करसोग: हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) को लेकर प्रदेश में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई हैं. चुनाव से पहले हिमाचल सीट स्कैन (himachal seat scan) में प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में इस साल क्या राजनीतिक परिदृश्य (scan Karsog assembly seat ground report) से रू-ब-रू करा रहे हैं. आज करसोग विधानसभा क्षेत्र की बात करने जा रहे हैं.
हिमाचल में करसोग 26वां (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र है. चार जिला परिषद वार्ड वाले इस विधानसभा क्षेत्र का इतिहास देखें तो नारी सशक्तिकरण के दावे करने वाले बड़े दल कांग्रेस और भाजपा ने कभी भी महिला को टिकट नहीं दिया है. दोनों ही बड़े दलों ने आधी आबादी कहे जाने वाली मातृशक्ति को केवल भीड़ का हिस्सा और वोट बैंक के तौर पर प्रयोग किया है. ऐसे में अबकी बार यहां की जनता महिलाओं को भी मौका देने की वकालत कर रही है.
वर्ष 1993 से वर्ष 2017 तक विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां छह विधानसभा चुनाव में 3 बार कांग्रेस, एक बार हिमाचल विकास कांग्रेस, एक बार निर्दलीय और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है. प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब करीब तीन महीने शेष बचे हैं. ऐसे में करसोग में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. दोनों ही बड़े राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन इस बार दोनों ही दलों में कई दावेदार टिकट की कतार में लगे हैं. इस बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party in Himachal) भी विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाने जा रही है. ऐसे में करसोग विधानसभा में इस राजनीतिक हालत जीत और हार के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं, जो दोनों दलों के लिए एक बड़ी चुनौती है.
पिछले छह चुनाव में कितने से जीते उम्मीदवार: करसोग विधानसभा (Karsog Assembly Constituency) के लिए 1993 में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहा था. उस समय कुल चार उम्मीदवार चुनाव मैदान आमने सामने थे, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा. भाजपा ने जोगिंद्र पाल को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, कांग्रेस पार्टी से मस्त राम चुनावी रण में किस्मत आजमा रहे थे, जिसमें मस्त राम ने 19,371 मत प्राप्त कर 10,227 मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की. जोगिंद्र पाल को 9,144 मत मिले.
इसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला तीन दलों के बीच था. कांग्रेस को छोड़ कर पूर्व केंद्रीय संचार मत्री सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी के नाम से अपना नया दल बनाया. जिसमें पार्टी ने पूर्व मत्री मनसाराम को अपना प्रत्याशी बनाया. भाजपा ने एक बार फिर से जोगिंद्र पाल पर अपना दाव खेला. वहीं, कांग्रेस ने फिर से मस्त राम को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन हिमाचल विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मनसा राम ने 13,009 मत लेकर 1,932 मतों के चुनाव जीत लिया. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार मस्तराम को 11,077 वोट पड़े. वहीं, तीसरे नंबर पर खिसकी भाजपा के प्रत्याशी जोगिंद्र पाल के हिस्से 10,977 वोट आए.
वहीं, 2003 के विधानसभा चुनाव में भी तीन दलों के बीच मुख्य मुकाबला रहा. तीनों ही दलों ने इस बार टिकट में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन जीत कांग्रेस प्रत्याशी मस्त राम के हिस्से आई. मस्त राम ने 19,124 मत प्राप्त कर चुनाव 5,911 मतों के अंतर से जीत लिया. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार को 13,213 वोट पड़े, जबकि तीसरे नंबर पर रहे हिमाचल विकास कांग्रेस के प्रत्याशी मनसाराम को 11,730 मत मिले.
साल 2007 के चुनाव में मनसा राम हिमाचल विकास पार्टी को छोड़ भाजपा में शामिल हुए और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हीरा लाल से 5,527 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए. हीरा लाल को 19,609 वोट पड़े, वहीं, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार मनसा राम को 14,082 मत प्राप्त हुए.
इसके बाद साल 2012 में मनसा राम ने फिर से पार्टी बदल कर कांग्रेस से चुनाव लड़ा. वहीं, भाजपा ने हीरा लाल को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा. लेकिन इस बार बाजी कांग्रेस के हाथ लगी. कांग्रेस उम्मीदवार मनसा राम को 18,978 वोट पड़े. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी हीरा लाल को 14,646 मत हासिल हुए. वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से हीरा लाल को टिकट देकर चुनावी रण में उतारा, वहीं कांग्रेस ने मनसा राम पर भरोसा जताया।.इस चुनाव में रिकॉर्ड 22,102 मत हासिल कर कांग्रेस उम्मीदवार मनसा राम को 4,830 मतों के अंतर से पछाड़ दिया. मनसा राम को 17,272 मत पड़े.
दोनों दलों में टिकट के कई चाहवान: करसोग विधानसभा सीट (Karsog Assembly Seat) पर आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों से टिकट के लिए कई दावेदार कतार में हैं. सबसे पहले बात कांग्रेस से करते हैं. दरअसल इस बार 28 जुलाई को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की विशेष बैठक में सात नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई है. इसमें उप नियंत्रक वित्त एवं लेखा ऐच्छिक सेवानिवृत्त एवं वर्तमान में महासचिव हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन भगतराम व्यास, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत राम जगत, पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश राज, हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव उत्तम चंद चौहान, ब्लॉक सेवादल के अध्यक्ष हिरदाराम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हीरामणि भारद्वाज व पवन कुमार शामिल हैं. वहीं, भाजपा से वर्तमान विधायक हीरा लाल (Karsog MLA Hira Lal) के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक जिला सुंदरनगर आईटी संयोजक दीप कपूर भंथल, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुंदरनगर अमीचंद, भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य युवराज कपूर के नाम टिकट के दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं.
करसोग विधानसभा में 74,675 मतदाता: करसोग विधानसभा में वर्तमान में कुल 74,675 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 37,878 है, जो कुल वोटर का करीब 50.72 फीसदी है. इसी तरह से आधी आबादी कहलाने वाली महिला मतदाता की संख्या 36,797 है, जो कुल मतदाता का करीब 49.27 फीसदी है. करसोग विधानसभा में थर्ड जेंडर मतदाता नहीं है. अभी आने वाले समय में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में और नाम जुड़ सकते हैं.
विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख स्थल: करसोग विधानसभा क्षेत्र अपनी खूबसूरती के साथ सेब की मिठास के लिए भी जाना जाता है. यहां के सेब की खुशबू देश की बड़ी मंडियों में महकती है. करसोग की खूबसूरत वैली के अतिरिक्त कई प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, जिसमें करसोग के प्रवेश द्वार में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी, माहुंनाग, चिंडी माता मंदिर, कामाक्षा माता मंदिर, ममलेश्वर महादेव मंदिर आदि धार्मिक पर्यटन स्थल हैं. करसोग की आबादी 1.10 लाख के करीब है. यहां लोगों का मुख्य पेशा कृषि और बागवानी है. करसोग में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरी पांगणा है. जो पर्यटकों के लिए आकर्ष का केंद्र है. इस स्थान की मिट्टी की खुशबू दिल्ली में बनने जा रहे नये संसद भवन में भी महकेगी.
विधानसभा चुनाव में ये रह सकते हैं मुद्दे: साल के आखिर में होने वाले विधानसभा में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों व बागवानों की समस्याएं प्रमुख (Karsog Assembly Constituency Issues) हैं. मंडियों में उत्पादों के उचित दाम न मिलने से यहां के किसान और बागवान परेशान हैं. इसके अलावा दूध के कम दाम मिलने से भी किसानों में खासा नाराजगी है. करसोग में स्थाई सब्जी मंडी न होने से किसान काफी परेशान हैं. क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव (Medical Facilities in Karsog) है. इसके अलावा सिविल अस्पताल करसोग (Civil Hospital Karsog) में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. करसोग में सरकारी विभागों में स्टाफ की कमी से आए दिन मरीजों को परेशानी पेश आ रही है. इसके अलावा क्षेत्र में सड़कों की हालत खराब है. कई क्षेत्रों में एंबुलेंस मार्ग नहीं हैं. मनरेगा के तहत ग्रामीणों को समय पर रोजगार न मिलना भी अहम मुद्दा है. पानी की रोजाना नियमित आपूर्ति न होने से स्थानीय लोगों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन कम मिलना आदि प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं. विपक्ष इन प्रमुख मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेर सकता है.
करसोग के विकास को लेकर क्या बोले हीरा लाल: करसोग के विधायक हीरा लाल का कहना है कि भाजपा की जयराम सरकार ने करसोग विधानसभा क्षेत्र के विकास को गति प्रदान की है. यहां भाजपा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में 600 करोड़ विभिन्न विकासकार्यों पर खर्च हुए हैं. इसमें अकेले 300 करोड़ भाग्य रेखाओं पर खर्च किए जा चुके हैं. विधानसभा के हर क्षेत्र को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है. इस दौरान 50 करोड़ की अधिक की लागत से 18 सड़कों को पक्का किया गया. इसके अलावा 150 करोड़ पेयजल योजनाओं पर खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 30 करोड़ से अधिक बिजली की आपूर्ति सुचारू बनाने पर खर्च हुए हैं. भाजपा के शासन काल में करसोग से हजारों युवाओं को रोजगार उपलब्ध हुआ है.
क्या कहते हैं करसोग ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पृथी सिंह नेगी: करसोग ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पृथी सिंह नेगी (Block Congress Committee President Prithi Singh Negi) का कहना है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में करसोग में विकास की गति पूरी तरह से थम गई है. करसोग में सड़कों की हालत खराब है. लोगों को सप्ताह बाद मुश्किल से पानी मिलता है. सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों डॉक्टरों की कमी है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने करसोग में केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की थी. जो भाजपा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में (Karsog Congress on Jairam Government) धरातल पर नहीं उतरी. इसी तरह से पूर्व की वीरभद्र सिंह की सरकार ने करसोग में पॉलिटेक्निक कॉलेज खोला था. भाजपा की जयराम सरकार ने अधिसूचना को भी निरस्त किया गया. उन्होंने कहा भाजपा ने सिवाए कोरी घोषणाओं के अतिरिक्त कुछ नहीं किया है.