करसोग/मंडीः हिमाचल में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण ने कई विभागों की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है. प्रदेश में विकासकार्यों पर खर्च होने वाला पैसा कुछ फीसदी ब्याज हासिल करने के लिए बैंकों की तिजोरियों में अनस्पैंड पड़ा है. विभागीय अधिकारी विकास की चिंता किए बगैर विभाग के लिए ब्याज अर्जित करते रहे, लेकिन विकास की राह में रोड़ा बने इस जाल का खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पर्दाफाश कर दिया है.
मुख्यमंत्री ने विभागों के इस तरीके को नकारते हुए स्पष्ट कर दिया हैं कि विकास का पैसा केवल विकास कार्यों पर ही खर्च होगा ना की 3 फीसदी ब्याज पाने के लिए बैंकों की तिजोरियों में बेकार पड़ा रहेगा. सीएम के इस फैसले की जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने जमकर सहराहना की है.
सब कमेटी की पहली समीक्षा बैठक हाल ही में करसोग में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई थी. इस बैठक में महेंद्र सिंह ठाकुर ने अनस्पैंड राशि को विकासकार्यों पर खर्च करने के कड़े आदेश जारी किए हैं.
महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरोना न फैलता तो अनस्पैंड राशि ऐसे ही पड़ी रहती. कोई भी नहीं देखता कि हमारे पास कितना पैसा अनस्पैंड पड़ा है. उन्होंने कहा कि ब्याज पाने के लिए विभागों ने विकास को रोकने का नया तरीका सीखा है. इस तरीके को इस बार जयराम ठाकुर ने नकार दिया है. अब ये तरीका और नहीं चलेगा. विकास का पैसा विकास पर ही खर्च होगा.
बता दें कि प्रदेश में 14 हजार करोड़ से ज्यादा अनस्पैंड राशि पड़ी है. जिसे विकासकार्यों पर खर्च करने के लिए प्रदेश सरकार ने 31 मार्च, 2021 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है. यही नहीं अनस्पैंड राशि का मामला सामने आने के बाद सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी गठित की है. ये कमेटी 2001 से 2020 तक प्रदेश से लेकर उपमंडल स्तर तक विभिन्न विभागों की ओर से अनस्पैंड राशि की समीक्षा करेगी.
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