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करसोग के प्रतिनिधिमंडल की मांग : बाहर से आने वालों को होम क्वारंटाइन की बजाए सरकारी इंस्टिट्यूशन में रखा जाए

करसोग के लोगों ने एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने मांग की कि दूसरे राज्यों से लाए जाने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन की बजाए सरकारी इंस्टिट्यूशन में रखा जाए.

People of Nagar Panchayat submitted memorandum to SDM
नगर पंचायत के लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा
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Published : Apr 25, 2020, 11:51 PM IST

मंडीः प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचल के लोगों को वापिस लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. जिसका करसोग के लोगों ने स्वागत किया हैं, लेकिन इसके साथ ही लोगों ने अन्य राज्य से आने वाले व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन करने के बजाए सरकारी इंस्टिट्यूशन में क्वारंटाइन करने की मांग की है, ताकि करसोग में कोरोना वायरस के अंदेशे को समाप्त किया जा सके.


इस बारे में शनिवार को जिला परिषद और नगर पंचायत के सदस्यों ने एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें जन प्रतिनिधियों ने अंदेशा जताया है कि लोग होम क्वारंटाइन के नियमों की पालना नहीं करते हैं. निगरानी अधिकारी के वापिस जाते ही क्वारंटाइन में रखे गए लोग घरों से बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में होम क्वारंटाइन का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है. ऐसे में क्षेत्र में संक्रमण फैलने का अंदेशा बना रहता है.

करसोग एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर को ज्ञापन सौंपने के बाद जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने कहा है कि हिमाचल के लोगों को वापिस लाने की पहल सहरानीय है, लेकिन बाहर से आने वाले लोगों को सरकार स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन की निगरानी में अलग से क्वारंटाइन सेंटर रखे.उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि घर में क्वारंटाइन के नियमों की पालना नहीं हो पाती है.

घरों से जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी हटती हैं, क्वारंटाइन में रखे हुए व्यक्ति बाहर घुमने निकल जाते हैं, जिससे महामारी फैलने का खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो गया तो अब तक सरकार के किए गए सारे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा.

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उपमंडल के कुछ जन प्रतिनिधियों जिसमें जिला परिषद व नगर पंचायत के सदस्य शामिल थे ने एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि सरकार जो बाहर से लोगों को ला रही है, उनको होम क्वारंटाइन पर न रख कर अलग से इंस्टिट्यूटशन क्वारंटाइन पर रखा जाए. इस ज्ञापन को उपायुक्त के माध्यम से सरकार को भेजा जाएगा.

मंडीः प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचल के लोगों को वापिस लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. जिसका करसोग के लोगों ने स्वागत किया हैं, लेकिन इसके साथ ही लोगों ने अन्य राज्य से आने वाले व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन करने के बजाए सरकारी इंस्टिट्यूशन में क्वारंटाइन करने की मांग की है, ताकि करसोग में कोरोना वायरस के अंदेशे को समाप्त किया जा सके.


इस बारे में शनिवार को जिला परिषद और नगर पंचायत के सदस्यों ने एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें जन प्रतिनिधियों ने अंदेशा जताया है कि लोग होम क्वारंटाइन के नियमों की पालना नहीं करते हैं. निगरानी अधिकारी के वापिस जाते ही क्वारंटाइन में रखे गए लोग घरों से बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में होम क्वारंटाइन का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है. ऐसे में क्षेत्र में संक्रमण फैलने का अंदेशा बना रहता है.

करसोग एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर को ज्ञापन सौंपने के बाद जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने कहा है कि हिमाचल के लोगों को वापिस लाने की पहल सहरानीय है, लेकिन बाहर से आने वाले लोगों को सरकार स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन की निगरानी में अलग से क्वारंटाइन सेंटर रखे.उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि घर में क्वारंटाइन के नियमों की पालना नहीं हो पाती है.

घरों से जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी हटती हैं, क्वारंटाइन में रखे हुए व्यक्ति बाहर घुमने निकल जाते हैं, जिससे महामारी फैलने का खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो गया तो अब तक सरकार के किए गए सारे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा.

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उपमंडल के कुछ जन प्रतिनिधियों जिसमें जिला परिषद व नगर पंचायत के सदस्य शामिल थे ने एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि सरकार जो बाहर से लोगों को ला रही है, उनको होम क्वारंटाइन पर न रख कर अलग से इंस्टिट्यूटशन क्वारंटाइन पर रखा जाए. इस ज्ञापन को उपायुक्त के माध्यम से सरकार को भेजा जाएगा.

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