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मंडी में ट्रेड यूनियनों का सम्मेलन, 28-29 मार्च को केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का निर्णय - citu attacks on himachal government

सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने (citu state general secretary prem gautam) कहा कि आगामी 28-29 मार्च को दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मजदूर दो दिन की हड़ताल (workers strike in himachal) करने जा रहे हैं. उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियां लागू करने का भी आरोप लगाया है.

trade unions conference in mandi himachal pradesh
मंडी में ट्रेड यूनियनों का सम्मेलन
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Published : Mar 12, 2022, 2:09 PM IST

मंडी: आगामी 28 और 29 मार्च को सीटू के बैनर तले विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जाएगी. यह निर्णय शनिवार को विभिन्न संगठनों के सम्मेलन में लिया गया. मजदूर संगठनों का यह सम्मेलन मंडी शहर के ताराचंद भवन (trade unions conference in mandi) में संपन्न हुआ. अधिवेशन की अध्यक्षता सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम (citu state general secretary prem gautam) ने की. इस मौके पर सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे.

सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने (citu state general secretary prem gautam) कहा कि आगामी 28-29 मार्च को दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मजदूर दो दिन की हड़ताल (workers strike in himachal) करने जा रहे हैं. उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियां लागू करने का भी आरोप लगाया है. वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार लगातार मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर रही है और स्थायी रूप के रोजगार खत्म करके अब ऑउटसोर्स और फिक्स्ड टर्म वाले रोजगार दिए जा रहे हैं. कम वेतन पर अल्प अवधि के रोजगार दिये जा रहे हैं और बड़ी-बड़ी कम्पनियों को फायदा देने के लिए श्रम कानूनों को बदला जा रहा है.

प्रेम गौतम ने कहा कि सरकार सभी सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों को कौड़ियों के भाव पूंजीपतियों को बेच रही है. सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं कम की जा रही है और अब काम करने के घण्टे भी आठ से बढ़ा कर 10-12 किए जा रहे हैं. जब देश की मेहनतकश जनता कोविड महामारी से जूझ रही थी, इस बीच सरकार ने मजदूरों और किसानों के खिलाफ काले कानून पास करवा दिए. जिसका मजदूरों और किसानों ने डटकर मुकाबला किया. अब मजदूर विरोधी श्रम कानूनों को रद्द करने के लिए देशव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैं.

वहीं, इस मौके पर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार (citu attacks on himachal government) मनरेगा मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है. उन्हें मात्र 203 रुपये दिहाड़ी दी जा रही है. जबकि अन्य मजदूरों को सरकार 350 रुपये दिहाड़ी दे रही है. सरकार ने मनरेगा, बाल विकास और मिड-डे मील योजना के लिए बजट में कटौती कर दी है. 28 व 29 मार्च को आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, आशा, मनरेगा, सड़क निर्माण, सफाई, आउटसोर्स, सीवरेज, रेहड़ी-फहड़ी, बिजली मजदूर यूनियनें अपनी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करने जा रही है. जिसके तहत मंडी, जोगिंदर नगर, सरकाघाट और बालीचौकी में प्रदर्शन किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: यूपी, उत्तराखंड की तरह हिमाचल में भी रिपीट होगी सरकार ? क्या है इतिहास और मौजूदा हालात

मंडी: आगामी 28 और 29 मार्च को सीटू के बैनर तले विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जाएगी. यह निर्णय शनिवार को विभिन्न संगठनों के सम्मेलन में लिया गया. मजदूर संगठनों का यह सम्मेलन मंडी शहर के ताराचंद भवन (trade unions conference in mandi) में संपन्न हुआ. अधिवेशन की अध्यक्षता सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम (citu state general secretary prem gautam) ने की. इस मौके पर सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे.

सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने (citu state general secretary prem gautam) कहा कि आगामी 28-29 मार्च को दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मजदूर दो दिन की हड़ताल (workers strike in himachal) करने जा रहे हैं. उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियां लागू करने का भी आरोप लगाया है. वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार लगातार मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर रही है और स्थायी रूप के रोजगार खत्म करके अब ऑउटसोर्स और फिक्स्ड टर्म वाले रोजगार दिए जा रहे हैं. कम वेतन पर अल्प अवधि के रोजगार दिये जा रहे हैं और बड़ी-बड़ी कम्पनियों को फायदा देने के लिए श्रम कानूनों को बदला जा रहा है.

प्रेम गौतम ने कहा कि सरकार सभी सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों को कौड़ियों के भाव पूंजीपतियों को बेच रही है. सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं कम की जा रही है और अब काम करने के घण्टे भी आठ से बढ़ा कर 10-12 किए जा रहे हैं. जब देश की मेहनतकश जनता कोविड महामारी से जूझ रही थी, इस बीच सरकार ने मजदूरों और किसानों के खिलाफ काले कानून पास करवा दिए. जिसका मजदूरों और किसानों ने डटकर मुकाबला किया. अब मजदूर विरोधी श्रम कानूनों को रद्द करने के लिए देशव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैं.

वहीं, इस मौके पर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार (citu attacks on himachal government) मनरेगा मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है. उन्हें मात्र 203 रुपये दिहाड़ी दी जा रही है. जबकि अन्य मजदूरों को सरकार 350 रुपये दिहाड़ी दे रही है. सरकार ने मनरेगा, बाल विकास और मिड-डे मील योजना के लिए बजट में कटौती कर दी है. 28 व 29 मार्च को आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, आशा, मनरेगा, सड़क निर्माण, सफाई, आउटसोर्स, सीवरेज, रेहड़ी-फहड़ी, बिजली मजदूर यूनियनें अपनी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करने जा रही है. जिसके तहत मंडी, जोगिंदर नगर, सरकाघाट और बालीचौकी में प्रदर्शन किए जाएंगे.

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