करसोग/मंडी: करसोग में चिंडी-दछेहण निर्माणाधीन सड़क पर शालग के समीप एक माह के अंदर पुल ढहने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. यहां पुल निर्माण में बरती गई लापरवाही को लेकर ब्लॉक कांग्रेस मुखर हो गई है. ब्लॉक कांग्रेस सचिव उत्तम चंद चौहान ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर दो दिन में इस मामले को लेकर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस पीडब्ल्यूडी डिवीजन के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी.
ब्लॉक कांग्रेस सचिव (Block Congress Secretary) ने आरोप लगाया है कि कार्य मे भारी अनियमिता (Irregularity) बरती गई है तभी एक महीने के अंदर पुल गिरा है, जो जनता के पैसे का दुरुपयोग है. उन्होंने चेताया है कि इस मामले में अगर दो दिनों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो ब्लॉक कांग्रेस पीडब्ल्यूडी डिवीजन (PWD Division) के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी. उन्होंने पुल गिरने के मामले को लेकर फील्ड अधिकारियों पर भी कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
उत्तम चंद चौहान ने कहा कि जब पुल का निर्माण किया जा रहा था तो उस वक्त फील्ड अधिकारी मौके पर क्या कर रहे थे. उस वक्त कार्य को सही तरीके से क्यों नहीं देखा गया. विभाग ने अगर निर्माण के दौरान कार्य का सही तरह से निरीक्षण किया होता तो आज पुल गिरने की नौबत नहीं आती. उन्होंने पुल निर्माण कार्य में मिली भगत होने की भी आशंका जताई है और मांग की है कि सरकार को इस मामले की उच्च अधिकारी से जांच करवानी चाहिए ताकि सच्चाई को लोगों के सामने लाया जा सके.
उत्तम चंद चौहान ने कहा आरोप लगाया कि करसोग में विकासकार्यों के नाम पर भारी धांधली हो रही है. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. विकासकार्य के लिए जनता टेक्स चुकाती है, लेकिन निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने से जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है. ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न दोहराई जाए.
बता दें कि उपमंडल में पीएमजीएसवाई के तहत चिंडी से दछेहण के लिए 95 लाख की लागत से निर्माणाधीन सड़क पर शालग के समीप एक महीने के अंदर 4 मीटर पुल रेत की तरह ढह गया. इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद करसोग पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता (Executive Engineer of PWD) ने ठेकेदार सहित फील्ड अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही थी. कांग्रेस का कहना है कि दो दिन बीतने के बाद भी इस मामले को लेकर कोई भी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है जोकि चिंता की बात है.
अधीक्षण अभियंता मंडी केके कौशल का कहना है कि मीडिया के माध्यम से मामला ध्यान में आया है. इस मामले को लेकर अधिशासी अभियंता से रिपोर्ट मांगी गई है. अगर कोई लापरवाही सामने आई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
ये भी पढ़ें : छोटे बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं अभिभावक, पैरेंट एसोसिएशन ने सरकार से की ये मांग