पांवटा साहिब: केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार एक तरफ स्कूलों में मूलभूत ढांचा सुदृढ़ करने और विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने का दावा तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावे खोखले नजर आते हैं. सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नघेता में पिछले दो वर्षों से अध्यापकों की कमी के चलते विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में (Lack of teachers in GSSS Nagheta) है. वहीं, बच्चों के भविष्य को अंधकार में देख अभिभावक भी खासे परेशान हैं.
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नघेता GSSS Nagheta Paonta Sahib) में आईटी (no IT teacher in Nagheta school), फिजिक्स और हिस्ट्री के अध्यापकों की कमी के चलते 320 विद्यार्थी पढ़ाई में कठिनाई महसूस कर रहे हैं. प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक से स्कूलों में अध्यापक भेजने की बार-बार मांग की गई ,बावजूद कोई सुध नहीं ली गई. जिससे अभिभावकों में खासा रोष है. आलम यह है कि स्कूल में बीते 2 सालों से आईटी, फिजिक्स और कुछ दिनों से हिस्ट्री टीचर का पद रिक्त चल रहा है. जिससे साइंस में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के आगे संकट खड़ा हो गया है. यही नहीं कुछ अध्यापकों के तबादले भी किए जा रहे हैं.
ऐसे में कुछ अभिभावक अपने बच्चों को इस स्कूल से हटाने की तैयारी में हैं ,ताकि वे किसी अन्य स्कूल में एडमिशन लेकर अपने बच्चे की पढ़ाई अच्छे से करवा सके. क्योंकि कुछ महीनों बाद बोर्ड की परीक्षाएं (no History teacher in Nagheta school) हैं. ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित है. अभिभावकों ने साफ चेतावनी दी है कि विभाग और प्रदेश सरकार शीघ्र खाली पदों को भरे नहीं तो मजबूरन उन्हें स्कूल से पलायन करना पड़ेगा. कहा कि नेताओं को इसका खामियाजा आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा. वहीं, स्कूल के प्रधानाचार्य दीप राम ने कहा कि उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया जा चुका और जल्दी समस्या का समाधान किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: किन्नौर के दर्जनों स्कूलों में अध्यापकों की कमी, अंधकार में डूबा छात्रों का भविष्य