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Injured Soldier of Sirmaur: 4 महीने बाद जिंदगी की जंग हारा 26 वर्षीय सैनिक, दिल्ली के अस्पताल में तोड़ा दम

फरवरी माह में पांवटा साहिब में एक सड़क हादसे में घायल (Tika Ram died at delhi hospital) होने के बाद वह दिल्ली के सेना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे. दरअसल इस (Injured Soldier of Sirmaur) घटना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है. मात्र 7 महीने की बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया है. परिवार की पृष्ठभूमि सेना व पुलिस से जुड़ी है.

injured soldier of sirmaur Tika Ram
26 साल के सैनिक टीका राम
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Published : Jun 6, 2022, 5:39 PM IST

नाहन: करीब चार माह पहले सड़क हादसे में घायल हुए 26 साल के सैनिक टीका राम लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया. फरवरी माह में पांवटा साहिब में एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद वह दिल्ली के सेना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे. दरअसल इस घटना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है. मात्र 7 महीने की बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया है. परिवार की पृष्ठभूमि सेना व पुलिस से जुड़ी है.

शिलाई उपमंडल की झकांडों पंचायत के रहने वाले टीका राम (Tika Ram died at delhi hospital) उस समय सड़क हादसे में घायल हो गए थे, जब वह पठानकोट से छुट्टी लेकर घर आए थे. हादसे में घायल होने के बाद से ही 26 वर्षीय टीका राम (Injured Soldier of Sirmaur) कोमा में थे. पुलिस में तैनात बड़े भाई दिनेश ने बताया कि सड़क हादसे में उसे स्पाइनल इंजरी हुई थी. चार भाई-बहनों में टीका राम सबका लाडला इसलिए भी था, क्योंकि वह सबसे छोटा था. भारतीय सेना के जवान की पार्थिव देह को दिल्ली से वापस पैतृक गांव लाया जा रहा है. निधन की खबर के बाद क्षेत्र में भी शोक की लहर है.

नाहन: करीब चार माह पहले सड़क हादसे में घायल हुए 26 साल के सैनिक टीका राम लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया. फरवरी माह में पांवटा साहिब में एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद वह दिल्ली के सेना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे. दरअसल इस घटना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है. मात्र 7 महीने की बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया है. परिवार की पृष्ठभूमि सेना व पुलिस से जुड़ी है.

शिलाई उपमंडल की झकांडों पंचायत के रहने वाले टीका राम (Tika Ram died at delhi hospital) उस समय सड़क हादसे में घायल हो गए थे, जब वह पठानकोट से छुट्टी लेकर घर आए थे. हादसे में घायल होने के बाद से ही 26 वर्षीय टीका राम (Injured Soldier of Sirmaur) कोमा में थे. पुलिस में तैनात बड़े भाई दिनेश ने बताया कि सड़क हादसे में उसे स्पाइनल इंजरी हुई थी. चार भाई-बहनों में टीका राम सबका लाडला इसलिए भी था, क्योंकि वह सबसे छोटा था. भारतीय सेना के जवान की पार्थिव देह को दिल्ली से वापस पैतृक गांव लाया जा रहा है. निधन की खबर के बाद क्षेत्र में भी शोक की लहर है.

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