करसोग: उपमंडल करसोग में बीपीएल सूची में अब तक का बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. प्रभावशाली लोगों ने नियम और कानून की अवहेलना कर बीपीएल सूची में शामिल होकर सरकारी की ओर से गरीबों की दी जानी वाली सारी सुविधाएं का फायदा लिया है.
इसका खुलासा एसडीएम कोर्ट की ओर से फर्जी बने गरीब परिवारों पर की गई कार्रवाई में हुआ है. उपमंडल की करीब 8 पंचायतों के लोगों ने बीपीएल सूची में हुई धांधली की शिकायत एसडीएम को दी थी जिनमें करीब 7 पंचायतों में बीपीएल सूची की छानबीन का कार्य पूरा हो चुका है. इस दौरान करीब 240 परिवार ऐसे पाए गए जिन्होंने अच्छी खासी आमदनी होने के बावजूद पिछले कई सालों से सरकार की ओर से गरीबों को दी जानी वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.
इस तरह वास्तव में गरीब परिवारों को सुविधाओं का लाभ ही नहीं मिल पाया. ऐसे में जरूरतमंद परिवारों का सामाजिक स्तर और रहन-सहन में कोई सुधार नहीं आया है जिससे सरकार की ओर से गरीब परिवारों के खर्च होने वाला पैसा गलत हाथों में जाने से बर्बाद हो गया है. बता दें कि एसडीएम कोर्ट के आदेश पर एक पंचायत में जांच का कार्य अभी चल रहा है. अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही जांच पूरा कर लिया जाएगा.
उपमंडल की सभी 54 पंचायतों में बीपीएल सूची की जांच होती है तो सैकड़ों और फर्जी तरीके से गरीब बने परिवार हो सकते हैं. हालांकि, सरकार ने ग्राम सभा को बीपीएल सूची में समीक्षा अधिकार दिया है. इसके लिए हर साल अप्रैल महीने में बीपीएल सूची में समीक्षा के लिए ग्राम सभा की बैठक भी आयोजित होती है, लेकिन प्रभावशाली लोगों के आगे ग्राम सभा की बैठक में लोग खुलकर विरोध नहीं करते हैं.
ग्राम सभा में लोगों की इसी चुपी के कारण पात्र परिवार सुविधा से वंचित रह जाते हैं. उपमंडल की बहुत सी पंचायतों में अभी भी बहुत से ऐसे परिवार है, जिनके पास पक्के मकान, वाहन सहित आय के अच्छे साधन है किन लोगों की चुपी के कारण ये सरकार की सुविधाओं का गलत तरीके से उपयोग कर रहे हैं.
एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि करसोग सब डिवीजन में बहुत सारी पंचायतों से शिकायतें आई हैं. इसके आधार पर 7 से 8 पंचायतों की जांच हुई है. इनमें एक पंचायत को छोड़कर बाकी सारी पंचायतों में जांच पूरी हो गई है. इसमें करीब 240 अपात्र पाए गए परिवारों को बीपीएल सूची से हटाने के आदेश दिए गए हैं.
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