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किरतपुर-नेरचौक ठेकेदार यूनियन 28 दिसंबर को शिमला में करेगी प्रदर्शन, ये है वजह - मंडी नेरचौक ठेकेदार यूनियन डिमांड

अपनी मांगों को लेकर किरतपुर-नेरचौक ठेकेदार यूनियन 28 दिसंबर को शिमला में सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेगी. यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के हर मंत्री के आगे गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन इन भागी हुई कंपनियों को लगाम लगाने में और ठेकेदारों का पैसा वापस भुगतान करवाने में सरकारी तंत्र पूरी तरह से विफल हो चुका है.

Kiratpur Nerchowk Contractors
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Published : Dec 17, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 8:25 PM IST

सुंदरनगरः किरतपुर-नेरचौक ठेकेदार यूनियन 28 दिसंबर को शिमला में सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेगी. यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र चंदेल ने बताया कि किरतपुर-मनाली फोरलेन से भागी कुछ कंपनियां आज भी स्थानीय ठेकेदारों का करोड़ों रुपए नहीं दे पाई है. जिसकी वजह से स्थानीय ठेकेदारों की हालत खराब हो चुकी है.

ऐसे में ना उनकी सुनवाई प्रदेश सरकार कर रही है और ना ही फोरलेन संबंधित एनएचएआई उस पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के हर मंत्री के आगे गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन इन भागी हुई कंपनियों को लगाम लगाने में और ठेकेदारों का पैसा वापस भुगतान करवाने में सरकारी तंत्र पूरी तरह से विफल हो चुका है.

सचिवालय के बाहर प्रदर्शन

हालांकि पिछले कई सालों से सरकार आश्वासन दे रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है. ऐसे में अब ठेकेदारी यूनियन ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करने के लिए 28 दिसंबर को शिमला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने का आह्वान सभी ठेकेदारों को कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह मसला भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, देश के युवा मंत्री अनुराग ठाकुर सहित सभी के आगे रखा गया लेकिन वहां भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

हाई लेवल कमेटी बनाने की मांग

जितेंद्र चंदेल ने कहा कि प्रदर्शन के जरिए सरकार से गुहार लगाई जाएगी कि फोरलेन कंपनियों से प्रभावित ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई जाए. कमेटी फोरलेन से भागी हुई कंपनियों का पूरा लेखा-जोखा लेकर ठेकेदारों के साथ हुई ज्यादतियों के अलावा वित्तीय लेखा-जोखा उक्त कंपनियों से मांगें और जल्द से जल्द प्रभावित ठेकेदारों का भुगतान हो सके.

'ठेकेदार हो गए कर्जदार'

उन्होंने कहा कि इन फोरलेन की फरार कंपनियों की वजह से कई ठेकेदार आज कर्जदार हो गए हैं और कई ठेकेदारों की मशीनें बैंक उठाकर ले गया ले गया है. ऐसे में कुछ ठेकेदार तो काम ना होने की वजह से घर बैठे ही कर्जदार हो गए हैं. जबकि जिन कंपनियों ने उन के साथ जो अन्याय किया उन कंपनियों का बाल बांका तक नहीं हुआ. जबकि ठेकेदार सड़क पर आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि अब लड़ाई शुरू हो गई है और उसका आगाज शिमला से होने वाला है. सरकारी तंत्र को जगाते जगाते कई साल गुजर गए, लेकिन सरकार से अब आश्वासन नहीं बल्कि कार्रवाई करवाएंगे. उन्होंने चेताया कि अगर इस बार भी आश्वासन ही मिले तो आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन होने वाला है. इस मौके पर उनके साथ यूनियन के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें- पीएम किसान निधि फर्जीवाड़े को लेकर युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, निष्पक्ष जांच की उठाई मांग

ये भी पढ़ें- हिमाचल में इस साल कम हुए 23 प्रतिशत सड़क हादसे, लॉकडाउन रही बड़ी वजह

सुंदरनगरः किरतपुर-नेरचौक ठेकेदार यूनियन 28 दिसंबर को शिमला में सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेगी. यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र चंदेल ने बताया कि किरतपुर-मनाली फोरलेन से भागी कुछ कंपनियां आज भी स्थानीय ठेकेदारों का करोड़ों रुपए नहीं दे पाई है. जिसकी वजह से स्थानीय ठेकेदारों की हालत खराब हो चुकी है.

ऐसे में ना उनकी सुनवाई प्रदेश सरकार कर रही है और ना ही फोरलेन संबंधित एनएचएआई उस पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के हर मंत्री के आगे गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन इन भागी हुई कंपनियों को लगाम लगाने में और ठेकेदारों का पैसा वापस भुगतान करवाने में सरकारी तंत्र पूरी तरह से विफल हो चुका है.

सचिवालय के बाहर प्रदर्शन

हालांकि पिछले कई सालों से सरकार आश्वासन दे रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है. ऐसे में अब ठेकेदारी यूनियन ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करने के लिए 28 दिसंबर को शिमला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने का आह्वान सभी ठेकेदारों को कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह मसला भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, देश के युवा मंत्री अनुराग ठाकुर सहित सभी के आगे रखा गया लेकिन वहां भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

हाई लेवल कमेटी बनाने की मांग

जितेंद्र चंदेल ने कहा कि प्रदर्शन के जरिए सरकार से गुहार लगाई जाएगी कि फोरलेन कंपनियों से प्रभावित ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई जाए. कमेटी फोरलेन से भागी हुई कंपनियों का पूरा लेखा-जोखा लेकर ठेकेदारों के साथ हुई ज्यादतियों के अलावा वित्तीय लेखा-जोखा उक्त कंपनियों से मांगें और जल्द से जल्द प्रभावित ठेकेदारों का भुगतान हो सके.

'ठेकेदार हो गए कर्जदार'

उन्होंने कहा कि इन फोरलेन की फरार कंपनियों की वजह से कई ठेकेदार आज कर्जदार हो गए हैं और कई ठेकेदारों की मशीनें बैंक उठाकर ले गया ले गया है. ऐसे में कुछ ठेकेदार तो काम ना होने की वजह से घर बैठे ही कर्जदार हो गए हैं. जबकि जिन कंपनियों ने उन के साथ जो अन्याय किया उन कंपनियों का बाल बांका तक नहीं हुआ. जबकि ठेकेदार सड़क पर आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि अब लड़ाई शुरू हो गई है और उसका आगाज शिमला से होने वाला है. सरकारी तंत्र को जगाते जगाते कई साल गुजर गए, लेकिन सरकार से अब आश्वासन नहीं बल्कि कार्रवाई करवाएंगे. उन्होंने चेताया कि अगर इस बार भी आश्वासन ही मिले तो आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन होने वाला है. इस मौके पर उनके साथ यूनियन के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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Last Updated : Dec 17, 2020, 8:25 PM IST
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