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सिल्ट से किसानों की जमीन को बचाने की कवायद शुरु, BBMB उठा रहा ये कदम

हिमाचल प्रदेश में दशकों से सिल्ट निकासी के कारण क्षेत्र में किसानों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.

BBMB Chairman
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Published : Sep 12, 2019, 8:34 PM IST

सुंदरनगर: बीएसएल प्रोजेक्ट से हो रही सिल्ट की निकासी के कारण क्षेत्र में किसानों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन पुख्ता कदम उठाने जा रहा है. बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने सुंदरनगर में अधिकारियो के साथ बैठक कर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

सिल्ट निकासी मामले पर बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि बीबीएमबी प्रबंधन ने पिछले कई वर्षों के मुकाबले इस वर्ष सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए काफी हद तक कोशिश की है. पंडोह डैम में सिल्ट को कंट्रोल किया गया है. हर वर्ष डैम की एक दिन फ्लशिंग की जाती है, लेकिन इस बार अधिक समय तक डैम फ्लशिंग की गई. उन्होंने कहा की सिल्ट को फ्लशिंग करने का कार्य मानसून सीजन में ही किया जाता है और सिल्ट निकासी से किसानों को आ रही परेशानी जल्द ठीक होगी.

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डीके शर्मा ने कहा की बीबीएमबी ने आईआईटी रूड़की को सिल्ट का कमर्शियल उपयोग बताने के लिए कहा गया है जिससे किसानों की बर्बाद हो रही भूमि को बचाया जा सकेगा. बीबीएमबी अलग-अलग तरीके से सिल्ट की गंभीर समस्या पर काम कर रही है. सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन ने इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में 7 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया है, जिसका काम जोरों पर है.

बता दें कि सिल्ट निकासी के लिए ड्रेजर से सुकेती खड्ड में पाइपों के माध्यम से सिल्ट फैंकी जाती है. इन पाइपों के चैनलाइजेशन करने का रास्ता भी तलाशा जा रहा था. इन सब बातों पर विराम लगाते हुए बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि सिल्ट को बाहर फैंकने वाली पाइपों की चैनलाइजेशन की ओर बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

बीएसएल प्रोजेक्ट सुंदरनगर से निकलने वाली सिल्ट से किसानों की कई बीघा भूमि उपजाऊ भूमि नष्ट होने को लेकर सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल भी विधानसभा के मानसून सत्र में सवाल उठा चुके हैं. वहीं, इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा लेखा समिति के दौरे के दौरान भी लोगों ने जोरों शोरों से उठाया था और बीबीएमबी के अधिकारियों को इस मसले को लेकर आधुनिक तकनीक से सिल्ट का समाधान निकालने के निर्देश भी दिए थे.

सुंदरनगर: बीएसएल प्रोजेक्ट से हो रही सिल्ट की निकासी के कारण क्षेत्र में किसानों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन पुख्ता कदम उठाने जा रहा है. बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने सुंदरनगर में अधिकारियो के साथ बैठक कर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

सिल्ट निकासी मामले पर बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि बीबीएमबी प्रबंधन ने पिछले कई वर्षों के मुकाबले इस वर्ष सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए काफी हद तक कोशिश की है. पंडोह डैम में सिल्ट को कंट्रोल किया गया है. हर वर्ष डैम की एक दिन फ्लशिंग की जाती है, लेकिन इस बार अधिक समय तक डैम फ्लशिंग की गई. उन्होंने कहा की सिल्ट को फ्लशिंग करने का कार्य मानसून सीजन में ही किया जाता है और सिल्ट निकासी से किसानों को आ रही परेशानी जल्द ठीक होगी.

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डीके शर्मा ने कहा की बीबीएमबी ने आईआईटी रूड़की को सिल्ट का कमर्शियल उपयोग बताने के लिए कहा गया है जिससे किसानों की बर्बाद हो रही भूमि को बचाया जा सकेगा. बीबीएमबी अलग-अलग तरीके से सिल्ट की गंभीर समस्या पर काम कर रही है. सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन ने इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में 7 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया है, जिसका काम जोरों पर है.

बता दें कि सिल्ट निकासी के लिए ड्रेजर से सुकेती खड्ड में पाइपों के माध्यम से सिल्ट फैंकी जाती है. इन पाइपों के चैनलाइजेशन करने का रास्ता भी तलाशा जा रहा था. इन सब बातों पर विराम लगाते हुए बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि सिल्ट को बाहर फैंकने वाली पाइपों की चैनलाइजेशन की ओर बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

बीएसएल प्रोजेक्ट सुंदरनगर से निकलने वाली सिल्ट से किसानों की कई बीघा भूमि उपजाऊ भूमि नष्ट होने को लेकर सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल भी विधानसभा के मानसून सत्र में सवाल उठा चुके हैं. वहीं, इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा लेखा समिति के दौरे के दौरान भी लोगों ने जोरों शोरों से उठाया था और बीबीएमबी के अधिकारियों को इस मसले को लेकर आधुनिक तकनीक से सिल्ट का समाधान निकालने के निर्देश भी दिए थे.

Intro:सिल्ट निकासी के कारण किसानों को हो रहे नुकसान पर बीबीएमबी प्रबंधन उठाएगा पुख्ता इंतजाम,
आईआईटी रूडकी कर रहा सिल्ट के कमर्शियल उपयोग पर अध्यन : डीके शर्मा
सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए हिमाचल प्रदेश में लगाए जा रहे 7 लाख पेड़-पौधेBody:एकर : हिमाचल प्रदेश में दशकों से स्थापित बीएसएल प्रोजेक्ट से हो रही सिल्ट निकासी के कारण क्षेत्र में किसानों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन पुख्ता इंतजाम उठाने जा रहा है। बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने सुंदरनगर में बीबीएमबी के अधिकारियो के साथ बैठक की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. सिल्ट निकासी मामले पर बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि बीबीएमबी प्रबंधन ने पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष सिल्ट कंट्रोल पर काफी हद तक कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पंडोह डैम में सिल्ट को कंट्रोल किया गया है। इससे पंडोह डैम में सिल्ट की मात्रा में भी कमी आई है। डीके शर्मा ने कहा कि हर वर्ष डैम की एक दिन फ्लशिंग की जाती है,लेकिन इस बार अधिक समय तक डैम फ्लशिंग की गई। उन्होंने कहा की सिल्ट को फ्लशिंग करने का कार्य मानसून सीजन में ही किया जाता है और  सिल्ट निकासी से किसानों को आ रही परेशानी जल्द ठीक होगी।
 
आईआईटी रूडकी कर रहा सिल्ट के कमर्शियल उपयोग पर अध्यन :

डीके शर्मा ने कहा की बीबीएमबी द्वारा आईआईटी (IIT) रूड़की को सिल्ट का कमर्शियल उपयोग बताने के लिए कहा गया है, जिससे किसानों की बर्बाद हो रही हजारों बीघा उपजाऊ भूमि को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी अलग-अलग तरीके सिल्ट की गंभीर समस्या पर काम कर रही है। सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन ने इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में 7 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया है,जिसका काम जोरों पर है। उन्होंने कहा कि इसमें जनता का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है की पेड़-पौधे लगाने से सिल्ट की पैदावार में कमी आएगी। और किसानो को निजात मिलेगी.

बीएसएल झील से ड्रेजर के माध्यम से निकाली जाती है सिल्ट :

सिल्ट निकासी के लिए ड्रेजर (Drazor) द्वारा सुकेती खड्ड में पाईपों के माध्यम से सिल्ट फैंकी जाती है। इसको लेकर इन पाईपों की चैनिलाईजेशन करने का भी रास्ता भी तलाशा जा रहा था। इन सब बातों पर विराम लगाते हुए बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि सिल्ट को बाहर फैंकने वाली पाईपों की चैनिलाईजेशन की ओर बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा कोईविचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिल्ट कंट्रोल को लेकर बीबीएमबी प्रबंधन अलग-अलग तरीकों से कार्य प्रगतिशील है।

विधायक राकेश जंवाल भी उठा चुके हैं विस सत्र में मामला :

बीएसएल प्रोजेक्ट सुंदरनगर से निकलने वाली सिल्ट से किसानों की कई बीघा भूमि उपजाऊ भूमि नष्ट होने को लेकर सुंदरनगर के विधायक राकेश जंवाल ने विधानसभा के मानसून सत्र में सवाल उठा चुके हैं।वहीं इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा लेखा समिति के दौरे के दौरान भी जोरों शोरों से उठाया था और बीबीएमबी के अधिकारियों को इस मसले को लेकर आधुनिक तकनीक से सिल्ट का समाधान निकालने के निर्देश भी दिए थे।Conclusion:बाइट : बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा
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