मंडी: महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर तारारात्रि से मंडी शहर स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर रोज मक्खन का लेप कर विभिन्न ज्योतिर्लिंगों व शक्तिपीठों के स्वरूप का श्रृंगार की रस्में जारी हैं. इसी के चलते बुधवार को यहां पर मक्खन से माता त्रिपुर सुंदरी त्रिपुरा का स्वरूप उकेरा गया. जिसके दर्शनों के लिए दिन भर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा.
बाबा भूतनाथ मठ मंदिर मंडी के महंत दयानंद सरस्वती ने महाशिवरात्रि से पहले पूरा माह शिवलिंग पर मक्खन का लेप लगाने और माता आदि शक्ति के विभिन्न शक्तिपीठों के बारे में कई रहस्य बताए. उन्होंने माता आदि शक्ति के विभिन्न शक्तिपीठों के स्थापित होने के पीछे की घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि धर्म ग्रंथों में लिखे अनुसार एक बार राजा प्रजापति दक्ष ने अपने महल में एक यज्ञ का आयोजन किया, लेकिन इस कार्यक्रम में उन्होंने भगवान शिव और माता पार्वती को नहीं बुलाया. जिससे पिता के प्रति स्नेह के चलते माता ने यज्ञ के कार्यक्रम में जाने की बात कही व निमंत्रण न होने पर भी भगवान शंकर से चलने की बात कही और समारोह के लिए चली गई.
इसके बाद अपने पिता के घर पर उनके और भोलेनाथ के लिए कोई स्थान न होने पर माता ने रूष्ठ होकर उसी यज्ञ में अपनी देह त्याग दी. इसका पता चलने पर शिव के गणों ने यज्ञ को तहस नहस किया और राजा दक्ष का सिर भी काट दिया. इसके बाद भगवान शंकर ने शोक संतिप्त होते हुए पार्वती की देह को हाथों में लिए विचरण करने लगे. इस दौरान जहां भी माता पार्वती के देह के अंग गिरे या आभूषण गिरे उन स्थानों को माता आदि शक्ति के विभिन्न शक्तिपीठों के रूप में जाना जाता है.
बता दें कि बाबा भूतनाथ मठ मंदिर मंडी में हर वर्ष यहां पर विराजमान (history of baba bhootnath temple) शिवलिंग पर मक्खन का लेप चढ़ाकर भगवान शंकर के रूपों को उकेरा जाता है. महाशिवरात्रि पर्व पर भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक और यज्ञ के साथ भंडारे का आयोजन भी किया जाता है.
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