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कारगिल विजय दिवस पर चोलथरा में कैप्टन दीपक गुलेरिया को दी गई श्रद्धांजलि

कारगिल विजय दिवस पर देश भर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. कारगिल युद्ध में वीरभूमि चोलथरा से कैप्टन दीपक गुलेरिया बी शहीद हुए थे. चोलथरा में विजय दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

People garlanded martyr Captain Deepak Guleria memorial in Cholathra
कैप्टन दीपक गुलेरिया की स्मारक पर किया माल्यार्पण
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Published : Jul 26, 2020, 10:15 PM IST

धर्मपुर/मंडीः कारगिल युद्ध में हिमाचल प्रदेश से 52 जवान शहीद हुए थे. कैप्टन विक्रम बत्रा, सौरव कालिया के अलावा कई वीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण को न्यौछावर किया था. इन्हीं में से एक थे, हिमाचल के मंडी जिला के सरकाघाट के कैप्टन दीपक गुलेरिया. उन्होंने महज 29 साल की उम्र में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उन्हें उनके इस बलिदान के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.

वहीं, चोलथरा वासियों ने कारगिल में शहीद हुए कैप्टन दीपक गुलेरिया के बलिदान को याद किया. कोविड-19 के चलते चोलथरा वासियों ने इस अवसर पर सामूहिक श्रद्धांजलि सभा का कार्मक्रम नहीं किया. ग्राम पंचायत प्रधान पवन ठाकुर ने पंचायत वासियों की तरफ से और प्रधानाचार्य संजय ठाकुर ने विद्यालय परिवार की तरफ से प्रतीक रूप में माल्यार्पण व श्रद्धा सुमन भेंट कर श्रद्धांजलि दी .

वीडियो रिपोर्ट.

गौर रहे कि कुछ वर्ष पहले पूरे सैनिक सम्मान के साथ कैप्टन दीपक की कांस्य प्रतिमा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चोलथरा में स्थापित की गई थी. इस विद्यालय का नामकरण भी शहीद कैप्टन दीपक गुलेरिया वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किया गया है. फौजी परिवार से संबंध रखने वाले कैप्टन दीपक गुलेरिया 1992 में सीडीएस के जरिए बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे.

बता दें कि दीपक के पिता भी सेना में कैप्टन रहे चुके हैं. इसके बाद वह सीआरपीएफ से बतौर डीजीपी रिटायर हुए. कैप्टन दीपक गुलेरिया, जिन्होंने इंग्लिश ऑनर्स और लॉ करने के बाद भी सेना को चुना था.

ये भी पढ़ें : विजय दिवस: कारगिल युद्ध का वो पहला शहीद जिसे 21 साल बाद भी नहीं मिला न्याय

धर्मपुर/मंडीः कारगिल युद्ध में हिमाचल प्रदेश से 52 जवान शहीद हुए थे. कैप्टन विक्रम बत्रा, सौरव कालिया के अलावा कई वीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण को न्यौछावर किया था. इन्हीं में से एक थे, हिमाचल के मंडी जिला के सरकाघाट के कैप्टन दीपक गुलेरिया. उन्होंने महज 29 साल की उम्र में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उन्हें उनके इस बलिदान के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.

वहीं, चोलथरा वासियों ने कारगिल में शहीद हुए कैप्टन दीपक गुलेरिया के बलिदान को याद किया. कोविड-19 के चलते चोलथरा वासियों ने इस अवसर पर सामूहिक श्रद्धांजलि सभा का कार्मक्रम नहीं किया. ग्राम पंचायत प्रधान पवन ठाकुर ने पंचायत वासियों की तरफ से और प्रधानाचार्य संजय ठाकुर ने विद्यालय परिवार की तरफ से प्रतीक रूप में माल्यार्पण व श्रद्धा सुमन भेंट कर श्रद्धांजलि दी .

वीडियो रिपोर्ट.

गौर रहे कि कुछ वर्ष पहले पूरे सैनिक सम्मान के साथ कैप्टन दीपक की कांस्य प्रतिमा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चोलथरा में स्थापित की गई थी. इस विद्यालय का नामकरण भी शहीद कैप्टन दीपक गुलेरिया वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किया गया है. फौजी परिवार से संबंध रखने वाले कैप्टन दीपक गुलेरिया 1992 में सीडीएस के जरिए बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे.

बता दें कि दीपक के पिता भी सेना में कैप्टन रहे चुके हैं. इसके बाद वह सीआरपीएफ से बतौर डीजीपी रिटायर हुए. कैप्टन दीपक गुलेरिया, जिन्होंने इंग्लिश ऑनर्स और लॉ करने के बाद भी सेना को चुना था.

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