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करसोग में रक्षाबंधन के लिए महिलाओं की अनूठी पहल, चीड़ की पत्तियों से बनाई राखी

करसोग में ये पहली बार है कि बहनों ने खुद अपने हाथों से चीड़ की पत्तियों से राखी तैयार करके भाइयों को भेजी है. ऐसे में इन क्षेत्रों की बहुत सारी महिलाओं ने बाजार में राखी न खरीद कर अपने हाथों से बनी हुई राखियां अपने भाइयों को भेजी है.

rakhi with pine leaves
चीड़ की पत्तियों से राखी
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Published : Aug 3, 2020, 12:32 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 12:53 PM IST

करसोग: उपमंडल करसोग के तहत पड़ने वाली सवा माहूं सहित आसपास की पंचायतों की महिलाओं ने इस बार भाई बहन के पवित्र रिश्ते रक्षाबंधन के पर्व पर अनूठी पहल की है. यहां सवा माहूं, टटमो, भवनाडा व बगड़ा माहूं पंचायत की महिलाओं ने चीड़ की पत्तियों से राखियां तैयार की हैं.

करसोग में ये पहली बार है कि बहनों ने खुद अपने हाथों से चीड़ की पत्तियों से राखी तैयार करके भाइयों को भेजी हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों की बहुत सारी महिलाओं ने बाजार में राखी न खरीद कर अपने हाथों से बनी हुई राखियां अपने भाइयों को भेजी हैं. वनमंडलाधिकारी आरके शर्मा के सहयोग से हाल ही में सवा माहूं में एक शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें मास्टर ट्रेनर रितिका ठाकुर ने महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से सामान तैयार करना सिखाया था.

वीडियो रिपोर्ट

इस दौरान महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से तैयार सामान को ऑनलाइन मार्केटिंग की भी जानकारी उपलब्ध करवाई गई थी. महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से टोकरी, फूलों के गुलदस्ते, मैट, टेबल कवर व पर्स आदि तैयार करने के बारे में बताया गया था. इस शिविर में आई सभी महिलाओं ने चीड़ की पत्तियों से राखी के कई तरह के डिजाइन तैयार करना भी सीखा और रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर चीड़ की पत्तियों से तैयार की गई राखियां भाइयों की कलाई पर बांधने को भेजी है.

सवा माहूं महिला मंडल की प्रधान तवारकु देवी ने बताया कि सवा माहूं में वनमण्डलाधिकारी के सहयोग से एक शिविर लगाया गया था. इस शिविर में महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से प्रोडक्ट तैयार करने की जानकारी दी गई थी. इस दौरान महिलाओं ने चीड़ की पत्तियों से राखियां बनाना भी सीखा. महिलाओं ने इस बार घर पर ही राखियां तैयार की है. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह से उत्पाद तैयार कर हम स्वदेशी वस्तुओं को अधिक महत्व दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें: रविवार को मंडी में कोरोना के कुल 11 मामले आए सामने, दो लोगों ने दी कोरोना को मात

करसोग: उपमंडल करसोग के तहत पड़ने वाली सवा माहूं सहित आसपास की पंचायतों की महिलाओं ने इस बार भाई बहन के पवित्र रिश्ते रक्षाबंधन के पर्व पर अनूठी पहल की है. यहां सवा माहूं, टटमो, भवनाडा व बगड़ा माहूं पंचायत की महिलाओं ने चीड़ की पत्तियों से राखियां तैयार की हैं.

करसोग में ये पहली बार है कि बहनों ने खुद अपने हाथों से चीड़ की पत्तियों से राखी तैयार करके भाइयों को भेजी हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों की बहुत सारी महिलाओं ने बाजार में राखी न खरीद कर अपने हाथों से बनी हुई राखियां अपने भाइयों को भेजी हैं. वनमंडलाधिकारी आरके शर्मा के सहयोग से हाल ही में सवा माहूं में एक शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें मास्टर ट्रेनर रितिका ठाकुर ने महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से सामान तैयार करना सिखाया था.

वीडियो रिपोर्ट

इस दौरान महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से तैयार सामान को ऑनलाइन मार्केटिंग की भी जानकारी उपलब्ध करवाई गई थी. महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से टोकरी, फूलों के गुलदस्ते, मैट, टेबल कवर व पर्स आदि तैयार करने के बारे में बताया गया था. इस शिविर में आई सभी महिलाओं ने चीड़ की पत्तियों से राखी के कई तरह के डिजाइन तैयार करना भी सीखा और रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर चीड़ की पत्तियों से तैयार की गई राखियां भाइयों की कलाई पर बांधने को भेजी है.

सवा माहूं महिला मंडल की प्रधान तवारकु देवी ने बताया कि सवा माहूं में वनमण्डलाधिकारी के सहयोग से एक शिविर लगाया गया था. इस शिविर में महिलाओं को चीड़ की पत्तियों से प्रोडक्ट तैयार करने की जानकारी दी गई थी. इस दौरान महिलाओं ने चीड़ की पत्तियों से राखियां बनाना भी सीखा. महिलाओं ने इस बार घर पर ही राखियां तैयार की है. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह से उत्पाद तैयार कर हम स्वदेशी वस्तुओं को अधिक महत्व दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें: रविवार को मंडी में कोरोना के कुल 11 मामले आए सामने, दो लोगों ने दी कोरोना को मात

Last Updated : Aug 3, 2020, 12:53 PM IST
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