सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को लेकर एनजीटी के निर्देशों की अनुपालना मंडी जिला में शुरू हो गई है. इसके तहत मंडी प्रशासन ने बिजली से चलने वाले ई-रिक्शा की शुरुआत सुंदरनगर में कर दी है.
ई-रिक्शा की सवारी में यात्रियों को आ रहा आनंद
प्रशासन के उठाए कदम से अब कम किराए के साथ लोगों को ध्वनि व धुआं रहित ई-रिक्शा की सवारी की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है. वहीं, स्थानीय लोगों की माने तो उन्हें भी ई-रिक्शा पर सफर करना एक आनंद से भरपूर सफर लग रहा है.
सुंदरनगर में 100 ई-रिक्शा दौड़ रहे
एनजीटी के निर्देश की अनुपालना करते हुए सुंदरनगर में ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया गया है. मंडी जिला प्रशासन ने नगर परिषद सुंदरनगर में 100 ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया है. जिला मुख्यालय के बाद सुंदरनगर मंडी का दूसरा बड़ा शहर है और देश के 200 प्रदूषित नगरों में सुंदरनगर को शामिल किया गया है. वहीं, प्रदेश के सात प्रदूषित शहरों में बद्दी, नालागढ़, पांवटा साहिब, डमटाल, कालाअंब और परवाणू औद्योगिक क्षेत्र होने से वहां वायु प्रदूषण हो सकता है, लेकिन सुंदरनगर में कोई औद्योगिक ईकाई नहीं होने के बावजूद वायु प्रदूषण होना चिंता का विषय है.
चार बैटरियों से 130 किलोमीटर तक किया जा सकता है सफर
ई-रिक्शा मालिक उदय सिंह का कहना है कि ई-रिक्शा खरीदने पर उन्हें सरकार की ओर से भी अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने कहां की ई-रिक्शा में चार बैटरियां लगाई गई हैं, जिससे 130 किलोमीटर तक सफर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा में लगी बैटरियां 4 घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाती हैं. उदय सिंह ने कहा कि ई-रिक्शा में बिल्कुल भी वायु प्रदूषण रहित है और इससे प्रदूषण को कम करने में काफी सहायता मिलेगी.
कम किराए पर लोगों से पहुंचा रहा ई-रिक्शा
वहीं, स्थानीय निवासी शीतल धीमान ने बताया कि सरकार की ई-रिक्शा सुविधा योजना जहां लोग को कम किराए पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में कारगर सिद्ध होगी. वहीं, दूसरी ओर प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी. वहीं अब देखना होगा यह रिक्शा सुविधा आने वाले समय में कितनी कारगर सिद्ध होती है.
ये भी पढ़ें: हमीरपुरः सिंथेटिक ट्रैक एवं अणु स्टेडियम के शुल्क को वापस लेने की NSUI ने किया प्रदर्शन, उठाई ये मांग