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सबकी सुन रही सरकार, हमारी हो रही अनदेखी: हिमाचल जल रक्षक संघ

हिमाचल प्रदेश के सभी कर्मचारियों की मांगे मानी जा रही है, लेकिन जल रक्षकों को सरकार अनदेखा कर रही है. यह आरोप हिमाचल जल रक्षक संघ ने प्रदेश सरकार पर लगाए हैं. जल रक्षकों का कहना है (Himachal Water Guard Employees) कि मात्र 3600 रुपए में परिवार का गुजारा करना बेहद मुश्किल है. प्रदेश भर के हजारों जल रक्षकों ने प्रदेश सरकार से मांग की है (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) कि जिन जल रक्षकों ने सेवा काल के आठ साल पूरे कर लिए हैं उन्हें नियमित किया जाए और जल रक्षकों का वेतन बढ़ाया जाए.

Himachal Jal Rakshak Sangh demands
हिमाचल जल रक्षक संघ की मांग
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Published : Dec 30, 2021, 8:16 PM IST

मंडी: प्रदेश भर में पंचायतों के माध्यम से कार्यरत लगभग दस हजार जल रक्षकों ने प्रदेश सरकार से वेतन बढ़ाने व नियमित करने की गुहार (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) लगाई है. जल रक्षकों का कहना है (Himachal Water Guard Employees) कि वह पिछले चार सालों से अपनी व्यथा सरकार को बता रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हर बार आश्वासन तो मिला है मगर धरातल पर कोई भी मांग पूरी नहीं हुई.


जल रक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि सरकार सभी कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर रही है मगर 10 हजार से अधिक जल रक्षकों की अनदेखी की जा रही है. जल रक्षक पिछले 10-11 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी देते हैं और पाइप लाइनों की मरम्मत भी करते हैं. यही नहीं, पानी के बिल भी घर घर जाकर पहुंचाते हैं. इतना अधिक काम होते हुए भी उन्हें जो महज 3600 रूपए मासिक मानदेय दिया जाता है जो न के बराबर है.



जल रक्षक संघ का कहना है कि सरकार ने 12 साल बाद नियमित करने के (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) कार्यकाल को महज एक साल कम करके 11 साल किया है जो बहुत अधिक है. अन्य कई विभागों में यह अवधि 5-6 साल रखी है. यह जल रक्षकों के साथ अन्याय है. उन्होंने मांग की है कि हमारे काम को देखते हुए वेतन को बढ़ाया जाए. उन्हें पंचायतों से हटाकर सीधे जलशक्ति विभाग के अधीन लाया जाए.

ये भी पढ़ें : विंटर वेकेशन के बीच आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं

मंडी: प्रदेश भर में पंचायतों के माध्यम से कार्यरत लगभग दस हजार जल रक्षकों ने प्रदेश सरकार से वेतन बढ़ाने व नियमित करने की गुहार (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) लगाई है. जल रक्षकों का कहना है (Himachal Water Guard Employees) कि वह पिछले चार सालों से अपनी व्यथा सरकार को बता रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हर बार आश्वासन तो मिला है मगर धरातल पर कोई भी मांग पूरी नहीं हुई.


जल रक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि सरकार सभी कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर रही है मगर 10 हजार से अधिक जल रक्षकों की अनदेखी की जा रही है. जल रक्षक पिछले 10-11 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी देते हैं और पाइप लाइनों की मरम्मत भी करते हैं. यही नहीं, पानी के बिल भी घर घर जाकर पहुंचाते हैं. इतना अधिक काम होते हुए भी उन्हें जो महज 3600 रूपए मासिक मानदेय दिया जाता है जो न के बराबर है.



जल रक्षक संघ का कहना है कि सरकार ने 12 साल बाद नियमित करने के (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) कार्यकाल को महज एक साल कम करके 11 साल किया है जो बहुत अधिक है. अन्य कई विभागों में यह अवधि 5-6 साल रखी है. यह जल रक्षकों के साथ अन्याय है. उन्होंने मांग की है कि हमारे काम को देखते हुए वेतन को बढ़ाया जाए. उन्हें पंचायतों से हटाकर सीधे जलशक्ति विभाग के अधीन लाया जाए.

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