मंडी: हिमाचल प्रदेश निर्माण एवं मनरेगा मजदूर यूनियन संबंधित सीटू के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर बुधवार को मंडी में भी श्रम कानूनों को बदलने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान मजदूरों ने श्रम विभाग मंडी के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों से संबंधित एक मांग पत्र हिमाचल प्रदेश सरकार को भेजा.
इस दौरान सीटू के जिला (CITU Protest in Mandi) उपाध्यक्ष एवं डलाह वार्ड से जिला परिषद सदस्य रविकांत ने बताया कि केंद्र सरकार तो मजदूर विरोधी कानून बना ही रही है. इसके साथ हिमाचल प्रदेश सरकार की मजदूरों के हितों मे फैसले नहीं ले रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में एक बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को श्रम विभाग की तरफ से मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिया गया है जिससे प्रदेश के निर्माण मजदूरों में रोष है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने दिहाड़ी तो बढ़ा दी है, लेकिन अभी भी मनरेगा मजदूरों को बढ़ी हुई दिहाड़ी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सीटू मांग करती है कि मनरेगा मजदूरों को सभी प्रकार की लाभ दिए जाएं नहीं तो आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश में सभी पंजीकृत निर्माण एवं मनरेगा मजदूरों को संगठित कर सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान भारी संख्या में मजदूर मौजूद रहे जिन्होंने अपनी मांगों व सरकार के गलत फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
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