मंडी: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति धर्म चन्द चौधरी ने बेटियों को परिवार का सम्मान बताते हुए सभी लोगों से बेटा-बेटी में भेद की मानसिकता को छोड़ कर बेटियों को जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर देने का आह्वान किया.
न्यायमूर्ति शुक्रवार को विश्व बालिका दिवस के अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सराज विधानसभा क्षेत्र की पंचायत थुनाग में आयोजित एक दिवसीय जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे.
न्यायमूर्ति ने कहा कि बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलने की जरुरत है. वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही हैं. आज बेटियां प्रशासन, सेना, खेलों हर क्षेत्र में प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बेटियों के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है.
महिलाओं को होनी चाहिए अपने अधिकारों की जानकारी
न्यायमूर्ति ने कहा कि ये गर्व की बात है कि बेटियां आज राष्ट्र निर्माण भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. आज बेटियों की सुरक्षा के लिए अनेक कानूनों का प्रावधान किया गया है ताकि महिलाओं को उनके प्रति होने वाले अत्याचारों से सुरक्षा मुहैया करवाई जा सके. उन्होंने कहा कि महिलाओं को इन कानूनों के बारे में जागरुक होना चाहिए ताकि वे इनका लाभ प्राप्त कर सकें.
न्याय दिलाने में जरूरतमंदों की सहायता करता है विधिक सेवा प्राधिकरण
न्यायमूर्ति धर्म चन्द चौधरी ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों को न्याय दिलाने की दिशा में कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा प्राधिकरण द्वारा 3 लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है ताकि कोई भी व्यक्ति धन की कमी के कारण न्याय प्राप्त करने से वंचित न रहे. प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर शिविरों का आयोजन कर लोगों को वर्तमान में प्रचलित कानूनों की जानकारी प्रदान की जा रही है ताकि लोग कानूनों को जानकर उनका लाभ उठा सकें.
न्यायमूर्ति ने कहा कि प्राधिकरण का मानना है कि कानून की नजर में सभी नागरिक समान हैं व सभी को समान न्याय प्राप्त होना चाहिए. उन्होंने इस अवसर पर नवजात बेटियों को बधाई पत्र व उपहार व बेटी है अनमोल योजना के तहत 5 बेटियों को 12-12 हजार रूपये की एफडी भी भेंट की.
इस मौके पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश हंस राज, अतिरिक्त सचिव हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण गौरव महाजन, डॉ. अक्षय मिन्हास, अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर तथा ग्राम पंचायत धार जरौल की प्रधान कला देवी ने भी अपने विचार रखे.
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