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IIT मंडी ने दस सालों बाद खंडहर बनाकर लौटाए सरकारी भवन, मरम्मत पर खर्च होंगे एक करोड़ - आईआईटी मंडी ने लौटाए सरकारी भवन

प्रदेश सरकार की ओर से 16 नवंबर 2009 को आईआईटी मंडी के संचालन के लिए पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस और टूरिज्म विभाग के भवन दिया गया था. जिसे दस साल के बाद वापस लौटाया गया है. विभाग का कहना है कि अब इसके मरम्मत के लिए करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आएगा

IIT Mandi returns government building
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Published : Jan 5, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Jan 6, 2020, 2:49 PM IST

मंडी: प्रदेश सरकार की ओर से 16 नवंबर 2009 को आईआईटी मंडी के संचालन के लिए पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस और टूरिज्म विभाग के भवन सहित डिग्री कॉलेज मंडी के भवन दिया गया था. कॉलेज स्टूडेंट्स के संघर्ष के बाद कॉलेज का भवन आईआईटी ने समय रहते वापस लौटा दिया, लेकिन पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस और होटल मांडव पर कब्जा जमाए रखा.

आईआईटी का इन भवनों को वापस लौटाने का कोई इरादा नहीं नजर नहीं आ रहा था. क्योंकि आईआईटी प्रबंधन जिला मुख्यालय पर अपना एक कार्यालय चाह रहा था, लेकिन दबाव के चलते आईआईटी को यह भवन वापस लौटाने पड़े हैं. बीती 18 दिसंबर 2019 को दस सालों के बाद आईआईटी ने इन भवनों को वापस लौटा दिया.

पीडब्ल्यूडी के 15 कमरों वाले रेस्ट हाउस में होस्टल का संचालन होता था. इस भवन की हालत इतनी खस्ता कर दी गई है कि अब इसकी पूरी मरम्मत पर करीब 1 करोड़ रूपयों का खर्च आएगा. लोक निर्माण विभाग मंडल 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा ने बताया कि विभाग का रेस्ट हाउस उन्हें आईआईटी से वापस प्राप्त हो चुका है.

केके शर्मा ने बताया कि भवन में काफी ज्यादा बदलाव किया गया है और इसे हैवी मेंटेनेंस की जरूरत है. वहीं, दूसरी तरफ टूरिज्म विभाग के होटल मांडव भवन की हालत थोड़ी बेहतर नजर आ रही है, लेकिन इसकी मरम्मत पर भी करीब 20 लाख रुपये की राशि खर्च होने का एस्टीमेट बनाया गया है.

हालांकि अब यह भवन क्लस्टर यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन भवन की मरम्मत करवाना जरूरी है और उसके लिए अब धन का इंतजार किया जा रहा है. केके शर्मा ने बताया कि धन की उपलब्धता होते ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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मंडी: प्रदेश सरकार की ओर से 16 नवंबर 2009 को आईआईटी मंडी के संचालन के लिए पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस और टूरिज्म विभाग के भवन सहित डिग्री कॉलेज मंडी के भवन दिया गया था. कॉलेज स्टूडेंट्स के संघर्ष के बाद कॉलेज का भवन आईआईटी ने समय रहते वापस लौटा दिया, लेकिन पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस और होटल मांडव पर कब्जा जमाए रखा.

आईआईटी का इन भवनों को वापस लौटाने का कोई इरादा नहीं नजर नहीं आ रहा था. क्योंकि आईआईटी प्रबंधन जिला मुख्यालय पर अपना एक कार्यालय चाह रहा था, लेकिन दबाव के चलते आईआईटी को यह भवन वापस लौटाने पड़े हैं. बीती 18 दिसंबर 2019 को दस सालों के बाद आईआईटी ने इन भवनों को वापस लौटा दिया.

पीडब्ल्यूडी के 15 कमरों वाले रेस्ट हाउस में होस्टल का संचालन होता था. इस भवन की हालत इतनी खस्ता कर दी गई है कि अब इसकी पूरी मरम्मत पर करीब 1 करोड़ रूपयों का खर्च आएगा. लोक निर्माण विभाग मंडल 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा ने बताया कि विभाग का रेस्ट हाउस उन्हें आईआईटी से वापस प्राप्त हो चुका है.

केके शर्मा ने बताया कि भवन में काफी ज्यादा बदलाव किया गया है और इसे हैवी मेंटेनेंस की जरूरत है. वहीं, दूसरी तरफ टूरिज्म विभाग के होटल मांडव भवन की हालत थोड़ी बेहतर नजर आ रही है, लेकिन इसकी मरम्मत पर भी करीब 20 लाख रुपये की राशि खर्च होने का एस्टीमेट बनाया गया है.

हालांकि अब यह भवन क्लस्टर यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन भवन की मरम्मत करवाना जरूरी है और उसके लिए अब धन का इंतजार किया जा रहा है. केके शर्मा ने बताया कि धन की उपलब्धता होते ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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Intro:मंडी : हिमाचल की संस्कृति रही है कि यदि कोई आपको अपनी कोई वस्तु इस्तेमाल करने के लिए देता है तो आप उसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ उसकी पूरी देखरेख भी करते हैं और उसी अवस्था में उसे वापिस लौटाने का प्रयास भी करते हैं। लेकिन आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को शायद इस संस्कृति की जानकारी नहीं है। यही कारण है कि दस वर्षों तक राज्य सरकार के जिन भवनों का आइआइटी ने ठोक बजाकर इस्तेमाल किया उसे आज खंडहर बनाकर वापिस सरकार के हवाले कर दिया गया है। बात हो रही है बस स्टैंड के साथ लगते पीडब्ल्यूडी विभाग के रेस्ट हाउस और टूरिज्म विभाग के होटल की। Body:16 नवंबर 2009 को आइआइटी के संचालन के लिए इन दो भवनों सहित डिग्री कॉलेज मंडी के भवन को आइआइटी के हवाले किया गया था। कॉलेज स्टूडेंट्स के संघर्ष के बाद कॉलेज का भवन आइआइटी ने समय रहते वापिस लौटा दिया लेकिन पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस और होटल मांडव पर कब्जा जमाए रखा। आइआइटी का इन भवनों को वापिस लौटाने का कोई ईरादा नहीं था, क्योंकि आइआइटी प्रबंधन जिला मुख्यालय पर अपना एक कार्यालय चाह रहा था। लेकिन दबाव के चलते आइआइटी को यह भवन वापिस लौटाने पड़े। बीती 18 दिसंबर 2019 को दस वर्षों के बाद आइआइटी ने इन भवनों को वापिस लौटा दिया। पीडब्ल्यूडी के 15 कमरों वाले रेस्ट हाउस में होस्टल का संचालन होता था। इस भवन की इतनी दुर्गति कर दी गई है कि अब इसकी पूरी मुरम्मत पर करीब एक करोड़ रूपयों का खर्च आएगा। लोक निर्माण विभाग मंडल 2 के अधिशाषी अभियंता ई. केके शर्मा ने बताया कि विभाग का रेस्ट हाउस उन्हें आइआइटी से वापिस प्राप्त हो चुका है और अब इसकी मुरम्मत के लिए एक करोड़ का एस्टीमेट बनाया गया है। उन्होंने बताया कि भवन में काफी ज्यादा तोड़फोड़ हुई है और इसे हैवी मेंटेनस की जरूरत है। वहीं, दूसरी तरफ टूरिज्म विभाग के होटल मांडव भवन की हालत थोड़ी बेहतर नजर आ रही है। लेकिन इसकी मुरम्मत पर भी कम से कम 20 लाख रूपए की राशि खर्च होने का एस्टीमेट बनाया गया है। हालांकि अब यह भवन क्लस्टर यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन भवन की मुरम्मत करवाना जरूरी है और उसके लिए अब धन का इंतजार किया जा रहा है। ई. केके शर्मा ने बताया कि धन की उपलब्धता होते ही मुरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

बाइट - ई. केके शर्मा, अधिशाषी अभियंता, लोनिवि मंडल 2Conclusion:वहीं, दूसरी तरफ टूरिज्म विभाग के होटल मांडव भवन की हालत थोड़ी बेहतर नजर आ रही है। लेकिन इसकी मुरम्मत पर भी कम से कम 20 लाख रूपए की राशि खर्च होने का एस्टीमेट बनाया गया है। हालांकि अब यह भवन क्लस्टर यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन भवन की मुरम्मत करवाना जरूरी है और उसके लिए अब धन का इंतजार किया जा रहा है। ई. केके शर्मा ने बताया कि धन की उपलब्धता होते ही मुरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
Last Updated : Jan 6, 2020, 2:49 PM IST
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