नाहन: प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विकास के बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के शिक्षा खंड सराहां के तहत एक स्कूल ऐसा भी है, जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. भले ही स्कूलों को शिक्षा के मंदिर का दर्जा दिया जाता हो, लेकिन यहां शिक्षा कम ओर खतरे के बादल ज्यादा मंडरा रहे हैं. दरअसल राजकीय प्राथमिक पाठशाला चांडोग (Government Primary School Chandog) ऐसा विद्यालय है, जिसका अस्तित्व खतरे में है.
आलम यह है कि वर्ष 1997 में विद्यालय की स्थापना की गई थी. उस वक्त बजट की कमी के चलते बड़ी कठिनाई से इस विद्यालय का निर्माण किया गया था, लेकिन अब 24 साल के बाद ही स्कूल भवन की छत जर्जर (Government primary school Chandog building) हालत में है. इसके चलते बच्चों का उसमे बैठना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि छत से मटेरियल गिर रहा है. साथ ही सरिया सड़ चुका है. लेंटर में दरारें आ चुकी हैं और बरसात के मौसम में पानी टपकता है.
पानी स्कूल भवन में घुस जाता है. स्कूल में बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. इसके लिए अभिभावकों ने डेस्क की व्यवस्था करने की मांग की है. साथ ही स्कूल भवन की जर्जर हालत पर एक एस्टीमेट बनाकर स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा जिला सिरमौर के प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय (Elementary Education Deputy Director Office Sirmaur) में सभी दस्तावेजों सहित फाइल जमा करवाई गई है. इसमें मांग की गई है कि विद्यालय की जर्जर हालत को देखते हुए अतिशीघ्र बजट विभाग मुहैया करवाए, ताकि जल्द से जल्द लेंटर को डिस्मेंटल करवाकर नई छत डलवाई जाए.
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वहीं. दूसरी ओर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भेखा नंद वर्धन ने संबंधित विभाग से जल्द बजट उपलब्ध करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यदि समय रहते विभाग उचित कदम नहीं उठाता है, तो स्कूल प्रबंधन समिति स्कूल भवन पर ताला जड़ देगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग (Education Department in Sirmaur) व सरकार की होगी.
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