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ईशू दादी की आत्मकथा पर बन रही फिल्म मंडी में हुई शूट, सभी कलाकार निशुल्क कर रहे हैं काम

7 वर्ष की आयु से ही ईश्वरीय ज्ञान मार्ग पर अपने जीवन को समर्पित करने वाली ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ईशू दादी की आत्मकथा पर एक फिल्म का निर्माण किया जा रहा है. बता दें कि दादी ईशू ने अभी चार महीने पहले ही शरीर छोड़ा है और वे अपने जीवन काल में एक बार वर्ष 1988 में मंडी भी आई थी. संस्था के मंडी वृत की प्रभारी राजयोगिनी शीला दीदी ने डाक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग के लिए स्थान मंडी चुने जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए समस्त को अपनी शुभकामनाएं दी. बता दें कि फिल्म निर्माण में मंडी जिला के कलाकारों और अन्य लोगों ने भी अपना अहम योगदान दिया है.

film being made on the autobiography of Ishu Dadi shot in Mandi
ईशू दादी (फाइल फोटो).
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Published : Sep 11, 2021, 5:46 PM IST

मंडी: मात्र 7 वर्ष की आयु से ही ईश्वरीय ज्ञान मार्ग पर अपने जीवन को समर्पित करने वाली ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ईशू दादी की आत्मकथा पर एक फिल्म का निर्माण किया जा रहा है. फिल्म का नाम विजय माला रखा गया है जिसकी सारी शूटिंग मंडी जिला के मंडी, सुंदरनगर, बगला, सरोआ, ढांगसीधार, नलसर और अन्य स्थानों पर की गई है. फिल्म की निर्माता डॉ. प्रभा मिश्रा हैं, जबकि इसका निर्देशन और लेखन बीके पम्पोश मिश्रा द्वारा किया गया है.

फिल्म में ईशू दादी का किरदार सात वर्षीय कुमारी भूवि निभा रही है, जबकि उनके पिता का किरदार फिल्म अभिनेता तन्मय सिंह और मां का किरदार दिल्ली निवासी डा. नेहा ने निभाया है. फिल्म शूटिंग को समाप्त करने से पहले फिल्म निर्माण में जुटे लोगों ने मंडी स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सेवाकेंद्र एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया और इसके बारे में संपूर्ण जानकारी दी.

फिल्म अभिनेता तन्मय सिंह ने बताया कि उन्हें पहली बार हिमाचल में शूटिंग करने का मौका मिला जोकि उनके लिए नया और यादगार अनुभव रहा. उन्होंने बताया कि यहां की सुंदरता और खान-पान से वे खासे प्रभावित हुए हैं. तन्मय ने बताया कि उनके परिवार के लोग भी ब्रह्माकुमारी संस्थान के साथ जुड़े हैं और जब उन्हें इस फिल्म का ऑफर आया तो वे इसके लिए इनकार नहीं कर सके. बता दें कि तन्मय सिंह इस फिल्म में अभिनय का कोई भी पैसा नहीं ले रहे हैं.

वीडियो.

वहीं, 7 वर्षीय कुमारी भूवि ने बताया कि उन्हें दादी से व्यक्तिगत रूप से मिलने का मौका मिला था और वे उनके काफी ज्यादा प्रभावित भी हुई थी. अब उन्हें उन पर बन रही फिल्म में उनके बचपन का किरदार निभाने का मौका मिला है, जोकि उनके लिए गौरव की बात है.

फिल्म की निर्माता डॉ. प्रभा मिश्रा और निर्देशक व लेखक बीके पम्पोश मिश्रा ने बताया कि फिल्म के माध्यम से जहां फिल्म में 1936 की कहानी देखने को मिलेगी वहीं, मौजूदा पीढ़ी को भी आध्यात्म के साथ जुड़ने का संदेश देने का प्रयास किया गया है.

बता दें कि दादी ईशू ने अभी चार महीने पहले ही शरीर छोड़ा है और वे अपने जीवन काल में एक बार वर्ष 1988 में मंडी भी आई थी. संस्था के मंडी वृत की प्रभारी राजयोगिनी शीला दीदी ने डाक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग के लिए स्थान मंडी चुने जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए समस्त को अपनी शुभकामनाएं दी. बता दें कि फिल्म निर्माण में मंडी जिला के कलाकारों और अन्य लोगों ने भी अपना अहम योगदान दिया है.

ये भी पढ़ें- Joginder Nagar Jyoti Death Case: ज्योति को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे लोग

मंडी: मात्र 7 वर्ष की आयु से ही ईश्वरीय ज्ञान मार्ग पर अपने जीवन को समर्पित करने वाली ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ईशू दादी की आत्मकथा पर एक फिल्म का निर्माण किया जा रहा है. फिल्म का नाम विजय माला रखा गया है जिसकी सारी शूटिंग मंडी जिला के मंडी, सुंदरनगर, बगला, सरोआ, ढांगसीधार, नलसर और अन्य स्थानों पर की गई है. फिल्म की निर्माता डॉ. प्रभा मिश्रा हैं, जबकि इसका निर्देशन और लेखन बीके पम्पोश मिश्रा द्वारा किया गया है.

फिल्म में ईशू दादी का किरदार सात वर्षीय कुमारी भूवि निभा रही है, जबकि उनके पिता का किरदार फिल्म अभिनेता तन्मय सिंह और मां का किरदार दिल्ली निवासी डा. नेहा ने निभाया है. फिल्म शूटिंग को समाप्त करने से पहले फिल्म निर्माण में जुटे लोगों ने मंडी स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सेवाकेंद्र एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया और इसके बारे में संपूर्ण जानकारी दी.

फिल्म अभिनेता तन्मय सिंह ने बताया कि उन्हें पहली बार हिमाचल में शूटिंग करने का मौका मिला जोकि उनके लिए नया और यादगार अनुभव रहा. उन्होंने बताया कि यहां की सुंदरता और खान-पान से वे खासे प्रभावित हुए हैं. तन्मय ने बताया कि उनके परिवार के लोग भी ब्रह्माकुमारी संस्थान के साथ जुड़े हैं और जब उन्हें इस फिल्म का ऑफर आया तो वे इसके लिए इनकार नहीं कर सके. बता दें कि तन्मय सिंह इस फिल्म में अभिनय का कोई भी पैसा नहीं ले रहे हैं.

वीडियो.

वहीं, 7 वर्षीय कुमारी भूवि ने बताया कि उन्हें दादी से व्यक्तिगत रूप से मिलने का मौका मिला था और वे उनके काफी ज्यादा प्रभावित भी हुई थी. अब उन्हें उन पर बन रही फिल्म में उनके बचपन का किरदार निभाने का मौका मिला है, जोकि उनके लिए गौरव की बात है.

फिल्म की निर्माता डॉ. प्रभा मिश्रा और निर्देशक व लेखक बीके पम्पोश मिश्रा ने बताया कि फिल्म के माध्यम से जहां फिल्म में 1936 की कहानी देखने को मिलेगी वहीं, मौजूदा पीढ़ी को भी आध्यात्म के साथ जुड़ने का संदेश देने का प्रयास किया गया है.

बता दें कि दादी ईशू ने अभी चार महीने पहले ही शरीर छोड़ा है और वे अपने जीवन काल में एक बार वर्ष 1988 में मंडी भी आई थी. संस्था के मंडी वृत की प्रभारी राजयोगिनी शीला दीदी ने डाक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग के लिए स्थान मंडी चुने जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए समस्त को अपनी शुभकामनाएं दी. बता दें कि फिल्म निर्माण में मंडी जिला के कलाकारों और अन्य लोगों ने भी अपना अहम योगदान दिया है.

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