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हैरत! मणिकर्ण में बाढ़ में लापता युवक का सुंदरनगर झील में मिला शव, शरीर पर बने टैटू के आधार पर परिजनों ने की शिनाख्त

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Published : Jul 20, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Jul 20, 2022, 10:04 PM IST

कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी (Cloud burst in Manikarn Valley) के चोज गांव में 6 जुलाई की सुबह बादल फटने (Cloud Burst in Kullu) के चलते 4 लोग लापता हो गए थे. 15 दिनों बाद सुंदरनगर के बीएसएल जलाशय से एक व्यक्ति का शव बरामद (Dead body found from BSL reservoir ) हुआ है. सुंदरनगर का रोहित भी इस हादसे में लापता हुआ था. शरीर पर बने टैटू से परिजनों ने शिनाख्त की है. पढ़ें, पूरी खबर...

dead body found from bsl reservoir
सुंदरनगर के बीएसएल जलाशय से शव बरामद.

सुंदरनगर: जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित बीएसएल जलाशय से बुधवार दोपहर एक व्यक्ति का शव बरामद (Dead body found from BSL reservoir ) हुआ है. 6 जुलाई को मणिकर्ण घाटी के पास चोज गांव में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में लापता हुए सुंदरनगर निवासी रोहित का शव 15 दिनों बाद उसी के शहर की झील से बरामद हुआ है. जैसे ही लोगों को इस बारे में पता चला तो हर कोई यह जानकर हैरान नजर आ रहा है कि आखिर 100 किमी से भी अधिक दूरी पर हुए हादसे का शव सुंदरनगर झील में कैसे आ पहुंचा. सुंदरनगर थाना पुलिस को आज दोपहर को सूचना प्राप्त हुई कि बीबीएमबी की झील में एक व्यक्ति का शव तैर रहा है. इसपर थाना प्रभारी मुनीष कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकाला. इतने में यह सूचना लापता रोहित के परिजनों के पास भी पहुंची और वो भी शव की शिनाख्त करने जा पहुंचे.

बाजू और कान के पीछे बने टैटू से हुई पहचान, तीन अभी भी लापता: कलौहड़ निवासी रोहित के परिजनों ने शव की बाजू और कान के पीछे बने टैटू के आधार पर शिनाख्त की है. परिजनों ने पुलिस को बताया कि यह शव रोहित का ही है. क्योंकि रोहित ने ही अपनी बाजू पर भगवान शिव और कान के पीछे टैटू बनाया था. हालांकि अभी शव परिजनों के हवाले नहीं किया गया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं, रोहित के साथ तीन अन्य लोग भी लापता बताए गए हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है.

शव के झील में आने की ये हो सकती है थ्योरी: जिस मणिकर्ण घाटी में यह घटना घटी, वहां का सारा पानी पार्वती नदी में आता है. पार्वती नदी भुंतर के पास ब्यास नदी में मिल जाती है. ब्यास नदी पर लारजी और पंडोह के पास दो डैम बने हुए हैं. बरसात के चलते इन डैम से पानी छोड़ा गया है. हो सकता है कि लारजी डैम से यह शव पानी के बहाव में सीधे आगे निकल गया हो. वहीं, पंडोह डैम से बग्गी तक पानी ले जाने के लिए 13 किमी की टनल बनाई गई है. आशंका है कि यह शव इसी टनल से होकर बग्गी पहुंचा और वहां से नहर से होता हुआ सुंदरनगर जा पहुंचा हो.

कैंपिंग साइट चलाकर कर रहा था परिवार का पालन पोषण: बता दें कि रोहित अपने परिवार का इकलौता सहारा था और चोज गांव के पास कैंपिंग साइट चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था. रोहित के पिता की वर्ष 2005 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी. रोहित की मां मिड-डे-मील वर्कर है और घर में एक बड़ी बहन भी है.

डीएनए जांच करवाएगी पुलिस: एएसपी मंडी आशीष शर्मा ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि परिजनों ने शव की शिनाख्त भले ही कर ली है, लेकिन हर बात को पुख्ता करने के लिए डीएनए करवाया जाएगा. उसके बाद ही कहा जा सकेगा कि शव किसका है. अभी शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सुंदरनगर (Civil Hospital Sundernagar) के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि मौत कब और किन कारणों से हुई थी.

सुंदरनगर: जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित बीएसएल जलाशय से बुधवार दोपहर एक व्यक्ति का शव बरामद (Dead body found from BSL reservoir ) हुआ है. 6 जुलाई को मणिकर्ण घाटी के पास चोज गांव में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में लापता हुए सुंदरनगर निवासी रोहित का शव 15 दिनों बाद उसी के शहर की झील से बरामद हुआ है. जैसे ही लोगों को इस बारे में पता चला तो हर कोई यह जानकर हैरान नजर आ रहा है कि आखिर 100 किमी से भी अधिक दूरी पर हुए हादसे का शव सुंदरनगर झील में कैसे आ पहुंचा. सुंदरनगर थाना पुलिस को आज दोपहर को सूचना प्राप्त हुई कि बीबीएमबी की झील में एक व्यक्ति का शव तैर रहा है. इसपर थाना प्रभारी मुनीष कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकाला. इतने में यह सूचना लापता रोहित के परिजनों के पास भी पहुंची और वो भी शव की शिनाख्त करने जा पहुंचे.

बाजू और कान के पीछे बने टैटू से हुई पहचान, तीन अभी भी लापता: कलौहड़ निवासी रोहित के परिजनों ने शव की बाजू और कान के पीछे बने टैटू के आधार पर शिनाख्त की है. परिजनों ने पुलिस को बताया कि यह शव रोहित का ही है. क्योंकि रोहित ने ही अपनी बाजू पर भगवान शिव और कान के पीछे टैटू बनाया था. हालांकि अभी शव परिजनों के हवाले नहीं किया गया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं, रोहित के साथ तीन अन्य लोग भी लापता बताए गए हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है.

शव के झील में आने की ये हो सकती है थ्योरी: जिस मणिकर्ण घाटी में यह घटना घटी, वहां का सारा पानी पार्वती नदी में आता है. पार्वती नदी भुंतर के पास ब्यास नदी में मिल जाती है. ब्यास नदी पर लारजी और पंडोह के पास दो डैम बने हुए हैं. बरसात के चलते इन डैम से पानी छोड़ा गया है. हो सकता है कि लारजी डैम से यह शव पानी के बहाव में सीधे आगे निकल गया हो. वहीं, पंडोह डैम से बग्गी तक पानी ले जाने के लिए 13 किमी की टनल बनाई गई है. आशंका है कि यह शव इसी टनल से होकर बग्गी पहुंचा और वहां से नहर से होता हुआ सुंदरनगर जा पहुंचा हो.

कैंपिंग साइट चलाकर कर रहा था परिवार का पालन पोषण: बता दें कि रोहित अपने परिवार का इकलौता सहारा था और चोज गांव के पास कैंपिंग साइट चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था. रोहित के पिता की वर्ष 2005 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी. रोहित की मां मिड-डे-मील वर्कर है और घर में एक बड़ी बहन भी है.

डीएनए जांच करवाएगी पुलिस: एएसपी मंडी आशीष शर्मा ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि परिजनों ने शव की शिनाख्त भले ही कर ली है, लेकिन हर बात को पुख्ता करने के लिए डीएनए करवाया जाएगा. उसके बाद ही कहा जा सकेगा कि शव किसका है. अभी शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सुंदरनगर (Civil Hospital Sundernagar) के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि मौत कब और किन कारणों से हुई थी.

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Last Updated : Jul 20, 2022, 10:04 PM IST
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