पांवटा साहिब: ऐतिहासिक पांवटा साहिब गुरुद्वारा में 338वें होला मोहल्ला के उत्सव पर शुक्रवार रात को कवि दरबार (kavi sammelan organized at paonta sahib Gurudwara ) सजाया गया. गुरुद्वारा साहिब से सजे कवि दरबार में हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी कवियों ने शिरकत की. कवियों ने इस दौरान गुरु की महिमा का बखान किया. कवि दरबार शुक्रवार देर रात शुरू हुआ जो शनिवार सुबह समाप्त होगा. इसमें विभिन्न राज्यों के 32 कवियों ने शिरकत की. कवि दरबार में इस बार मुस्लिम कवि भी पहुंचे हैं.
कहते हैं गुरु गोविंद सिंह जी को कविताएं लिखने का बहुत शौक था. वे अक्सर पूर्णिमा पर यहां रहते हुए यमुना नदी के किनारे कवि दरबार सजाया करते थे. इस दरबार में हर धर्म के कवि शिरकत कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत करते थे. तब से यहां पर हर आयोजन के दौरान विशेष कवि दरबार (Historic Paonta Sahib Gurdwara) जरूर लगाया जाता है.
कवि दरबार में पहुंचे कवियों ने बताया कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब में हमेशा कवियों का सम्मान किया जाता है. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी को भी कवि पसंद थे. उन्होंने यमुना के किनारे 52 कवियों के साथ कई रचनाएं लिखी थीं. उनके द्वारा लिखी गई रचनाएं आज भी कवि सुनाते हैं.
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष हरभजन सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब में दुनिया का पहला कवि दरबार (world first kavi darbar at Gurdwara Paonta Sahib) नामक स्थान बनाया गया. यहां पर हजारों की तादाद में संगति कवि दरबार में पहुंचकर कवियों की कथाएं सुन सकते हैं. इस बार मुस्लिम कवि ने भी अपनी रचनाओं से लोगों का दिल जीत लिया. वहीं, इस बार कवि दरबार को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
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