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Online Fraud in karsog: KBC के नाम पर ऑनलाइन ठगी, शातिरों ने ऐसे लगाया 25 हजार का चूना

इन दिनों ठगों की नजर आपकी मेहनत की कमाई पर है, जिसपर सेंध लगाने के लिए ये नए-नए पैंतरे आजमाते रहते हैं और इसके लिए टीवी के सबसे चर्चित क्विज शो केबीसी यानी कौन बनेगा करोड़पति के नाम का सहारा लिया जाता है. ऐसा ही एक मामला मंडी जिले के करसोग से आया है. जहां, केबीसी के नाम पर शातिर ठगों ने व्यक्ति से 25 हजार ऐंठ (Online Fraud in karsog) लिए. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

Online Fraud in karsog
केबीसी के नाम पर ऑनलाइन ठगी
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Published : Jul 12, 2022, 6:17 PM IST

करसोग: पुलिस के द्वारा लोगों को लगातार जागरूक के बावजूद भी हिमाचल में आए दिन ऑनलाइन ठगी मामले (online fraud cases in himachal) सामने आ रहे हैं. मंडी जिले के करसोग में ऑनलाइन ठगी का एक मामला (Online Fraud in karsog) सामने आया है. यहां केबीसी के नाम पर शातिरों ने एक गरीब व्यक्ति से 25 हजार रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक उपमंडल के तहत गांव पुनी के डीम चंद को व्हाट्सऐप के माध्यम से संदेश मिला कि उनके नंबर को केबीसी यानी कौन बनेगा करोड़पति के लिए चुना गया है, जिसमें उनकी 25 लाख की लॉटरी निकली है. इस राशि को प्राप्त करने के लिए डीम चंद से टैक्स के रूप में 25 हजार की राशि जमा करने को कहा गया, जिस पर डीम चंद शातिरों के झांसे में आ गया. इसके बाद शातिरों ने अलग अलग नंबरों से अपने को बैंक मैनेजर बताकर गूगल पे के माध्यम से तीन बार ट्रांजेक्शन करके 25 हजार ऐंठ लिए. ऐसे में लॉटरी के लालच में आ कर गरीब व्यक्ति ने खून पसीने की कमाई भी गंवा दी.

डीम चंद का कहना है कि वह दिल की बीमारी से ग्रस्त है. ऐसे में इलाज के लिए काफी पैसों की आवश्यकता है. इस बीच जब लॉटरी लगने का संदेश प्राप्त हुआ तो इलाज आसानी के साथ होने की उम्मीद जगी. उन्होंने कहा कि इस बात कि जानकारी नहीं दी कि लॉटरी के नाम पर शातिर खाते से उनकी खून पसीने की कमाई को भी उड़ा ले जाएंगे.

डीम चंद ने इस तरह के फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है. वहीं, इस मामले में एसडीपीओ करसोग गीतांजली ठाकुर (SDPO Karsog Geetanjali Thakur) ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मामला ध्यान में आते ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. फिलहाल आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.

ऐसे ठगों को आपकी समझदारी ही दिखाएगी ठेंगा: सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि इस तरह की लॉटरी को लेकर किसी भी तरह की प्रतियोगिता या ड्रॉ ना तो केबीसी की तरफ से करवाई जाती है और ना ही इससे भारत सरकार या किसी और का कुछ लेना देना है. ये पूरी तरह से ठगों की प्रायोजित करनी है, जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ आपको ठगना है इसलिये इस तरह के किसी भी मैसेज, कॉल, ऑडियो मैसेज के झांसे में ना आएं. थोड़ी सी लापरवाही से आप अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेंगे. इसलिये सतर्क और सावधान रहिए. सोशल मीडिया पर लोग केबीसी लॉटरी समेत कई तरह के साइबर क्राइम को लेकर अपना अनुभव साझा करते हैं.

बाद में पुलिस के पास जाने से समझदारी भली: अगर आप किसी भी तरह की ठगी या साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो आपके पास पुलिस या साइबर क्राइम की शरण में जाने के अलावा कोई चारा ही नहीं रहता. लेकिन आपकी मेहनत की कमाई जो ठग ली गई उसकी वापसी की गारंटी ना पुलिस देती है ना बैंक, बस आप सिर्फ उम्मीद का दामन थामे रखिये कि जल्द वो ठग पकड़ा जाएगा और आपके रुपये आपको मिल जाएं. लेकिन बाद में पछताकर पुलिस के पास जाने से अच्छा है कि समझदारी से काम लीजिये, ऐसे लॉटरी, ऑफर, कैश प्राइज जैसे ठगों के जाल से बचकर रहिये.

ये भी पढ़ें: Online Fraud in Hamirpur: स्वास्थ्य अधिकारी बनकर दो गर्भवती महिलाओं से ऑनलाइन ठगी, बैंक खाते से उड़ाए 32 हजार

करसोग: पुलिस के द्वारा लोगों को लगातार जागरूक के बावजूद भी हिमाचल में आए दिन ऑनलाइन ठगी मामले (online fraud cases in himachal) सामने आ रहे हैं. मंडी जिले के करसोग में ऑनलाइन ठगी का एक मामला (Online Fraud in karsog) सामने आया है. यहां केबीसी के नाम पर शातिरों ने एक गरीब व्यक्ति से 25 हजार रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक उपमंडल के तहत गांव पुनी के डीम चंद को व्हाट्सऐप के माध्यम से संदेश मिला कि उनके नंबर को केबीसी यानी कौन बनेगा करोड़पति के लिए चुना गया है, जिसमें उनकी 25 लाख की लॉटरी निकली है. इस राशि को प्राप्त करने के लिए डीम चंद से टैक्स के रूप में 25 हजार की राशि जमा करने को कहा गया, जिस पर डीम चंद शातिरों के झांसे में आ गया. इसके बाद शातिरों ने अलग अलग नंबरों से अपने को बैंक मैनेजर बताकर गूगल पे के माध्यम से तीन बार ट्रांजेक्शन करके 25 हजार ऐंठ लिए. ऐसे में लॉटरी के लालच में आ कर गरीब व्यक्ति ने खून पसीने की कमाई भी गंवा दी.

डीम चंद का कहना है कि वह दिल की बीमारी से ग्रस्त है. ऐसे में इलाज के लिए काफी पैसों की आवश्यकता है. इस बीच जब लॉटरी लगने का संदेश प्राप्त हुआ तो इलाज आसानी के साथ होने की उम्मीद जगी. उन्होंने कहा कि इस बात कि जानकारी नहीं दी कि लॉटरी के नाम पर शातिर खाते से उनकी खून पसीने की कमाई को भी उड़ा ले जाएंगे.

डीम चंद ने इस तरह के फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है. वहीं, इस मामले में एसडीपीओ करसोग गीतांजली ठाकुर (SDPO Karsog Geetanjali Thakur) ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मामला ध्यान में आते ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. फिलहाल आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.

ऐसे ठगों को आपकी समझदारी ही दिखाएगी ठेंगा: सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि इस तरह की लॉटरी को लेकर किसी भी तरह की प्रतियोगिता या ड्रॉ ना तो केबीसी की तरफ से करवाई जाती है और ना ही इससे भारत सरकार या किसी और का कुछ लेना देना है. ये पूरी तरह से ठगों की प्रायोजित करनी है, जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ आपको ठगना है इसलिये इस तरह के किसी भी मैसेज, कॉल, ऑडियो मैसेज के झांसे में ना आएं. थोड़ी सी लापरवाही से आप अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेंगे. इसलिये सतर्क और सावधान रहिए. सोशल मीडिया पर लोग केबीसी लॉटरी समेत कई तरह के साइबर क्राइम को लेकर अपना अनुभव साझा करते हैं.

बाद में पुलिस के पास जाने से समझदारी भली: अगर आप किसी भी तरह की ठगी या साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो आपके पास पुलिस या साइबर क्राइम की शरण में जाने के अलावा कोई चारा ही नहीं रहता. लेकिन आपकी मेहनत की कमाई जो ठग ली गई उसकी वापसी की गारंटी ना पुलिस देती है ना बैंक, बस आप सिर्फ उम्मीद का दामन थामे रखिये कि जल्द वो ठग पकड़ा जाएगा और आपके रुपये आपको मिल जाएं. लेकिन बाद में पछताकर पुलिस के पास जाने से अच्छा है कि समझदारी से काम लीजिये, ऐसे लॉटरी, ऑफर, कैश प्राइज जैसे ठगों के जाल से बचकर रहिये.

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