ETV Bharat / city

दूधिया रंग वाले सांप के रूप में आज भी दिख जाते हैं श्री कामेश्वर देव, जानें पूरी कहानी

चौक ब्राड़ता पंचायत में जाजर कुकैन सड़क मार्ग पर स्थित श्री कामेश्वर देव का ऐतिहासिक मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है. स्थानीय लोगों को सरकार से उम्मीद है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे.

kameshwar dev temple
कामेश्वर देव
author img

By

Published : Oct 20, 2020, 2:48 PM IST

सरकाघाट: जिला मंडी में चौक ब्राड़ता पंचायत में जाजर कुकैन सड़क मार्ग पर स्थित श्री कामेश्वर देव का ऐतिहासिक मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है. मंदिर एक रमणीक स्थल है, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है.

स्थानीय लोगों को सरकार से उम्मीद है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग उठाई है कि इस स्थान को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए जिससे यहां के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकें.

मान्यता है कि देवता दूधिया रंग वाले सांप के रूप में आज भी पशुओं के साथ विचरण करते मिल जाते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार स्थानीय गांव देव ब्राड़ता का एक ग्रामीण रोजगार के लिए मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्र जंजैहली गया था और वहीं किसी स्त्री से उसे प्रेम हो गया. बात विवाह तक पहुंच गई मगर युवती ने बताया कि वह स्थानीय देवता को छोड़ कर वहां से कही नहीं जा सकती.

अंत में देवता को भी साथ ले चलने पर सहमति हो गई. गांव आकर गुप चुप गांव के साथ लगती एक कंदरा में देव स्थापना हुई. युवती प्रति दिन सुबह शाम देव सेवा करती रही. एक दिन लोगों को शक हुआ और उन्होंने उसका पीछा किया और देखा कि युवती गुफा में एक सफेद सांप को दूध पिला रही थी. लोगों के इस तरह पीछा करने से देव क्रोधित हो गए. देवता ने वह स्थान छोड़ दिया.

कुछ समय बाद स्थानीय लोगों ने एक और चमत्कार देखा. बगल की चारागाह में घास चरने छोड़ी गई एक गाय बड़े प्रेम से सफेद सांप को अपने स्तनों से दूध पिला रही थी. ग्रामीणों को रुष्ट हुए देव का ठिकाना मालूम हो गया. स्थानीय लोगों ने मिलकर प्रतीकात्मक रूप में एक स्थान पर श्रद्धापूर्वक देव स्थापना की. यह वही स्थान है जहां आज हरी भरी घाटी में भव्य मंदिर बना है. यहां वर्ष में एक बार मेले का आयोजन होता है और लोग नया अन्न मेले के दौरान पहले यहां चढ़ाते हैं.

ये भी पढ़ें: चंबा में 8 करोड़ की लागत से बनेगा इंडोर स्टेडियम, खिलाड़ियों को मिलेंगी बेहतरीन सुविधाएं

सरकाघाट: जिला मंडी में चौक ब्राड़ता पंचायत में जाजर कुकैन सड़क मार्ग पर स्थित श्री कामेश्वर देव का ऐतिहासिक मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है. मंदिर एक रमणीक स्थल है, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है.

स्थानीय लोगों को सरकार से उम्मीद है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग उठाई है कि इस स्थान को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए जिससे यहां के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकें.

मान्यता है कि देवता दूधिया रंग वाले सांप के रूप में आज भी पशुओं के साथ विचरण करते मिल जाते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार स्थानीय गांव देव ब्राड़ता का एक ग्रामीण रोजगार के लिए मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्र जंजैहली गया था और वहीं किसी स्त्री से उसे प्रेम हो गया. बात विवाह तक पहुंच गई मगर युवती ने बताया कि वह स्थानीय देवता को छोड़ कर वहां से कही नहीं जा सकती.

अंत में देवता को भी साथ ले चलने पर सहमति हो गई. गांव आकर गुप चुप गांव के साथ लगती एक कंदरा में देव स्थापना हुई. युवती प्रति दिन सुबह शाम देव सेवा करती रही. एक दिन लोगों को शक हुआ और उन्होंने उसका पीछा किया और देखा कि युवती गुफा में एक सफेद सांप को दूध पिला रही थी. लोगों के इस तरह पीछा करने से देव क्रोधित हो गए. देवता ने वह स्थान छोड़ दिया.

कुछ समय बाद स्थानीय लोगों ने एक और चमत्कार देखा. बगल की चारागाह में घास चरने छोड़ी गई एक गाय बड़े प्रेम से सफेद सांप को अपने स्तनों से दूध पिला रही थी. ग्रामीणों को रुष्ट हुए देव का ठिकाना मालूम हो गया. स्थानीय लोगों ने मिलकर प्रतीकात्मक रूप में एक स्थान पर श्रद्धापूर्वक देव स्थापना की. यह वही स्थान है जहां आज हरी भरी घाटी में भव्य मंदिर बना है. यहां वर्ष में एक बार मेले का आयोजन होता है और लोग नया अन्न मेले के दौरान पहले यहां चढ़ाते हैं.

ये भी पढ़ें: चंबा में 8 करोड़ की लागत से बनेगा इंडोर स्टेडियम, खिलाड़ियों को मिलेंगी बेहतरीन सुविधाएं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.