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सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का लिडार सर्वे शुरू, दो चरणों में होगा निर्माण - सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट

मंडी जिले के बल्ह में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए आज से लिडार सर्वे शुरू हो गया है. सर्वे के लिए आई टीम ने जिला प्रशासन से तीन दिन का समय मांगा है. एयरपोर्ट का दो चरणों में निर्माण होगा. पहले चरण में 2150 मीटर का रनवे का निर्माण कराया जाएगा. सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट का क्षेत्र के किसानों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि एयरपोर्ट निर्माण से 2000 परिवार प्रभावित हो जाएंगे.

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Published : Jul 17, 2021, 4:46 PM IST

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के अंतिम लिडार सर्वे के लिए दिल्ली से टीम मंडी पहुंच चुकी है. शनिवार की सुबह 6 बजे से भूमि का सर्वे टीम ने शुरू कर दिया है. दो चरणों में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए होने वाला लिडार सर्वे 20 जुलाई तक का समय मांगा है. जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एजेंसी बैककोस लिमिटेड के माध्यम से यह सर्वे किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी.

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के पहले चरण में 2150 मीटर लंबा रनवे बनाया जाएगा. वहीं, दूसरे चरण में 1000 मीटर रनवे में बनाने की योजना है. हवाई अड्डे के निर्माण से पहले सर्वे में निर्माण की वास्तविक स्थिति, भौगोलिक चुनौतियों का पता लगाया जाएगा. इसके अलावा हवाई अड्डे के निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि का आंकलन भी किया जाएगा.

वीडियो.

उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि टीम ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण से पहले अंतिम लीडर सर्वे शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले यह सर्वे 15 जून तक का पूरा होना था, लेकिन तकनीकी व मौसम की खराबी के चलते सर्वे स्थगित करना पड़ा था.

लिडार एक आधुनिक तकनीक है. हेलीकाप्टर में लेजर से लैस उपकरण लगे होते हैं. इस तकनीक के जरिये जमीन पर मौजूद हर एक चीज का विस्तृत विवरण मिलता है. जमीन पर रास्ता कैसा है, कहां गड्ढे, ऊंचाई व नदी नाले हैं, इन सब की सटीक जानकारी लिडार तकनीक से मिलती है. तकनीक की मदद से कारिडोर की लंबाई, चौड़ाई, अलाइनमेंट, स्टेशन, डिपो, जमीन की जरूरत का सटीक खाका तैयार होगा. प्रोजेक्ट डिजाइन करने में भी सहायता मिलेगी.

वहीं, इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का किसानों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है. हिमाचल किसान सभा व बल्ह के लोग उपजाऊ भूमि पर एयरपोर्ट ना बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं. किसान सभा का कहना है कि हवाई अड्डे के निर्माण से 8 गांव के 2000 परिवार प्रभावित होंगे. वहीं, बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के सचिव को पिछले दिनों मंडी हेलिपैड पर ज्ञापन सौंपकर बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे को किसी दूसरे स्थान पर बनाने की गुहार भी लगाई थी. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने उस समय किसान संघर्ष समिति की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक तरीके से विचार करने का आश्वासन दिया था.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने दिल्ली में अनुराग ठाकुर से की मुलाकात, खेल ढांचे पर हुई चर्चा

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के अंतिम लिडार सर्वे के लिए दिल्ली से टीम मंडी पहुंच चुकी है. शनिवार की सुबह 6 बजे से भूमि का सर्वे टीम ने शुरू कर दिया है. दो चरणों में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए होने वाला लिडार सर्वे 20 जुलाई तक का समय मांगा है. जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एजेंसी बैककोस लिमिटेड के माध्यम से यह सर्वे किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी.

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के पहले चरण में 2150 मीटर लंबा रनवे बनाया जाएगा. वहीं, दूसरे चरण में 1000 मीटर रनवे में बनाने की योजना है. हवाई अड्डे के निर्माण से पहले सर्वे में निर्माण की वास्तविक स्थिति, भौगोलिक चुनौतियों का पता लगाया जाएगा. इसके अलावा हवाई अड्डे के निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि का आंकलन भी किया जाएगा.

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उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि टीम ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण से पहले अंतिम लीडर सर्वे शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले यह सर्वे 15 जून तक का पूरा होना था, लेकिन तकनीकी व मौसम की खराबी के चलते सर्वे स्थगित करना पड़ा था.

लिडार एक आधुनिक तकनीक है. हेलीकाप्टर में लेजर से लैस उपकरण लगे होते हैं. इस तकनीक के जरिये जमीन पर मौजूद हर एक चीज का विस्तृत विवरण मिलता है. जमीन पर रास्ता कैसा है, कहां गड्ढे, ऊंचाई व नदी नाले हैं, इन सब की सटीक जानकारी लिडार तकनीक से मिलती है. तकनीक की मदद से कारिडोर की लंबाई, चौड़ाई, अलाइनमेंट, स्टेशन, डिपो, जमीन की जरूरत का सटीक खाका तैयार होगा. प्रोजेक्ट डिजाइन करने में भी सहायता मिलेगी.

वहीं, इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का किसानों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है. हिमाचल किसान सभा व बल्ह के लोग उपजाऊ भूमि पर एयरपोर्ट ना बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं. किसान सभा का कहना है कि हवाई अड्डे के निर्माण से 8 गांव के 2000 परिवार प्रभावित होंगे. वहीं, बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के सचिव को पिछले दिनों मंडी हेलिपैड पर ज्ञापन सौंपकर बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे को किसी दूसरे स्थान पर बनाने की गुहार भी लगाई थी. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने उस समय किसान संघर्ष समिति की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक तरीके से विचार करने का आश्वासन दिया था.

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