नाहन: हिमाचल प्रदेश में वीरवार से डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर (HP doctors Pen down strike) चले गए हैं. छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों के विरोध में अब चिकित्सकों का संयुक्त मोर्चा सामने आया है, जिसमें वेटरनरी, एलोपैथी व आयुर्वेद से लेकर सभी श्रेणियां शामिल हैं. इसी के तहत डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन के डॉक्टर्स भी सुबह साढ़े 9 से साढ़े 11 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे. इस दौरान करीब 2 घंटे मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रही.
मेडिकल एसोसिएशन नाहन (Medical Association Nahan) के पदाधिकारी डॉ. प्रवेश अग्रवाल ने बताया कि वीरवार से विभिन्न श्रेणियों के डॉक्टर्स 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों के साथ वेतन विसंगतियां सामने (doctors protest against pay discrepancies) आई हैं. चार प्रमुख बिंदुओं पर संघ संयुक्त मोर्चा के साथ खड़ा है. वेटरनरी डॉक्टरों का उच्चतर वेतनमान पंजाब में 2 लाख 37 हजार है, तो हिमाचल ने इसे 2 लाख 18 हजार पर फ्रीज कर दिया है. वेतनमान पंजाब से कम क्यों किया गया है इस पर रोष है. ऐसे में मांग है कि पंजाब की तर्ज पर वेतनमान दिया जाए.
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि 2015 में बेसिक पे कम बढ़ाई गई. हर डॉक्टर को 10 से 20 हजार तक कम बेसिक पे बनाई गई. अब मौजूदा सरकार ने तीन जनवरी के बाद डायनेमिक एश्योर्ड कैरियर इंश्योरेंस स्कीम बंद कर दी है, इसे बहाल किया जाए. चौथा अनुबंध पर कार्यरत डॉक्टरों को न्यूनतम बेसिक पे दी जाए न की उन्हें बेसिक पे का 60 प्रतिशत पर फिक्स किया जाए. इससे डॉक्टरों का वेतन कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार डॉक्टरों की मांगों को जल्द पूरा नहीं करती, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार डॉक्टर 10 से 17 फरवरी तक पेन डाउन स्ट्राइक (HP doctors Pen down strike) पर रहेंगे. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह आंदोलन का पहला चरण होगा. फिर भी सरकार ने मांगें न मानी तो मास कैजुअल लीव पर होंगे. इसके बाद भी पक्ष में फैसला न आया तो अगला कड़ा कदम उठाएंगे. उस स्थिति में आंदोलन और तेज होगा.
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