करसोग: उपमंडल करसोग में कोरोना (Corona cases in karsog) संक्रमण की तीसरी लहर (third wave of corona infection) की आशंका को देखते हुई प्रशासन और अधिक सतर्क हो गया है. उपमंडल के सभी प्राइवेट क्लीनिकों और निजी अस्पतालों को आदेश जारी किए गए हैं कि वे फ्लू और कोविड के लक्षण वाले किसी भी मरीज का इलाज नहीं करेंगे. अगर इस तरह के लक्षणों वाला कोई भी मरीज प्राइवेट क्लिनिक में आता है तो उसे सबसे पहले सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में कोविड टेस्ट के लिए भेजना होगा.
यहां से नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही प्राइवेट क्लिनिक और अस्पताल ऐसे मरीजों का इलाज कर सकेंगे. हालांकि अब प्राइवेट व निजी अस्पताल अपने स्तर पर भी रेपिड किट के माध्यम से कोविड के टेस्ट कर सकेंगे. प्रशासन के ध्यान में आया है कि फ्लू और कोविड के लक्षण होने पर मरीज सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नहीं जा रहे हैं, क्योंकि यहां लक्षण होने पर पहले मरीज का कोविड टेस्ट लिया जाता है, उसके बाद ही आगे का इलाज शुरू किया जाता है.
उन्होंने कहा कि लेकिन टेस्ट से बचने के लिए मरीज सीधे प्राइवेट क्लिनिक में जा रहे हैं जहां बिना कोविड टेस्ट लिए ही ऐसे लोगों का इलाज किया जा रहा है. इससे कोविड संभावित लोगों को टेस्टिंग के माध्यम से ट्रेस करने का अभियान प्रभावित हो रहा है. इसको देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाएं हैं. ताकि उपमंडल में कोविड की टेस्टिंग भी बढ़ सके। इससे कोरोना पर भी काबू पाया जा सकता है.
करसोग के एसडीएम सन्नी शर्मा (Karsog SDM Sunny Sharma) ने बताया कि कोविड 19 की सही तस्वीर सामने लाने के लिए प्राइवेट क्लीनिकों और अस्पतालों को फ्लू और कोविड के लक्षण वाले मरीजों का इलाज बिना कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट (corona negative report) के नहीं करने के आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा इस तरह के लक्षण वाले मरीजों को पहले सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में टेस्टिंग (Testing in Government Health Institute) के लिए भेजना होगा. यहां से नेगेटिव रिपोर्ट मिलने पर ही प्राइवेट क्लिनिक और अस्पताल ऐसे मरीजों का इलाज कर सकेंगे.
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