मंडी: देश सहित हिमाचल में भी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को घरों में इन दिनों महंगाई का तड़का लग रहा है. बाजार में हर चीज महंगी हो गई है. जिसका असर जनता पर साफ दिख रहा है. मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में भी महंगाई ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार का जीना दुश्वार कर दिया है. यहां पर पेट्रोल-डीजल के दाम (Prices of Petrol deiseal) आसमान छू रहे हैं. वहीं बाजार में बिकने वाली सब्जियां भी 15 से 20 रुपये तक महंगी (Inflation in Himachal) हो गई है.
मंडी वासियों का कहना है कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से महंगाई बढ़ी है, उससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. मंडी के युवा ईवान शर्मा ने कहा कि मंडी में पेट्रोल की कीमत एक बार फिर से 100 रुपये के पार जा चुकी है. पेट्रोल की कीमत बढ़ने से उनके कई साथियों ने बाइक चलाना ही छोड़ दिया है. वहीं स्थानीय निवासी बेला शर्मा ने कहा कि बढ़ी हुई महंगाई ने रसोई का सारे बजट बिगाड़ कर रख दिया है.
वहीं, मंडी में प्राइवेट नौकरी करने वाले सोमराज ने कहा कि महंगाई तो दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. लेकिन उनकी आमदनी में कोई इजाफा नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण वे उधार की जिंदगी जीने को मजबूर हो गए हैं. बता दें कि मंडी शहर में फल सब्जियों की खरीदारी करने आए ग्राहक भी बढ़ी हुई कीमतों से हैरान हैं. शहर में खरीदारी करने आए दलेल सिंह का कहना है कि पांच राज्यों में हुए चुनावों के बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि कर दी है. जिससे हर चीज महंगी हो गई है.
वहीं, रामकली ने बताया कि जो सब्जी बाजार में पहले 20 से 25 रुपए की मिलती (Vegetable prices in Himachal) थी. वही आज 50 से 60 रुपए में मिल रही है. मंडी वासियों ने सरकार से बढ़ी हुई महंगाई और बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की मांग उठाई है. ताकि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिल सके. वहीं, मंडी में सब्जी विक्रेताओं ने भी माना कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से सब फल सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले शहर में गुजरात से सब्जियों की सप्लाई होती थी, लेकिन अब हिमाचल के ही ऊना जिला से सब्जियों की सप्लाई आना शुरू हो गई है. जिससे इस हफ्ते से सब्जियों के दाम कम होना शुरू हो गए हैं.
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