करसोग: बगशाड में नई उप तहसील खोले जाने के बाद ग्राम पंचायत शोरशन को उप तहसील पांगणा से हटाने की मांग ने भी अब जोर पकड़ लिया है. उपमंडल के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत शोरशन को पूर्व सरकार ने उप तहसील पांगणा में शामिल किया था. लोगों का आरोप है कि सरकार ने जनता की राय लिए बिना ही शोरशन पटवार वृत्त को उप तहसील पांगणा में मिला लिया था. प्रदेश की पूर्व सरकार ने जनता की मांग पर पांगणा में उप तहसील खोली थी. जिसमें लोगों की इच्छा जाने बिना ही ग्राम पंचायत शोरशन को पटवार वृत्त सहित पांगणा में शामिल किया गया था.
लोगों का कहना है कि शोरशन की जनता के लिए पांगणा उप तहसील दूर पड़ती है और यहां पहुंचने के लिए परिवहन की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 27 और 28 जुलाई को करसोग के दो दिवसीय दौरे के दौरान बगशाड में उप तहसील खोले जाने की घोषणा की थी. जिसकी अब अधिसूचना जारी हो गई है. ऐसे में ग्राम सभा की बैठक में पटवार वृत शोरशन को उप तहसील पांगणा से हटा कर नई उप तहसील बगशाड में शामिल किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसे सरकार को भेजा गया है.
बता दें कि ग्राम पंचायत शोरशन के तहत कुल 18 राजस्व गांव आते हैं. यह सभी गांव पटवार वृत्त शोरशन के अंतर्गत पड़ते हैं. इसमें शोरशन, बागड़ा, लहरास, बीण, उदमू, मझास, रजोगड़ा, कयियूण, बनोटी, मझौट, रयूहण, टिक्कर व खबलास आदि गांव आते हैं. इन सभी गांव से उप तहसील पांगणा का कार्यालय बहुत दूर पड़ता है. जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है.
इसको देखते हुए जनता ने ग्राम पंचायत शोरशन को पटवार वृत्त सहित उप तहसील बगशाड में सम्मलित किए जाने की मांग की है. ग्राम पंचायत शोरशन की प्रधान स्तुति शर्मा का कहना है कि ग्राम पंचायत शोरशन की जनता उप तहसील पांगणा में नहीं रहना चाहती. इस बारे में ग्राम सभा की आयोजित हुई बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा है. जिसमें शोरशन पटवार वृत्त को नई खोली गई उप तहसील बगशाड में शामलि करने की मांग की गई है.
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