनंद और इसके आसपास के 8 गांव में इसकी शुरुआत की गई है. प्रारंभिक चरण में पुस्तकालय में 25-25 पुस्तकें रखी गई है. इनमें कॉमिक्स, स्कूल के विषयों के अलावा अन्य ज्ञानवर्धक पुस्तकें शामिल है. स्कूल ने कहीं पुस्तकें रद्दी वालों से खरीदी हैं. पुस्तकालयों का जिम्मा स्कूल के विद्यार्थी संभालते हैं. पुस्तकालय से पुस्तक लेकर जाने वाले बच्चे का रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है.

एक बच्चा पुस्तक 3 दिन से अधिक समय तक अपने पास नहीं रख सकता. पंचायत प्रधानों को भी इसमें शामिल किया जाएगा, ताकि वह अपने सहयोग से इसका विस्तार कर सकें. उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में अनिद्रा, देखने सुनने की क्षमता, कमजोर होना, सिर दर्द, आंखों में जलन, चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतें हो रही है.

मोगीनंद स्कूल ने हाल ही में सर्वे में इसका खुलासा किया था. लिहाजा इन समस्याओं के समाधान के लिए ही स्कूल ने मुस्कान प्रोजेक्ट शुरू किया. हालांकि, स्कूल ने शुरू किया गया यह प्रयास सराहनीय है, लेकिन देखना यह होगा कि इस दिशा में कितनी कामयाबी मिलती है.

पढ़ें: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 56 परिवारों को मिलेंगे स्वीकृति पत्र

नाहन: कोरोना के चलते पिछले कई महीनों से ऑनलाइन शिक्षा चल रही है और अधिकतर बच्चे मोबाइल के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई के अलावा बच्चे मोबाइल का भी काफी अधिक प्रयोग कर रहे हैं. यहां तक की सोशल मीडिया और विभिन्न तरह की गेम में भी व्यस्त दिखाई पड़ते हैं.

मोबाइल के लगातार प्रयोग से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. लिहाजा बच्चों को सोशल मीडिया सहित मोबाइल की लत से बचाने के लिए नाहन विकासखंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मोगीनंद ने इसका तोड़ निकालने का प्रयास किया है, जिसके तहत मुस्कान प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है.

वीडियो रिपोर्ट

इस प्रोजेक्ट के तहत कोरोना काल में मोगीनंद क्षेत्र के आसपास के 8 ग्रामीण क्षेत्रों में 8 पुस्तकालय मुस्कान नाम से खोले गए हैं. यह आठों पुस्तकालय मोगीनंद स्कूल के बच्चों द्वारा संचालित हैं, जिनमें कॉमिक्स, ज्ञानवर्धक पुस्तकों के अलावा सांप सीढ़ी, लूडो जैसी सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई है. स्कूल के विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री ने बताया कि बच्चों को मोबाइल की लत से बचाने के उद्देश्य से स्कूल ने मुस्कान प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसके तहत लघु पुस्तकालय खोले जा रहे हैं.

मोगीनंद और इसके आसपास के 8 गांव में इसकी शुरुआत की गई है. प्रारंभिक चरण में पुस्तकालय में 25-25 पुस्तकें रखी गई है. इनमें कॉमिक्स, स्कूल के विषयों के अलावा अन्य ज्ञानवर्धक पुस्तकें शामिल है. स्कूल ने कहीं पुस्तकें रद्दी वालों से खरीदी हैं. पुस्तकालयों का जिम्मा स्कूल के विद्यार्थी संभालते हैं. पुस्तकालय से पुस्तक लेकर जाने वाले बच्चे का रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है.

एक बच्चा पुस्तक 3 दिन से अधिक समय तक अपने पास नहीं रख सकता. पंचायत प्रधानों को भी इसमें शामिल किया जाएगा, ताकि वह अपने सहयोग से इसका विस्तार कर सकें. उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में अनिद्रा, देखने सुनने की क्षमता, कमजोर होना, सिर दर्द, आंखों में जलन, चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतें हो रही है.

मोगीनंद स्कूल ने हाल ही में सर्वे में इसका खुलासा किया था. लिहाजा इन समस्याओं के समाधान के लिए ही स्कूल ने मुस्कान प्रोजेक्ट शुरू किया. हालांकि, स्कूल ने शुरू किया गया यह प्रयास सराहनीय है, लेकिन देखना यह होगा कि इस दिशा में कितनी कामयाबी मिलती है.

पढ़ें: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 56 परिवारों को मिलेंगे स्वीकृति पत्र

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