मंडी: बुधवार को पंचायत समिति सभागार में चमेलु देवी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कई विभागाध्यक्षों के उपस्थित न होने पर सदस्यों ने अपनी नाराजगी जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
बता दें कि इस बैठक में सिर्फ तहसील, कल्याण अधिकारी और कृषि वार्ता विशेषज्ञ विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे, जबकि कुछ विभागों से तो कोई भी अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ. ऐसे में पंचायत समिति के सदस्यों ने जनता से जुड़ी जो मांगे बैठक में रखी थी, उस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका.
अधिकारियों की इस लापरवाही पर समिति के सदस्यों का कहना था कि जब अधिकारी ही अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर नहीं है, तो सदस्यों के बैठक में आने का क्या लाभ है. सदस्यों ने इस मामले को सभी विभागों के उच्चाधिकारियों से लिखित तौर पर उठाने की मांग की है, ताकि ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके.
बागवानी विभाग, बिजली बोर्ड, शिक्षा विभाग से विभागाध्यक्षों सहित उनका कोई भी प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं था. ऐसे में इन सभी विभागों से संबंधित सवालों पर कोई भी चर्चा नहीं हो सकी. अब पंचायत समिति सदस्यों को अपने सवालों के लिए तीन महीने तक इंतजार करना होगा.
पंचायत समिति के उपाध्यक्ष कमल नयन ने बताया कि पंचायत सदस्यों ने जो मांगे रखी थी, उस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका. उन्होंने बताया कि जो अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ, उनको नोटिस देने का निर्णय लिया गया है.