सुंदरनगर: बीएसएल प्रोजेक्ट से हो रही सिल्ट की निकासी के कारण क्षेत्र में किसानों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन पुख्ता कदम उठाने जा रहा है. बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने सुंदरनगर में अधिकारियो के साथ बैठक कर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.
सिल्ट निकासी मामले पर बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि बीबीएमबी प्रबंधन ने पिछले कई वर्षों के मुकाबले इस वर्ष सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए काफी हद तक कोशिश की है. पंडोह डैम में सिल्ट को कंट्रोल किया गया है. हर वर्ष डैम की एक दिन फ्लशिंग की जाती है, लेकिन इस बार अधिक समय तक डैम फ्लशिंग की गई. उन्होंने कहा की सिल्ट को फ्लशिंग करने का कार्य मानसून सीजन में ही किया जाता है और सिल्ट निकासी से किसानों को आ रही परेशानी जल्द ठीक होगी.
डीके शर्मा ने कहा की बीबीएमबी ने आईआईटी रूड़की को सिल्ट का कमर्शियल उपयोग बताने के लिए कहा गया है जिससे किसानों की बर्बाद हो रही भूमि को बचाया जा सकेगा. बीबीएमबी अलग-अलग तरीके से सिल्ट की गंभीर समस्या पर काम कर रही है. सिल्ट को कंट्रोल करने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन ने इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में 7 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया है, जिसका काम जोरों पर है.
बता दें कि सिल्ट निकासी के लिए ड्रेजर से सुकेती खड्ड में पाइपों के माध्यम से सिल्ट फैंकी जाती है. इन पाइपों के चैनलाइजेशन करने का रास्ता भी तलाशा जा रहा था. इन सब बातों पर विराम लगाते हुए बीबीएमबी चेयरमैन डीके शर्मा ने कहा कि सिल्ट को बाहर फैंकने वाली पाइपों की चैनलाइजेशन की ओर बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा कोई विचार नहीं किया जा रहा है.
बीएसएल प्रोजेक्ट सुंदरनगर से निकलने वाली सिल्ट से किसानों की कई बीघा भूमि उपजाऊ भूमि नष्ट होने को लेकर सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल भी विधानसभा के मानसून सत्र में सवाल उठा चुके हैं. वहीं, इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा लेखा समिति के दौरे के दौरान भी लोगों ने जोरों शोरों से उठाया था और बीबीएमबी के अधिकारियों को इस मसले को लेकर आधुनिक तकनीक से सिल्ट का समाधान निकालने के निर्देश भी दिए थे.