नाहनः सिरमौर प्रशासन की ओर से जिला में कोरोना काल से पहले चलाए गए पॉली ब्रिक्स अभियान के बेहतरीन प्रयासों को अब पीएमओ कॉफी टेबल बुक में स्थान दिया गया है. पीएमओ की कॉफी टेबल बुक में पॉली ब्रिक्स पर आधारित आर्टिकल का प्रकाशित होना हिमाचल सहित जिला सिरमौर के लिए गौरवमयी अवसर होगा. पीएमओ से पॉली ब्रिक्स पर आधारित आर्टिकल भिजवाने के निर्देश जिला प्रशासन को मिले हैं.
दरअसल, जिला को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए पॉली ब्रिक्स विधि के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में कुछ ही समय पहले केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग समिति ने प्रथम चरण में देश भर से भेजे गए 958 आवेदनों में जिला सिरमौर को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 12 जिलों में शामिल किया गया था, जिसमें डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी का नाम भी शॉर्टलिस्ट हुआ है. अब चयनित सभी 12 डीसी को अपने विचार से संबंधित आर्टिकल भेजने का मौका पीएमओ की तरफ से मिला है.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड 2020 के लिए जिला से पॉली ब्रिक्स का कॉन्सेप्ट प्रेषित किया गया था, जिसमें देशभर में शीर्ष 12 जिलों की सूची में जिला सिरमौर को पॉली ब्रिक्स के लिए चयनित किया गया. इसी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर कॉफी टेबल बुक बनती है, उसमें पॉलीब्रिक्स के कंसेप्ट के तहत आर्टिकल भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि आर्टिकल में पॉली ब्रिक्स के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है.
डीसी सिरमौर ने बताया कि अमूमन घरों से निकलने वाले पॉलिथीन को लोग फेंक देते हैं, जिसके समाधान के लिए प्रशासन ने पॉलीब्रिक्स अभियान की शुरुआत की थी. पॉलीब्रिक्स बनाने के बाद उसके अनेक प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं, जिसमें बाउंड्री वॉल, बेंच, फ्लावर पोट, पॉली टायलेट आदि शामिल है. जिला सिरमौर में स्वयं सहायता समूह सहित अन्य सभी का इस कार्य में योगदान है. यह बहुत गौरव की बात है कि सिरमौर का आर्टिकल भी उक्त बुक में प्रकाशित होगा.
उल्लेखनीय है कि डीसी सिरमौर के प्रयासों से कोरोना काल से पूर्व जिला में बड़े पैमाने पर पॉलिथीन एकत्रित कर पॉलीब्रिक्स बनाने का अभियान शुरू किया गया था, जिसमें पंचायतों, स्कूलों, स्वयं सेवी संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों सहित आमजन को बड़े स्तर पर जोड़ने का प्रयास किया गया. हजारों की तादाद में न केवल पॉलीब्रिक्स बनाई गई, बल्कि कई कार्यों में इनका इस्तेमाल भी किया गया. यही वजह है कि जिला में बड़े पैमाने पर छेड़ी गई इस मुहिम को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है.
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