ETV Bharat / city

गुरुद्वारा श्री दशमेश अस्थान में सजा कीर्तन दरबार, साहिबजादों को किया याद - Gurudwara Dashmesh Asthan Nahan

गुरुद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब में विशेष नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर गुरूद्वरा के प्रमुख ग्रंथी भाई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी का शहीदी दिवस पर उन्हें नमन किया जा रहा है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में संगतों ने गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष शीश नवाया.

Gurudwara Dashmesh Asthan Nahan
Gurudwara Dashmesh Asthan Nahan
author img

By

Published : Dec 27, 2020, 7:54 PM IST

नाहनः श्री गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत पर नाहन स्थित गुरुद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब में विशेष नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहीदी को याद करते हुए उन्होंने कहा की छोटी-छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने देश कोम के लिए शहीद होकर एक मिसाल कायम की हैं. इस अवसर पर बड़ी संख्या में संगतों ने गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष शीश नवाया.

गुरुद्वारा के प्रमुख ग्रंथी भाई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी का शहीदी दिवस पर उन्हें नमन किया जा रहा है. महज 9 और 7 साल की उम्र में शहीद हुए साहिबजादा जोरावर सिंह और फतह सिंह ने जुल्म के आगे सिर न झुकाकर जहां बेमिसाल शूरवीरता का परिचय दिया, वहीं सूबा सरहिंद वजीर खान ने उन्हें दीवार में चिनवाकर अत्याचार की सारी हदें लांघ दी. इस घटनाक्रम को 'साका सरहिंद' के नाम से याद किया जाता है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों, गुरु प्यारे सिखों और माता गुजरी जी की शहादत अधिकारों, सच और धर्म की रक्षा की मिसाल है. सिख इतिहास के इन पन्नों के बारे में संगत विशेषकर युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा से जानना चाहिए.

उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने अपना पूरा परिवार देश कौम के लिए न्यौछावर कर दिया, जिनकी याद में आज गुरुद्वारा परिसर में सर्वप्रथम अंखड पाठ साहिब की समाप्ति हुई. इसके बाद कीर्तन समागम का आयोजन किया गया और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. इस मौके पर यहां पहुंची संगतों के लिए गुरु के लंगर की भी व्यवस्था की गई.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में संकटमोचक बने देवभूमि के ये हीरो, हर मोर्चे पर डटे रहे कोरोना वॉरियर्स

नाहनः श्री गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत पर नाहन स्थित गुरुद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब में विशेष नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहीदी को याद करते हुए उन्होंने कहा की छोटी-छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने देश कोम के लिए शहीद होकर एक मिसाल कायम की हैं. इस अवसर पर बड़ी संख्या में संगतों ने गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष शीश नवाया.

गुरुद्वारा के प्रमुख ग्रंथी भाई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी का शहीदी दिवस पर उन्हें नमन किया जा रहा है. महज 9 और 7 साल की उम्र में शहीद हुए साहिबजादा जोरावर सिंह और फतह सिंह ने जुल्म के आगे सिर न झुकाकर जहां बेमिसाल शूरवीरता का परिचय दिया, वहीं सूबा सरहिंद वजीर खान ने उन्हें दीवार में चिनवाकर अत्याचार की सारी हदें लांघ दी. इस घटनाक्रम को 'साका सरहिंद' के नाम से याद किया जाता है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों, गुरु प्यारे सिखों और माता गुजरी जी की शहादत अधिकारों, सच और धर्म की रक्षा की मिसाल है. सिख इतिहास के इन पन्नों के बारे में संगत विशेषकर युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा से जानना चाहिए.

उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने अपना पूरा परिवार देश कौम के लिए न्यौछावर कर दिया, जिनकी याद में आज गुरुद्वारा परिसर में सर्वप्रथम अंखड पाठ साहिब की समाप्ति हुई. इसके बाद कीर्तन समागम का आयोजन किया गया और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. इस मौके पर यहां पहुंची संगतों के लिए गुरु के लंगर की भी व्यवस्था की गई.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में संकटमोचक बने देवभूमि के ये हीरो, हर मोर्चे पर डटे रहे कोरोना वॉरियर्स

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.