मंडी: हिमाचल प्रदेश जल रक्षक संघ ने प्रदेश सरकार से अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है. संघ का कहना है कि यदि प्रदेश सरकार 2 फरवरी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है (Himachal Pradesh Jal Rakshak Sangh) तो वे धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे. यह बात वीरवार को जल रक्षक संघ की राज्य स्तरीय बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष जवालू राम ने कही.
मंडी शहर के एनजीओ भवन में आयोजित बैठक (meeting of HP Jal Rakshak Sangh) के बाद जल रक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जवालू राम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संघ पिछले लंबे समय से जयराम सरकार (Demands of water guards in Himachal) से जल रक्षकों के वेतन को 9300 प्रतिमाह करने और 8 साल की अवधि के बाद जल रक्षकों को अनुबंध की श्रेणी में लाने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है.
उन्होंने कहा कि (Himachal Pradesh Jal Rakshak Sangh) जल रक्षकों ने कोरोना काल में निरंतर अपनी सेवाएं दीं हैं और आज जल रक्षक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. संघ ने अपनी मांगों को लेकर जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी अवगत करवाया है. बावजूद उसके संघ की मांगों (Demands of water guards in Himachal) को दरकिनार किया जा रहा है. जिसके बाद जल रक्षक संघ ने 3 फरवरी को शिमला में सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने का एलान किया है. जल रक्षक संघ कहना है कि धरना प्रदर्शन के बाद भी यदि सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो आगामी समय में संघ उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.
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