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श्मशान घाट का रास्ता खराब होने से शव ले जाने में हो रही परेशानी, लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी

सरकाघाट की भांबला पंचायत में लोगों को मूलभूत सुविधाएं न मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, श्मशान घाट तक जाने वाला रास्ता इतना अधिक खस्ताहाल में था कि शव को इन युवाओं को अपने हाथों पर उठाकर श्मशान घाट तक पहुंचाना पड़ा.

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Published : May 23, 2021, 7:10 PM IST

Updated : May 23, 2021, 7:43 PM IST

सरकाघाट/मंडी: कोरोना के कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मूलभूत सुविधाओं के आभाव के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों से आए-दिन दो-चार होना पड़ रहा है. सरकाघाट के तहत आने वाली भांबला पंचायत में जब एक बुजुर्ग महिला की कोरोना से मौत हुई तो उसके शव का अंतिम संस्कार करने में स्वयंसेवी युवाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

दरअसल श्मशान घाट तक जाने वाला रास्ता इतना अधिक खस्ताहाल में था कि शव को इन युवाओं को अपने हाथों पर उठाकर श्मशान घाट तक पहुंचाना पड़ा. यह रास्ता भोलूघाट से लेकर श्मशान घाट तक करीब 150 मीटर लंबा है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस श्मशान घाट में भांबला एक, भांबला दो और रटोली तीन गांवों के लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है. रास्ता इतना उबड़-खाबड़ है कि इस रास्ते पर कोई भी व्यक्ति अकेला भी नहीं चल सकता. ऐसे में शव को कंधे पर ले जाना बहुत ही मुश्किल है.

लोगों ने श्मशान घाट के रास्ते को ठीक करने की उठाई मांग

युवाओं ने शव ले जाते हुए का एक वीडियो भी बनाया, जिसमें देखा गया कि किस तरह से यह स्वयंसेवी कई बार शव को नीचे रखते और बार-बार उठाते संभलते हुए इस रास्ते से श्मशान घाट तक पहुंचते हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने सरकार, पंचायत और प्रशासन से गुहार लगाई है कि श्मशान घाट तक रास्ते को ठीक किया जाए नहीं तो तीन गांवों के लोग आंदोलन का रुख करेंगे.

लोक निर्माण विभाग जल्द पूरा करे कार्य

उधर, इस बारे में पंचायत की प्रधान सुनीता देवी ने कहा कि श्मशान घाट तक रास्ता बहुत ही खराब है. उन्होंने कहा कि यह कार्य लोक निर्माण विभाग के पास है, जो लंबे समय से लटका हुआ है. उन्होंने सरकार से कहा है कि विभाग को जल्द यह कार्य पूरा करने के आदेश दिए जाएं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बढ़ने लगा ब्लैक फंगस का खतरा! अब कांगड़ा में दो मामले आए सामने

सरकाघाट/मंडी: कोरोना के कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मूलभूत सुविधाओं के आभाव के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों से आए-दिन दो-चार होना पड़ रहा है. सरकाघाट के तहत आने वाली भांबला पंचायत में जब एक बुजुर्ग महिला की कोरोना से मौत हुई तो उसके शव का अंतिम संस्कार करने में स्वयंसेवी युवाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

दरअसल श्मशान घाट तक जाने वाला रास्ता इतना अधिक खस्ताहाल में था कि शव को इन युवाओं को अपने हाथों पर उठाकर श्मशान घाट तक पहुंचाना पड़ा. यह रास्ता भोलूघाट से लेकर श्मशान घाट तक करीब 150 मीटर लंबा है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस श्मशान घाट में भांबला एक, भांबला दो और रटोली तीन गांवों के लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है. रास्ता इतना उबड़-खाबड़ है कि इस रास्ते पर कोई भी व्यक्ति अकेला भी नहीं चल सकता. ऐसे में शव को कंधे पर ले जाना बहुत ही मुश्किल है.

लोगों ने श्मशान घाट के रास्ते को ठीक करने की उठाई मांग

युवाओं ने शव ले जाते हुए का एक वीडियो भी बनाया, जिसमें देखा गया कि किस तरह से यह स्वयंसेवी कई बार शव को नीचे रखते और बार-बार उठाते संभलते हुए इस रास्ते से श्मशान घाट तक पहुंचते हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने सरकार, पंचायत और प्रशासन से गुहार लगाई है कि श्मशान घाट तक रास्ते को ठीक किया जाए नहीं तो तीन गांवों के लोग आंदोलन का रुख करेंगे.

लोक निर्माण विभाग जल्द पूरा करे कार्य

उधर, इस बारे में पंचायत की प्रधान सुनीता देवी ने कहा कि श्मशान घाट तक रास्ता बहुत ही खराब है. उन्होंने कहा कि यह कार्य लोक निर्माण विभाग के पास है, जो लंबे समय से लटका हुआ है. उन्होंने सरकार से कहा है कि विभाग को जल्द यह कार्य पूरा करने के आदेश दिए जाएं.

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Last Updated : May 23, 2021, 7:43 PM IST
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