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अदालत ने दुष्कर्म का प्रयास करने वाले दोषी को सुनाई सजा, 2015 में सामने आया था मामला

सिरमौर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को साल 2015 में दुष्कर्म की कोशिश करने वाले दोषी को सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी को पोक्सो एक्ट और आईपीसी की धारा 506 के तहत दोषी करार देते हुए चार माह की कठोर कारावार और दो माह की साधारण कारावास की की सजा सुनाते हुए तीन हजार का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी ने साल 25 मार्च 2017 को अदालत में सरेंडर किया था.

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Published : Sep 24, 2021, 7:44 PM IST

नाहन: जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी किशन स्वरूप पुत्र सावन राम गांव क्योरी तहसील नाहन को पोक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी को 4 माह के कठोर कारावास के साथ 1500 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इसके साथ-साथ अदालत ने आईपीसी की धारा 506 के तहत भी उक्त दोषी को 2 माह के साधारण कारावास व 1500 रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी.

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी भीमानंद शांडिल ने बताया कि वर्ष 2015 में जब पीड़ित की आयु 15 वर्ष 3 माह थी, तब वह 14 नवंबर 2015 को करीब दोपहर 12 बजे अपने पशुओं को खेतों में चारा खिला रही थी. इसी बीच दोषी किशन ने शराब के नशे में वहां आया और पीड़िता की बाजू पकड़कर उसे खाले में चलने को कहने लगा. दोषी की ऐसी हरकत देख पीड़िता भी अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख सकी और दोषी को थप्पड़ मार दिया. इस पर दोषी फिर से उसे जबरन दोबारा नाले की तरफ ले जाने की कोशिश करने लगा. पीड़िता के जोर से चीखने पर दोषी ने आरोपी ने उसे छोड़ दिया. साथ ही आरोपी ने जाते समय उसे धमकी भी दी कि वह उसकी लज्जा भंग कर देगा.

जिला न्यायवादी ने बताया कि इस पर नाहन पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया था. वारदात को अंजाम देने के बाद लंबे अरसे तक दोषी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया. 25 मार्च 2017 को दोषी पाए गए किशन स्वरूप ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सरेंडर कर दिया था. जिला न्यायवादी ने बताया कि गवाहों के बयानों के आधार पर शुक्रवार को अदालत ने किशन स्वरूप को दोषी पाते हुए सजा के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में हर साल बिकती है 1500 करोड़ की दारू, पांच साल पहले सरकार ने खुद संभाल लिया था शराब का थोक कारोबार

नाहन: जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी किशन स्वरूप पुत्र सावन राम गांव क्योरी तहसील नाहन को पोक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी को 4 माह के कठोर कारावास के साथ 1500 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इसके साथ-साथ अदालत ने आईपीसी की धारा 506 के तहत भी उक्त दोषी को 2 माह के साधारण कारावास व 1500 रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी.

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी भीमानंद शांडिल ने बताया कि वर्ष 2015 में जब पीड़ित की आयु 15 वर्ष 3 माह थी, तब वह 14 नवंबर 2015 को करीब दोपहर 12 बजे अपने पशुओं को खेतों में चारा खिला रही थी. इसी बीच दोषी किशन ने शराब के नशे में वहां आया और पीड़िता की बाजू पकड़कर उसे खाले में चलने को कहने लगा. दोषी की ऐसी हरकत देख पीड़िता भी अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख सकी और दोषी को थप्पड़ मार दिया. इस पर दोषी फिर से उसे जबरन दोबारा नाले की तरफ ले जाने की कोशिश करने लगा. पीड़िता के जोर से चीखने पर दोषी ने आरोपी ने उसे छोड़ दिया. साथ ही आरोपी ने जाते समय उसे धमकी भी दी कि वह उसकी लज्जा भंग कर देगा.

जिला न्यायवादी ने बताया कि इस पर नाहन पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया था. वारदात को अंजाम देने के बाद लंबे अरसे तक दोषी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया. 25 मार्च 2017 को दोषी पाए गए किशन स्वरूप ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सरेंडर कर दिया था. जिला न्यायवादी ने बताया कि गवाहों के बयानों के आधार पर शुक्रवार को अदालत ने किशन स्वरूप को दोषी पाते हुए सजा के आदेश जारी किए.

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