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सराज में सीजन का पहला हिमपात, 15 नवंबर के बाद 4 माह तक बंद रहेंगे माता शिकारी के कपाट - 4 माह तक बंद रहेंगे माता शिकारी के कपाट

हिमाचल के सराज घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बुधवार को सीजन का पहला हिमपात हुआ (Snowfall in Mandi) है. वहीं, शक्ति पीठ शिकारी देवी मंदिर में भी बर्फबारी हुई (Snowfall in Shikari Devi Temple) है. पढ़ें पूरी खबर...

Snowfall in Shikari Devi Temple.
शिकारी देवी मंदिर में बर्फबारी.
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Published : Oct 13, 2022, 7:49 AM IST

Updated : Oct 13, 2022, 8:25 AM IST

मंडी/सराज: जिला मंडी के सराज घाटी में सर्दी का आगाज हो गया है. बुधवार को मंडी जिले की सबसे बड़ी शक्ति पीठ माता शिकारी धार्मिक स्थल में सीजन का पहला हिमपात हुआ (Snowfall in Shikari Devi Temple) है. सीजन की पहली बर्फबारी होने से घाटी के लोगों व पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं. उपमंडल थुनाग के ऊपरी क्षेत्रों में बुधवार सुबह सीजन की पहली बर्फबारी हुई है.

मंगलवार सुबह से ही समूचे सराज में बारिश का दौर लगातार जारी था. बारिश का दौर‌ बुधवार तक जारी रहा. घाटी में लगातार बारिश के कारण पारे में भारी गिरावट देखने को मिली. अत्यधिक ठंड से माता शिकारी व सराज की ऊपरी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई और निचले क्षेत्रों में बारिश जारी रही. समूचे सराज घाटी में बारिश और ऊंची चोटियों में बर्फबारी से थुनाग उपमंडल समेत मंडी जिला ठंड की चपेट में आ गया (Seasons first snowfall in Seraj) है.

उपमंडल अधिकारी थुनाग पारस अग्रवाल ने शिकारी माता मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी होने की पुष्टि की (Snowfall in Mandi ) है. उन्होंने लोगों और पर्यटकों से आग्रह किया है कि मौसम के खराब होने पर शिकारी माता मंदिर और उंचाई वाले क्षेत्रों में न जाएं. उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति 15 नवंबर के आसपास माता शिकारी के कपाट बंद कर दिया जाएंगे.

सालों बाद अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में हुई बर्फबारी: घाटी के बुजुर्गों की मानें तो अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बर्फबारी करीब आठ से दस सालों बाद हुई है. बुजुर्गों का कहना है कि पिछले साल यहां 20 अक्टूबर के बाद बर्फबारी हुई थी, लेकिन इस बार 12 अक्टूबर को ही बर्फबारी हुई है. जिससे निश्चित ही तौर पर इस बार की सर्दियां ज्यादा देर तक टिकी रहेगी.

15 नवंबर के बाद 4 माह तक बंद होते हैं माता शिकारी के कपाट:जिला मंडी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी के कपाट हर वर्ष 15 नवंबर के बाद माता के कपाट 4 से 5 महीने के लिए बंद रहते हैं क्योंकि सर्दियों में आज के बाद यहां हल्की बारिश से ही यहां बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है और मोबाइल कनेक्टिविटी न होने के कारण सम्पर्क साधने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: बर्फ से ढकी कुल्लू और लाहौल की पहाड़‍ियां, मौसम हुआ कूल-कूल

मंडी/सराज: जिला मंडी के सराज घाटी में सर्दी का आगाज हो गया है. बुधवार को मंडी जिले की सबसे बड़ी शक्ति पीठ माता शिकारी धार्मिक स्थल में सीजन का पहला हिमपात हुआ (Snowfall in Shikari Devi Temple) है. सीजन की पहली बर्फबारी होने से घाटी के लोगों व पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं. उपमंडल थुनाग के ऊपरी क्षेत्रों में बुधवार सुबह सीजन की पहली बर्फबारी हुई है.

मंगलवार सुबह से ही समूचे सराज में बारिश का दौर लगातार जारी था. बारिश का दौर‌ बुधवार तक जारी रहा. घाटी में लगातार बारिश के कारण पारे में भारी गिरावट देखने को मिली. अत्यधिक ठंड से माता शिकारी व सराज की ऊपरी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई और निचले क्षेत्रों में बारिश जारी रही. समूचे सराज घाटी में बारिश और ऊंची चोटियों में बर्फबारी से थुनाग उपमंडल समेत मंडी जिला ठंड की चपेट में आ गया (Seasons first snowfall in Seraj) है.

उपमंडल अधिकारी थुनाग पारस अग्रवाल ने शिकारी माता मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी होने की पुष्टि की (Snowfall in Mandi ) है. उन्होंने लोगों और पर्यटकों से आग्रह किया है कि मौसम के खराब होने पर शिकारी माता मंदिर और उंचाई वाले क्षेत्रों में न जाएं. उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति 15 नवंबर के आसपास माता शिकारी के कपाट बंद कर दिया जाएंगे.

सालों बाद अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में हुई बर्फबारी: घाटी के बुजुर्गों की मानें तो अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बर्फबारी करीब आठ से दस सालों बाद हुई है. बुजुर्गों का कहना है कि पिछले साल यहां 20 अक्टूबर के बाद बर्फबारी हुई थी, लेकिन इस बार 12 अक्टूबर को ही बर्फबारी हुई है. जिससे निश्चित ही तौर पर इस बार की सर्दियां ज्यादा देर तक टिकी रहेगी.

15 नवंबर के बाद 4 माह तक बंद होते हैं माता शिकारी के कपाट:जिला मंडी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी के कपाट हर वर्ष 15 नवंबर के बाद माता के कपाट 4 से 5 महीने के लिए बंद रहते हैं क्योंकि सर्दियों में आज के बाद यहां हल्की बारिश से ही यहां बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है और मोबाइल कनेक्टिविटी न होने के कारण सम्पर्क साधने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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Last Updated : Oct 13, 2022, 8:25 AM IST
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