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जैव विविधता और पारिस्थितिकी को सहेजने की आवश्यकताः राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर

मंगलवार को हिमाचल प्रदेश गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी (Cluster University Mandi) में संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि जैव विविधता और पारिस्थितिकी हमारे जीवन का अहम पहलू है और इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.

Cluster University Mandi
मंडी में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
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Published : Feb 8, 2022, 3:51 PM IST

मंडी: जैव विविधता और पारिस्थितिकी हमारे जीवन का अहम पहलू है और इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. यह बात मंगलवार को हिमाचल प्रदेश गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी (Cluster University Mandi) में संवाद कार्यक्रम के दौरान कही. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि जैव विविधता और पारिस्थितिकी की बेहतरी के लिए क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी आने वाले समय में बेहतर कार्य कर अहम भूमिका निभा सकता है.

उन्होंने कहा कि मानव ने पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन ही किया है. अब भविष्य में इनको बचाने के लिए भी प्रयास करने होंगे. इस मौके पर वनस्पति विज्ञान, आयुर्वेदा, किचन गार्डन, जैव विविधता, पारिस्थितिकी इत्यादि विषयों पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विभिन्न संकाय के छात्रों व कॉलेज फैकल्टी से संवाद किया. उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जितनी भी वनस्पति है, उसमे हमारे लिए हर पौधा आवश्यक है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवा कुछ पौधों के बारे में नहीं जानते हैं. युवाओं के पौधों के प्रति रुचि के लिए आवश्यक काम होने चाहिए. राज्यपाल ने शिक्षण संकाय और नवीन विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के माध्यम से हमारी पारंपरिक स्वास्थ्य और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि समाज वास्तविक रुप से लाभान्वित हो सके.

ये भी पढ़ें- सेना में 1 लाख, रेलवे में 2 लाख समेत केंद्र के अधीन 8 लाख वैकेंसी : राज्य सभा में गूंजा

इस दौरान राज्यपाल ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति (increasing drug addiction in HP) पर भी चिंता व्यक्त की उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है ऐसे में हमें अपने आने वाली पीढ़ी को नशे जैसी बुराइयों से बचाने के लिए और सतर्क रहना चाहिए उन्होंने विद्यार्थियों से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में नशे जैसी प्रवृत्ति ना बढ़े इसके लिए सभी प्रयासरत रहे.

संस्थान के अंदर ना कोई नशा करें और ना ही किसी को करने दिया जाए. उन्होंने कहा कि नशे की बढ़ती कुरीतियों के चलते पर्यटन स्थल हिमाचल का रिश्ता गोवा से जोड़ा जा रहा है. राज्यपाल ने कहा कि इन कुरीतियों को दूर करने के लिए वे अपने स्तर पर प्रयासरत हैं और जल्द ही समाज से नशे की इन कुरीतियों को सभी के सहयोग से उखाड़ फेंका जाएगा.

विद्यार्थियों ने संवाद कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल के साथ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन शिक्षा और गतिविधियों के संबंध में भी अपने विचार साझा किए. इस अवसर पर क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति (Vice Chancellor of Cluster University Mandi) प्रोफेसर सीएल चंदन, वल्लभ कॉलेज मंडी प्रधानाचार्य, छात्र कल्याण प्रोफेसर संजय नारंग, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री सहित विश्वविद्यालय के शिक्षण व और गैर शिक्षक कर्मचारी भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- मंडी में हाईटेक चोर! पहले तोड़ा शीशा...फिर लैपटॉप से खोला लॉक और ले उड़े कार

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मंडी: जैव विविधता और पारिस्थितिकी हमारे जीवन का अहम पहलू है और इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. यह बात मंगलवार को हिमाचल प्रदेश गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी (Cluster University Mandi) में संवाद कार्यक्रम के दौरान कही. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि जैव विविधता और पारिस्थितिकी की बेहतरी के लिए क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी आने वाले समय में बेहतर कार्य कर अहम भूमिका निभा सकता है.

उन्होंने कहा कि मानव ने पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन ही किया है. अब भविष्य में इनको बचाने के लिए भी प्रयास करने होंगे. इस मौके पर वनस्पति विज्ञान, आयुर्वेदा, किचन गार्डन, जैव विविधता, पारिस्थितिकी इत्यादि विषयों पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विभिन्न संकाय के छात्रों व कॉलेज फैकल्टी से संवाद किया. उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जितनी भी वनस्पति है, उसमे हमारे लिए हर पौधा आवश्यक है.

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उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवा कुछ पौधों के बारे में नहीं जानते हैं. युवाओं के पौधों के प्रति रुचि के लिए आवश्यक काम होने चाहिए. राज्यपाल ने शिक्षण संकाय और नवीन विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के माध्यम से हमारी पारंपरिक स्वास्थ्य और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि समाज वास्तविक रुप से लाभान्वित हो सके.

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इस दौरान राज्यपाल ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति (increasing drug addiction in HP) पर भी चिंता व्यक्त की उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है ऐसे में हमें अपने आने वाली पीढ़ी को नशे जैसी बुराइयों से बचाने के लिए और सतर्क रहना चाहिए उन्होंने विद्यार्थियों से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में नशे जैसी प्रवृत्ति ना बढ़े इसके लिए सभी प्रयासरत रहे.

संस्थान के अंदर ना कोई नशा करें और ना ही किसी को करने दिया जाए. उन्होंने कहा कि नशे की बढ़ती कुरीतियों के चलते पर्यटन स्थल हिमाचल का रिश्ता गोवा से जोड़ा जा रहा है. राज्यपाल ने कहा कि इन कुरीतियों को दूर करने के लिए वे अपने स्तर पर प्रयासरत हैं और जल्द ही समाज से नशे की इन कुरीतियों को सभी के सहयोग से उखाड़ फेंका जाएगा.

विद्यार्थियों ने संवाद कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल के साथ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन शिक्षा और गतिविधियों के संबंध में भी अपने विचार साझा किए. इस अवसर पर क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति (Vice Chancellor of Cluster University Mandi) प्रोफेसर सीएल चंदन, वल्लभ कॉलेज मंडी प्रधानाचार्य, छात्र कल्याण प्रोफेसर संजय नारंग, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री सहित विश्वविद्यालय के शिक्षण व और गैर शिक्षक कर्मचारी भी मौजूद रहे.

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