मंडी: प्रदेश भर में पंचायतों के माध्यम से कार्यरत लगभग दस हजार जल रक्षकों ने प्रदेश सरकार से वेतन बढ़ाने व नियमित करने की गुहार (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) लगाई है. जल रक्षकों का कहना है (Himachal Water Guard Employees) कि वह पिछले चार सालों से अपनी व्यथा सरकार को बता रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हर बार आश्वासन तो मिला है मगर धरातल पर कोई भी मांग पूरी नहीं हुई.
जल रक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि सरकार सभी कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर रही है मगर 10 हजार से अधिक जल रक्षकों की अनदेखी की जा रही है. जल रक्षक पिछले 10-11 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी देते हैं और पाइप लाइनों की मरम्मत भी करते हैं. यही नहीं, पानी के बिल भी घर घर जाकर पहुंचाते हैं. इतना अधिक काम होते हुए भी उन्हें जो महज 3600 रूपए मासिक मानदेय दिया जाता है जो न के बराबर है.
जल रक्षक संघ का कहना है कि सरकार ने 12 साल बाद नियमित करने के (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) कार्यकाल को महज एक साल कम करके 11 साल किया है जो बहुत अधिक है. अन्य कई विभागों में यह अवधि 5-6 साल रखी है. यह जल रक्षकों के साथ अन्याय है. उन्होंने मांग की है कि हमारे काम को देखते हुए वेतन को बढ़ाया जाए. उन्हें पंचायतों से हटाकर सीधे जलशक्ति विभाग के अधीन लाया जाए.
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