नाहन: फास्ट ट्रैक कोर्ट सिरमौर के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार की अदालत ने गुरुवार को नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है. अदालत ने इस मामले में दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपये जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अदालत में मामले की पैरवी जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने की.
मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया कि यह मामला दिसंबर 2018 का है. मामले में पीड़िता की मां ने 7 फरवरी 2019 को राजगढ़ पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में बताया गया था कि दोषी तरसेम लाल उर्फ पप्पू पुत्र मुल्कराज निवासी डाकघर भटोली कलां, जिला गुरदासपुर पंजाब ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया. दोषी व्यक्ति पीड़िता के पिता के पास चालक की नौकरी करता था.
दुष्कर्म की घटना के बाद किसी तरह पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर अपनी मां को आपबीती सुनाई. नाबालिग ने बताया कि वह आरोपी के डर से पहले नहीं बता सकी, क्योंकि आरोपी ने उसे डराया हुआ था. आरोपी स्कूल की छुट्टियों के दौरान उसके माता-पिता की अनुपस्थिति में उसके घर आता था और उसके साथ जबरन दुष्कर्म करता था. इस पर राजगढ़ पुलिस थाना में दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने मामले में तफ्तीश पूरी करने के बाद अदालत में चालान पेश किया.
जिला न्यायवादी ने बताया कि इसी मामले में अदालत ने दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना न देने की सूरत में छह मास का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. वहीं पॉक्सो एक्ट में अदालत ने दोषी को पांच साल की सजा व पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. जिला न्यायवादी ने बताया कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. जिला न्यायवादी ने बताया कि आज गुरुवार को को फास्ट ट्रैक कोर्ट में 9 गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई.