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मकर संक्रांति 2022: भगवान सूर्य नारायण को समर्पित मकर संक्रांति पर्व पर बन रहा 'महासंयोग'

मकर संक्रांति पर इस साल विशेष योग (mahasanyog on makar sankranti) बनते हुए नजर आ रहे हैं. सिंह, तुला और वृश्चिक राशि को छोड़कर सभी राशि के जातकों के लिए शुभ फल लेकर आ रहा है. पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि मकर संक्रांति पर स्नान के लिए सुबह चार बजे और पूजा अर्चना के लिए सुबह 8.30 बजे से उपयुक्त समय (Makar Sankranti muhurat) है.

mahasanyog on makar sankranti
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Published : Jan 13, 2022, 7:25 PM IST

मंडी: मकर संक्रांति पर अवसर पर सूर्य नारायण भगवान उत्तरायण होंगे और देवताओं के दिनों की शुरुआत होगी, जिसके साथ ही सभी स्थानों पर इस पावन पर्व को मनाया जाएगा (makar sankranti festival in himachal). इस वर्ष माघ संक्रांति पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जिसके तहत भगवान सूर्य नारायण की पूजा अर्चना करने से मनुष्य की वांछित मनोकामना की पूर्ति होने की उम्मीद है.

इस संबंध में पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि हिन्दू परंपरा के अनुसार इस दिन को मनाने की विशेष प्रक्रिया है. लोहड़ी का पर्व गुरुवार से ही शुरू हो जाता है, रात के समय लोहड़ी का गिट्ठा जलाया जाता है. अग्नि देव की पूजा की जाती है और तिल या तिल से बने भोग का दान किया जाता है. उसके बाद शुक्रवार को सभी धार्मिक स्थालों पर या प्रमुख नदियों में स्नान को श्रेष्ठ माना गया है. पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि स्नान के लिए सुबह चार बजे और पूजा अर्चना के लिए सुबह 8.30 बजे से उपयुक्त मुहूर्त (Makar Sankranti muhurat) है.

वीडियो.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार कि मकर संक्रांति सिंह, तुला और वृश्चिक राशि के लोगों को छोड़ अन्य सभी राशियों के लिए शुभ फल लेकर आ रही है. मकर संक्रांति के पर्व को लेकर गुरुवार को मंडी के बाजारों में खुब रौनक देखने को मिली. लोग लोहड़ी के लिए मुंगफली, गजक, रेवड़ियां आदि खरीदते दिखे. शुक्रवार को संक्रांति के अवसर पर सभी लोगों के घरों में खिचड़ी बनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: Chandrabhaga River in Himachal: चंद्रभागा में माइनस तापमान में भी युवक लगा रहे आस्था की डुबकी

मंडी: मकर संक्रांति पर अवसर पर सूर्य नारायण भगवान उत्तरायण होंगे और देवताओं के दिनों की शुरुआत होगी, जिसके साथ ही सभी स्थानों पर इस पावन पर्व को मनाया जाएगा (makar sankranti festival in himachal). इस वर्ष माघ संक्रांति पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जिसके तहत भगवान सूर्य नारायण की पूजा अर्चना करने से मनुष्य की वांछित मनोकामना की पूर्ति होने की उम्मीद है.

इस संबंध में पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि हिन्दू परंपरा के अनुसार इस दिन को मनाने की विशेष प्रक्रिया है. लोहड़ी का पर्व गुरुवार से ही शुरू हो जाता है, रात के समय लोहड़ी का गिट्ठा जलाया जाता है. अग्नि देव की पूजा की जाती है और तिल या तिल से बने भोग का दान किया जाता है. उसके बाद शुक्रवार को सभी धार्मिक स्थालों पर या प्रमुख नदियों में स्नान को श्रेष्ठ माना गया है. पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि स्नान के लिए सुबह चार बजे और पूजा अर्चना के लिए सुबह 8.30 बजे से उपयुक्त मुहूर्त (Makar Sankranti muhurat) है.

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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार कि मकर संक्रांति सिंह, तुला और वृश्चिक राशि के लोगों को छोड़ अन्य सभी राशियों के लिए शुभ फल लेकर आ रही है. मकर संक्रांति के पर्व को लेकर गुरुवार को मंडी के बाजारों में खुब रौनक देखने को मिली. लोग लोहड़ी के लिए मुंगफली, गजक, रेवड़ियां आदि खरीदते दिखे. शुक्रवार को संक्रांति के अवसर पर सभी लोगों के घरों में खिचड़ी बनाई जाएगी.

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