नाहन: किसानों की आय को दोगुना करने के मकसद से एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत सिरमौर जिला के लहसुन की फसल का चयन किया गया है. केंद्र व प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों से एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की गई है, जिसके तहत किसी भी जिला के एक उत्पाद का चयन किया जाता है, ताकि जिला की एक अलग पहचान बन सके.
इस योजना के तहत पिछले 3 साल के उत्पादन के आंकड़ों को देखते हुए जिला सिरमौर से लहसुन की फसल का चयन किया गया है. बता दें कि जिला में लहसुन का बंपर उत्पादन होता है, जिसे न केवल साउथ की मंडियों बल्कि देश के कई हिस्सों में सप्लाई होता है.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत सिरमौर जिला से लहसुन की फसल का चयन किया गया है. पिछले तीन सालों में जिला में लहसुन का उत्पादन काफी ज्यादा है और हर साल इसके उत्पादन में वृद्धि हो रही है. डीसी ने बताया कि जिला का लहसुन साउथ की मंडियों तक जा रहा है. इसकी वैल्यू एडिशन के लिए नाबार्ड व कृषि विभाग से चर्चा की गई है. प्रशासन का प्रयास है कि लहसुन का पेस्ट तैयार किया जाए.
डॉ. आरके परूथी ने बताया कि जिला का ददाहू सेंट्रल प्लेस है, जहां पर एक किसान उत्पादन संगठन बनाया जा रहा है, जिसमें जिला से 100 किसानों को इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन के गठन से किसानों को उनके लहसुन उत्पादन के उचित दाम प्राप्त होंगे. वहीं, किसानों को आसानी से अपने उत्पादों की विपणन की सुविधा मिलेगी.
डीसी ने बताया कि ददाहू में बागवानी विभाग का फार्म हैं, जहां पर 35 बीघा जमीन है, जिसमें से उक्त यूनिट के लिए कुछ जमीन उपलब्ध करवाई जा सकती है. ददाहू जो स्थान है, वह वेल कन्टेक्टिड है. मार्केट भी समीप है. डीसी ने कहा कि ऐसे में यदि हम लहसुन की प्रोसेसिंग की दिशा में जाएंगे, तो आने वाले समय में आयुर्वेदिक उत्पाद लहसून के जो कैप्सूल बनते हैं, वह भी यहां बनाए जा सकते है.
डॉ. आरके परूथी ने कहा कि जिला प्रशासन के ऐसे प्रयास है कि ददाहू क्षेत्र एक ऐसा हब बने, जहां पर कृषि उत्पादन की जो भी प्रोसेसिंग है, उसकी वैल्यू एडिशन यहां की जा सके. कुल मिलाकर एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत किसानों की आय को दोगुना करने के लिए आगामी 5 वर्षों में जिला सिरमौर में 6 किसान उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
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