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100 दिन में 2500 KM सफर तय करने का सपना, पश्चिम बंगाल के मिलन कुमार माझी पहुंचे हिमाचल

22 फरवरी को हुबली से पैदल यात्रा शुरू कर 60वें दिन 1800 किलोमीटर का सफर तय कर पश्चिम बंगाल के मिलन कुमार माझी सुंदरनगर पहुंचे (Milan Kumar Majhi reached Sundernagar) हैं. मिलन कुमार का बचपन से ही लेह-लद्दाख और खारदुंगला बाइक पर जाने का सपना था, लेकिन परिवार की आर्थिक के कारण वह नई तो क्या पुरानी बाइक भी नहीं खरीद पाए. उन्होंने करीब 100 दिन के अंदर लेह-लद्दाख पहुंचने का लक्ष्य रखा है.

Milan Kumar Majhi reached Sundernagar
मिलन कुमार माझी पहुंचे सुंदरनगर
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Published : Apr 22, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 2:50 PM IST

मंडी/सुंदरनगर: कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो उसे कभी असफलता नहीं मिलती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पश्चिम बंगाल के मिलन कुमार माझी ने. आर्थिक तंगी के कारण वह पैदल ही अपने सपने को पूरा करने के लिए घर से निकर पड़े. उन्होंने करीब 100 दिन के अंदर लेह-लद्दाख पहुंचने का लक्ष्य रखा है. मिलन ने 22 फरवरी को पश्चिम बंगाल के हुबली यात्रा की शुरुआत की है. फिलहाल उन्हें घर से निकले 60 दिन हो गए हैं और वह हिमाचल के जिला मंडी के सुंदरनगर पहुंच चुके (Milan Kumar Majhi reached Sundernagar) हैं. अब तक वे पैदल 1800 किलोमीटर का सफर कर चुके हैं.

मिलन कुमार माझी का बचपन से ही लेह-लद्दाख और खारदुंगला बाइक पर जाने का सपना था, लेकिन परिवार की आर्थिक के कारण वह नई तो क्या पुरानी बाइक भी नहीं खरीद पाए. जिसके चलते उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए यह फैसला (West Bengal Milan Kumar Majhi) लिया. मिलन कुमार माझी ने अब 100 दिनों के अंदर 2500 किलोमीटर सफर कर लेह-लद्दाख और खारदुंगला पहुंचने का लक्ष्य रखा है.

मिलन कुमार माझी पहुंचे सुंदरनगर

सुंदरनगर पहुंचने पर स्थानीय समाजसेवियों संगठनों ने उनकी खूब आवभगत की और यात्रा के लिए आर्थिक मदद की भी पेशकश की, लेकिन मिलन कुमार ने इस कबूल करना गवारा न समझा. उसने कहा कि जो सपना उसने देखा है वह अपने दम पर ही पूरा करेगा. जिसे पूरा करने के लिए वह रोजाना 30 किलोमीटर पैदल सफर करते हैं. सुबह व दोपहर का भोजन वह खुद अपने पैसे से करते हैं और जहां रात्रि ठहराव होता है. वहां लोग उसे खाना खिला देते हैं.

ये भी पढ़ें: दिव्यांग सन्नी ठाकुर ने 1600 KM का सफर किया पूरा, रिकॉर्ड बनाने का दावा

मंडी/सुंदरनगर: कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो उसे कभी असफलता नहीं मिलती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पश्चिम बंगाल के मिलन कुमार माझी ने. आर्थिक तंगी के कारण वह पैदल ही अपने सपने को पूरा करने के लिए घर से निकर पड़े. उन्होंने करीब 100 दिन के अंदर लेह-लद्दाख पहुंचने का लक्ष्य रखा है. मिलन ने 22 फरवरी को पश्चिम बंगाल के हुबली यात्रा की शुरुआत की है. फिलहाल उन्हें घर से निकले 60 दिन हो गए हैं और वह हिमाचल के जिला मंडी के सुंदरनगर पहुंच चुके (Milan Kumar Majhi reached Sundernagar) हैं. अब तक वे पैदल 1800 किलोमीटर का सफर कर चुके हैं.

मिलन कुमार माझी का बचपन से ही लेह-लद्दाख और खारदुंगला बाइक पर जाने का सपना था, लेकिन परिवार की आर्थिक के कारण वह नई तो क्या पुरानी बाइक भी नहीं खरीद पाए. जिसके चलते उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए यह फैसला (West Bengal Milan Kumar Majhi) लिया. मिलन कुमार माझी ने अब 100 दिनों के अंदर 2500 किलोमीटर सफर कर लेह-लद्दाख और खारदुंगला पहुंचने का लक्ष्य रखा है.

मिलन कुमार माझी पहुंचे सुंदरनगर

सुंदरनगर पहुंचने पर स्थानीय समाजसेवियों संगठनों ने उनकी खूब आवभगत की और यात्रा के लिए आर्थिक मदद की भी पेशकश की, लेकिन मिलन कुमार ने इस कबूल करना गवारा न समझा. उसने कहा कि जो सपना उसने देखा है वह अपने दम पर ही पूरा करेगा. जिसे पूरा करने के लिए वह रोजाना 30 किलोमीटर पैदल सफर करते हैं. सुबह व दोपहर का भोजन वह खुद अपने पैसे से करते हैं और जहां रात्रि ठहराव होता है. वहां लोग उसे खाना खिला देते हैं.

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Last Updated : Apr 23, 2022, 2:50 PM IST
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