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ई-कॉमर्स कंपनियों को डिलीवरी की अनुमति देने का विरोध

करसोग व्यापार मंडल ने 20 अप्रैल से शुरू की जा रही ऑन लाइन शॉपिंग का कड़े शब्दों में विरोध किया है. व्यापारियों ने कहा कि देश में फैली कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए कारोबारी सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहे. राशन, दवाइयों और सब्जियों की दुकानों को छोड़कर अभी कारोबारियों ने पिछले करीब एक महीने से अपनी दुकानें बंद रखी है.

Businessmen opposed the government's decision of online shopping
कारोबारियों ने किया सरकार के ऑन लाइन शॉपिंग के फैसले का विरोध
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Published : Apr 19, 2020, 5:15 PM IST

मंडीः ई-कॉमर्स कंपनियों को होम डिलीवरी में छूट देने का व्यापारी विरोध कर रहे हैं. करसोग व्यापार मंडल ने 20 अप्रैल से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को डिलीवरी में जा रही छूट का विरोध किया है.

कारोबारियों के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग चालू होने से व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे. खासकर छोटे व्यापारियों की तो दुकानदारी ही बंद हो जाएंगी. ऐसे में हजारों कारोबारियों को अपने परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो जाएगा. व्यापारियों के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान सेनेटाइजेशन का ध्यान नहीं रखा जाएगा. जिससे कोरोना संक्रमण और फैल सकता है.

व्यापारियों ने कहा कि देश में फैली कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए कारोबारी सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहे. राशन, दवाइयों और सब्जियों की दुकानों को छोड़कर अभी कारोबारियों ने पिछले करीब एक महीने से अपनी दुकानें बंद रखी है.

वीडियो रिपोर्ट

कारोबारी लॉकडाउन को सफल बनाने में सरकार को पूरा सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में लंबे समय से दुकानें बंद होने से कारोबारियों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. इसके बाद अगर ऑनलाइन शॉपिंग शुरू होती है तो कारोबारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. इसलिए सरकार को तुरन्त प्रभाव से अपना निर्णय वापिस लेना चाहिए.

करसोग में 1500 कारोबारी:-
करसोग उपमंडल में 1500 के करीब छोटे बड़े कारोबारी हैं. जिनका परिवार केवल दुकानदारी पर चलता है. देश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने को लगे लॉक डाउन से कारोबार ठप हो गया है. राशन, दवाईयों और सब्जियों को दुकानों को छोड़कर सभी कारोबारी घरों में है. दुकानें बंद होने के कारण कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. अभी देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा, ऐसे में अभी कारोबारियों को और भी नुकसान उठाना होगा.

कारोबारियों का कहना है कि इसके बाद भी सरकार ने ऑन लाइन शॉपिंग को अनुमति प्रदान कर दी है. राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकारें पहले ही ऑन लाइन शॉपिंग की अनुमति दे चुकी हैं.

ऐसे में स्थानीय स्तर पर ऑन लाइन शॉपिंग का विरोध किया जा रहा है. उधर कारोबारियों का ये भी तर्क है कि कारोबार ठप होने के बाद भी व्यापारियों ने कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट से उभरने के प्रधानमंत्री राहत कोष सहित मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दे कर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपना योगदान दिया है.

ऐसे में सरकार को कारोबारियों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए. करसोग व्यापार मंडल के प्रधान नवीन गुप्ता का कहना है कि सरकार के ऑन लाइन शॉपिंग के निर्णय का सभी व्यापारी विरोध करते हैं.

उनका कहना है कि इससे कारोबारियों को काफी नुकसान होगा. लॉकडाउन के कारण कारोबार पहले ही ठप पड़ा है. उन्होंने सरकार से तुरन्त प्रभाव से निर्णय वापिस लेने का आग्रह किया है.

मंडीः ई-कॉमर्स कंपनियों को होम डिलीवरी में छूट देने का व्यापारी विरोध कर रहे हैं. करसोग व्यापार मंडल ने 20 अप्रैल से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को डिलीवरी में जा रही छूट का विरोध किया है.

कारोबारियों के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग चालू होने से व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे. खासकर छोटे व्यापारियों की तो दुकानदारी ही बंद हो जाएंगी. ऐसे में हजारों कारोबारियों को अपने परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो जाएगा. व्यापारियों के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान सेनेटाइजेशन का ध्यान नहीं रखा जाएगा. जिससे कोरोना संक्रमण और फैल सकता है.

व्यापारियों ने कहा कि देश में फैली कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए कारोबारी सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहे. राशन, दवाइयों और सब्जियों की दुकानों को छोड़कर अभी कारोबारियों ने पिछले करीब एक महीने से अपनी दुकानें बंद रखी है.

वीडियो रिपोर्ट

कारोबारी लॉकडाउन को सफल बनाने में सरकार को पूरा सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में लंबे समय से दुकानें बंद होने से कारोबारियों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. इसके बाद अगर ऑनलाइन शॉपिंग शुरू होती है तो कारोबारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. इसलिए सरकार को तुरन्त प्रभाव से अपना निर्णय वापिस लेना चाहिए.

करसोग में 1500 कारोबारी:-
करसोग उपमंडल में 1500 के करीब छोटे बड़े कारोबारी हैं. जिनका परिवार केवल दुकानदारी पर चलता है. देश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने को लगे लॉक डाउन से कारोबार ठप हो गया है. राशन, दवाईयों और सब्जियों को दुकानों को छोड़कर सभी कारोबारी घरों में है. दुकानें बंद होने के कारण कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. अभी देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा, ऐसे में अभी कारोबारियों को और भी नुकसान उठाना होगा.

कारोबारियों का कहना है कि इसके बाद भी सरकार ने ऑन लाइन शॉपिंग को अनुमति प्रदान कर दी है. राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकारें पहले ही ऑन लाइन शॉपिंग की अनुमति दे चुकी हैं.

ऐसे में स्थानीय स्तर पर ऑन लाइन शॉपिंग का विरोध किया जा रहा है. उधर कारोबारियों का ये भी तर्क है कि कारोबार ठप होने के बाद भी व्यापारियों ने कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट से उभरने के प्रधानमंत्री राहत कोष सहित मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दे कर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपना योगदान दिया है.

ऐसे में सरकार को कारोबारियों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए. करसोग व्यापार मंडल के प्रधान नवीन गुप्ता का कहना है कि सरकार के ऑन लाइन शॉपिंग के निर्णय का सभी व्यापारी विरोध करते हैं.

उनका कहना है कि इससे कारोबारियों को काफी नुकसान होगा. लॉकडाउन के कारण कारोबार पहले ही ठप पड़ा है. उन्होंने सरकार से तुरन्त प्रभाव से निर्णय वापिस लेने का आग्रह किया है.

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