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स्कूलों में MTS भर्ती में मिड-डे मील वर्कर्स को मिले प्राथमिकता, यूनियन ने बैठक कर उठाई मांग

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की जिला मंडी कमेटी की बैठक आयोजित हुई. मिड डे मील वर्कर्स यूनियन का कहना है कि अभी हिमाचल सरकार ने स्कूलों में जलवाहक के पदों को निरस्त करके स्कूलों में एमटीएस कार्यकर्ताओं की भर्ती का फैसला लिया है. एमटीएस की भर्ती बाहर से की जाएगी. इससे कार्यकर्ताओं में भारी रोष है.

Mid day meal workers union
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Published : Sep 30, 2020, 4:03 PM IST

मंडीः हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी की बैठक कामरेड ताराचंद भवन मंडी में हुई. बैठक में जिला के 12 शिक्षा खंडों से कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष चमन लाल ने की. मिड डे मील वर्कर्स का कहना है कि वे पिछले 16 सालों से कार्य कर रही हैं और केंद्र व राज्य सरकार उनकी मांगों की ओर से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन का कहना है कि अभी हिमाचल सरकार ने स्कूलों में जलवाहक के पदों को निरस्त करके स्कूलों में एमटीएस कार्यकर्ताओं की भर्ती का फैसला लिया है, उसमें भी एमडीएम कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है. एमटीएस की भर्ती बाहर से की जाएगी. इससे कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. इसके अलावा 25 बच्चों से कम संख्या होने पर कार्यकर्ताओं को निकाल दिया जाता है, लेकिन संख्या बढ़ जाने पर कार्यकर्ता रखे नहीं जाते हैं.

वीडियो.

मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन के मंडी जिला प्रभारी गुरदास वर्मा ने कहा कि एमटीएस यानी मल्टी टास्क सर्विस के लिए मिड डे मील के वर्कर को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कार्यकर्ताओं को वेतन देने की बात कही गई थी, वह भी जिला में आधे ही शिक्षा खंडों में कार्यकर्ताओं को मानदेय मिला है. जिला में कुछ मिड डे मील कार्यकर्ताओं को अप्रैल से कोई भी मानदेय नहीं दिया गया है.

यूनियन का कहना है कि मिड डे मील कार्यकर्ताओं को भी 10 महीने की बजाय 12 महीने का मानदेय दिया जाना चाहिए, उसे भी लागू नहीं किया. वहीं, बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में यूनियन केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेगी.

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मंडीः हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी की बैठक कामरेड ताराचंद भवन मंडी में हुई. बैठक में जिला के 12 शिक्षा खंडों से कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष चमन लाल ने की. मिड डे मील वर्कर्स का कहना है कि वे पिछले 16 सालों से कार्य कर रही हैं और केंद्र व राज्य सरकार उनकी मांगों की ओर से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन का कहना है कि अभी हिमाचल सरकार ने स्कूलों में जलवाहक के पदों को निरस्त करके स्कूलों में एमटीएस कार्यकर्ताओं की भर्ती का फैसला लिया है, उसमें भी एमडीएम कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है. एमटीएस की भर्ती बाहर से की जाएगी. इससे कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. इसके अलावा 25 बच्चों से कम संख्या होने पर कार्यकर्ताओं को निकाल दिया जाता है, लेकिन संख्या बढ़ जाने पर कार्यकर्ता रखे नहीं जाते हैं.

वीडियो.

मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन के मंडी जिला प्रभारी गुरदास वर्मा ने कहा कि एमटीएस यानी मल्टी टास्क सर्विस के लिए मिड डे मील के वर्कर को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कार्यकर्ताओं को वेतन देने की बात कही गई थी, वह भी जिला में आधे ही शिक्षा खंडों में कार्यकर्ताओं को मानदेय मिला है. जिला में कुछ मिड डे मील कार्यकर्ताओं को अप्रैल से कोई भी मानदेय नहीं दिया गया है.

यूनियन का कहना है कि मिड डे मील कार्यकर्ताओं को भी 10 महीने की बजाय 12 महीने का मानदेय दिया जाना चाहिए, उसे भी लागू नहीं किया. वहीं, बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में यूनियन केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेगी.

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