नाहन: कृषि क्षेत्र में आज किसानों के लिए स्वरोजगार के अनेक विकल्प उपलब्ध हैं और यदि किसान, वैज्ञानिक तरीकों से खेती करता है तो वह अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर सकते हैं. कृषि में पुष्प उत्पादन भी एक बेहतर रोजगार का साधन बन रहा है और किसानों खासकर युवा किसान इसकी ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण सिरमौर जिले में नाहन क्षेत्र के तहत (Marigold flower farming in Sirmaur) आमवाला गांव के राहुल देव चौहान ने भी पेश किया है.
पुष्प वैज्ञानिकों की मदद से 5 बीघा में गेंदे की खेती: दरअसल राहुल ने धौलाकुआं के पुष्प वैज्ञानिकों की मदद से इस बार अपनी लगभग 5 बीघा भूमि पर विशेष गेंदे के फूल को लगाया है, जोकि उन्होंने खास तौर पर नवरात्रि उत्सव व दीपावली को देखते हुए तैयार किए हैं. इस समय उनके खेत गेंदा से महक रहे हैं. उनके खेतों से फूल बिकना भी शुरू हो गया है. पुष्प उत्पादन के लिए उन्होंने अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का भी प्लांट लगाया है, ताकि अच्छी खाद फूलों को दी जा सके.
मार्केट से मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स: राहुल ने बताया कि नवरात्रि व दीपावली पर्व के लिए उन्होंने ये खास गेंदा उगाया है और मार्केट से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इससे अन्य किसानों को भी एक संदेश जाएगा कि छोटे किसान भी इस तरह की खेती से अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. वहीं, दूसरी तरफ गेंदा एक ऐसा फूल है, जिसे जंगली जानवर व बंदर भी नुकसान नहीं पहुंचाते. साथ ही मार्केट में इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं.
पुष्प उत्पादन एक सक्सेस मॉडल: पुष्प उत्पादक राहुल देव चौहान ने (rahul dev chauhan flower grower) बताया कि उन्होंने फ्लोरीकल्चर विभाग धौलाकुआं के वैज्ञानिकों से संपर्क किया और फिर उनके दिशा निर्देशों के अनुसार पुष्प उत्पादन शुरू किया है. पुष्प उत्पादन सभी छोटे किसानो के लिए एक सक्सेस मॉडल है. किसानों को अपने खेतों में पुष्प की खेती करनी चाहिए, क्योंकि इसके साथ आप अन्य फसलें भी लगा सकते हैं. राहुल ने बताया कि नवरात्रि के लिए उन्हें लोग संपर्क कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी आय की उम्मीद है. कुल मिलाकर आमवाला में राहुल ने जो खेती का उदाहरण दिया है, उससे अन्य किसानों को भी एक स्वरोजगार का संदेश जा रहा है कि किसान कृषि से भी अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.
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