मंडीः कर्फ्यू के पांच दिन घर में बीताने के बाद छठे दिन छोटी काशी मंडी में लोगों के सब्र का बांध टूट गया. कर्फ्यू के दौरान आए पहले सोमवार को लोगों ने आम सोमवार की तरह समझा और लोग दुकानों पर टूट पड़े. न तो किसी ने कर्फ्यू में मिली छूट का पालन किया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का.
सब्जी, राशन और फलों की दुकानों के बाहर लगाए गए सर्कल का औचित्य ही नहीं रहा. लोगों में सामान खरीदने को लेकर ऐसी मारामारी नजर आई जैसे कल से दुकानें बंद होने जा रही हैं. पुलिस भी लोगों को समझाते-समझाते थक गई.
लोग अपनी बड़ी-बड़ी गाड़ियों में परिवार के अन्य सदस्यों को भी साथ लेकर पहुंचे. मजबूरन पुलिस को नो पार्किंग के चालान काटकर कार्रवाई करनी पड़ी. सिर्फ बैंकों के बाहर थोड़ी बहुत सोशल डिस्टेंसिंग नजर आई. यहां लोगों को लाइनों में खड़ा किया गया था और एक-एक करके ही बैंक के अंदर भेजा जा रहा था. बाजारों में जरूरत का सामान लेने आए लोगों ने खुद माना कि आज सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ.
वहीं, एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग ने कहा कि लोग अपने आप सोशल डिस्टेंसिंग और कर्फ्यू का पालन करें तो बेहतर रहेगा, नहीं तो प्रशासन को मजबूरन सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग सिर्फ जरूरत का सामान लेने बाजारों में आएं और इसके लिए भी परिवार के सिर्फ एक ही सदस्य को बाजार आए.
शायद लोग प्रदेश में कोरोना महामारी को हल्के में ले रहे हैं. यहां आए दिन संभावितों की रिपोर्ट निगेटिव आने से लोगों के मन में यह संदेश जा रहा है कि हम सुरक्षित हैं, लेकिन लोगों को यह नहीं मालूम की कहीं किसी एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में वह आ गए तो वह अपने और अपने परिवार सहित समाज के लिए कितनी परेशानी का सबब बन सकते हैं.
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