मंडी: जिला मंडी के सुंदरनगर में हुए जहरीली शराब मामले में शुक्रवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. मामले में प्रदेश पुलिस द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIT) में अन्य 3 एसपी और एक डीएसपी सहित 4 अधिकारियों को जोड़ा गया है. इससे अब एसआईटी में कुल 9 पुलिस के आला अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं.
मामले में मोहित चावला एसपी बद्दी, अरिजीत सेन एसपी ऊना, पुनीत रघु एएसपी कांगड़ा और योगेश रोल्टा डीएसपी परवाणू को सम्मिलित किया गया है. वहीं, एसआईटी (Mandi Poisonous Liquor case) द्वारा अपनी जांच दायरा बढ़ाते हुए अब अन्य राज्यों से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एसपी कार्यालय बद्दी में कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है. मामले में पूछताछ और जांच से मामले में शामिल सरगनाओं की पहचान हुई है. इसमें पुलिस द्वारा अभी तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
मामले में कई छापेमारी टीमों ने राज्य और पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न परिसरों की तलाशी भी ली है. इन तलाशी दलों ने घटनास्थल से आपत्तिजनक सामग्री और सबूत (illegal liquor in himachal) जब्त किए हैं और तलाशी जारी है. पुष्टि करते हुए एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मंडी शराब मामले में पुलिस द्वारा अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए 4 और अधिकारियों को एसआईटी में सम्मिलित किया है. उन्होंने कहा कि अब मामले की जांच कुल 9 अधिकारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामले पुलिस की जांच जारी है और शराब माफिया के रैकेट के हर पहलू की जांच की जा रही है.
बीमार लोगों की संख्या पहुंची 12: इसके साथ ही आपको बता दें कि मामले को लेकर अभी तक 7 लोगों की मौत और बीमार लोगों की संख्या 12 हो चुकी है. बीमार लोगों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है जो प्रशासन और पुलिस के लिए भी चिंता का विषय बना है.
वहीं, डीजीपी संजय कुंडू ने दावा किया है कि जल्द ही इस मामले का पर्दाफाश किया जाएगा और इस प्रकरण से जुड़े आरोपी बेनकाब किए जाएंगे. पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम और बिसरा जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में शराब में मिथाइल अल्कोहल होने की बात सामने आई है. आरोपियों पर शिकंजा कसने में यह अहम साक्ष्य हो सकता है.
बता दें कि कच्ची शराब तैयार करने वाले मिथाइल अल्कोहल इथाइल अल्कोहल और यूरिया के अलावा तेज नशे के लिए क्लोरल हाइड्रेड का इस्तेमाल भी करते हैं जिससे नशे की तीव्रता को बढ़ाया जा सके. अब मृतकों के विसरा परीक्षण की जांच तीन चरणों में होगी. इसमें वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि जहरीली शराब तैयार करने में कौन-कौन से केमिकल मिलाए गए हैं.
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