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प्रदेश में ही स्वीकृत होंगे FRA के केस, 1 अक्टूबर से शिमला में खुलेगा कार्यालयः मंत्री राकेश पठानिया - वन मंत्री राकेश पठानिया

वन मंत्री राकेश पठानिया ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर मंडी में चिनार का पौधा रोप कर वन महोत्सव का भी शुभारम्भ किया. इस दौरान राकेश पठानिया ने कहा कि अब फौरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट का कार्यालय शिमला में ही खुलने जा रहा है जो एक अक्टूबर से कार्य करना शुरू कर देगा.

forest minister rakesh pathania
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Published : Aug 30, 2020, 10:43 PM IST

मंडीः प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर है. अब एफआरए के केसों को स्वीकृति के चंडीगढ़ या देहरादून नहीं भेजना पड़ेगा. अब फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट का कार्यालय शिमला में ही खुलने जा रहा है. जो एक अक्टूबर से कार्य करना शुरू कर देगा. इस कार्यलय के शुरू होने से एफआरए से संबंधित वन स्वीकृति के मामले शिमला में ही निपटाएं जाएंगे. जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी

ये बात वन युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने रविवार को करसोग विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत खील में 63 लाख की लागत से नवनिर्मित वन विश्राम गृह के उद्घाटन करने के दौरान कही. वन मंत्री ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर यहां चिनार का पौधा रोप कर वन महोत्सव का भी शुभारम्भ किया.

उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण व संवर्धन प्रदेश सरकार की विशेष प्राथमिकता है. हिमाचल प्रदेश में वन क्षेत्र को 27 से 30 फीसदी करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में वनों का घनत्व बढ़ने से प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में विशेष सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान करसोग वन मंडल में 2 करोड़ 62 लाख की विभिन्न योजनाएं प्रगति पर है. करसोग के 98.5 फीसदी वन क्षेत्र में 90 हजार पौधों का रोपण किया गया. मंडी वृत्त में 1298 हेक्टेयर और करसोग में 188 हेक्टेयर क्षेत्र में पौध रोपण किया गया.

राकेश पठाानिया ने कहा कि प्रदेश वापस आए लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार की व्यवस्था कर रही है. वन मंत्री ने महिला मंडल पांगणा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 11 लाख रुपए की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की. इस अवसर पर स्थानीय विधायक हीरालाल ने कहा कि करसोग विधान सभा क्षेत्र में 104 करोड़ की लागत पीएमजीएसवाई से 15 सड़कों का निर्माण और विस्तारीकरण किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के दावे पर खरी उतरी है भाजपा सरकार: सुरेश कश्यप

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में 55 हजार किसानों ने अपनाई प्राकृतिक खेती: परमार

मंडीः प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर है. अब एफआरए के केसों को स्वीकृति के चंडीगढ़ या देहरादून नहीं भेजना पड़ेगा. अब फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट का कार्यालय शिमला में ही खुलने जा रहा है. जो एक अक्टूबर से कार्य करना शुरू कर देगा. इस कार्यलय के शुरू होने से एफआरए से संबंधित वन स्वीकृति के मामले शिमला में ही निपटाएं जाएंगे. जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी

ये बात वन युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने रविवार को करसोग विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत खील में 63 लाख की लागत से नवनिर्मित वन विश्राम गृह के उद्घाटन करने के दौरान कही. वन मंत्री ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर यहां चिनार का पौधा रोप कर वन महोत्सव का भी शुभारम्भ किया.

उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण व संवर्धन प्रदेश सरकार की विशेष प्राथमिकता है. हिमाचल प्रदेश में वन क्षेत्र को 27 से 30 फीसदी करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में वनों का घनत्व बढ़ने से प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में विशेष सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान करसोग वन मंडल में 2 करोड़ 62 लाख की विभिन्न योजनाएं प्रगति पर है. करसोग के 98.5 फीसदी वन क्षेत्र में 90 हजार पौधों का रोपण किया गया. मंडी वृत्त में 1298 हेक्टेयर और करसोग में 188 हेक्टेयर क्षेत्र में पौध रोपण किया गया.

राकेश पठाानिया ने कहा कि प्रदेश वापस आए लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार की व्यवस्था कर रही है. वन मंत्री ने महिला मंडल पांगणा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 11 लाख रुपए की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की. इस अवसर पर स्थानीय विधायक हीरालाल ने कहा कि करसोग विधान सभा क्षेत्र में 104 करोड़ की लागत पीएमजीएसवाई से 15 सड़कों का निर्माण और विस्तारीकरण किया जा रहा है.

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