सुजानपुर/ हमीरपुर: कोरोना महामारी के दौरान कोरोना योद्धाओं के रूप में आशा वर्कर्स ने पीड़ितों की सेवा और उन्हें जागरूक किया है और समाज में एक अलग छाप छोड़ी है. इसी बीच उन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं.
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान बेहतरीन सेवाएं देकर कोरोना वॉरियर्स के तौर पर स्वास्थ्य विभाग में तैनात महिला कर्मियों ने अपनी अलग पहचान बनाई है, क्योंकि स्वास्थ्य कर्मी महिलाओं ने अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों को जागरूक किया. साथ ही केस फाइंडिग अभियान में भी जी जान से काम करके अपनी सेवाएं दी हैं.
आशा वर्कर निर्मला देवी ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान लोगों को सोशल डिस्टेसिंग के अलावा सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने और घरों में रहकर कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया गया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान सभी का पूरा सहयोग मिला है और सभी ने हमारा मनोबल बढ़ाया है.
निर्मला देवी ने बताया कि शुरूआती दौर में केस आने पर डर लगता था, लेकिन अब उनको डर नहीं लगता है. उन्होंने बताया कि अब लोग बीमारी के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं, लेकिन लोगों को जागरूक रहना चाहिए.
आशा वर्कर विक्रमा शुक्ला ने बताया कि कोरोना बीमारी के चलते डयूटी करते समय कोई समस्या पेश नहीं आई है और जो भी काम सीएमओ द्वारा दिया गया उसे पूरा किया गया है. उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिग सर्वे से लेकर कोरोना मरीजों के साथ काम किया है और इसी बीच पूरी सावधानी रखी गई है.
विक्रमा शुक्ला ने बताया कि संक्रमण से डर लगता था, लेकिन कभी वो डयूटी निभाने में पीछे नहीं हटी. उन्होंने कहा कि सासन पंचायत में आठ मरीज कोरोना से संभावित पहुंचे थे, जिसमें चार लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे.
आशा वर्कर पवन देवी ने बताया कि कोरोना बीमारी के दौरान शुरू में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में पूरी जागरूकता होने पर लोगों के बीच में जाकर अच्छे से काम किया. उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी से डर तो हमेशा मन में रहता था, लेकिन सोशल डिस्टेसिंग का पालन करके, मास्क लगाकर बीमारी से बचाव किया है.
पवन देवी ने बताया कि घर के पूरे परिवार ने हमेशा सहयोग दिया है, जिससे बीमारी से जूझ रहे लोगों की सेवा करने में सहयोग मिला. उन्होंने लोगों से सामाजिक दूरी और मास्क लगाने की अपील की है.
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